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Showing posts with the label राजस्थान में कृषि योजनाएँ

PM Kisan Samman Nidhi Yojana

PM किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) : क्या है PM किसान सम्मान योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को 6,000 रुपये सालाना की न्यूनतम सुनिश्चित आय के लिये पूरक आय प्रदान करेगी। इस योजना के तहत तीन किस्तों 6000 रुपये किसानों के खाते में ट्रांसफर होंगे। यह योजना 01.12.2018 से शुरू की गई, जिसकी घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने की थी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसे 24 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से इसकी शुरुआत की थी। इस योजना के तहत सरकार किसानों को खाते में सालाना 6,000 रुपये डालेगी। उद्देश्य- देश में छोटे और सीमांत किसानों को प्रत्यक्ष आय सम्बन्धी सहायता दिए जाने के प्रयोजनार्थ एक सुव्यवस्थित कार्ययोजना प्रारम्भ करने के लिए भारत सरकार द्वारा शत-प्रतिशत केंद्रीय सहायता के साथ (पीएम-किसान) नाम की योजना प्रारम्भ की है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का फायदा अब देश के सभी किसानों को मिलेगा- हालांकि योजना के तहत पहले यह शर्त थी कि जिन किसानों के पास 2 हेक्टेयर यानि करीब 5 एकड़ तक

Fishing in Rajasthan and Department of Fisheries - राजस्थान में मत्स्य पालन विभाग और मत्स्य पालन

राजस्थान में मत्स्य पालन विभाग की योजनाएं - राजस्थान में बड़ी संख्या में जल निकाय जैसे नदियां, तालाब, झीलें और बांध उपलब्ध हैं, जो यहाँ मत्स्य पालन के विकास की संभावना प्रदान करते हैं। राज्य में ताजे पानी के साथ-साथ नमकीन जल संसाधन भी हैं। राज्य में मत्स्य पालन के लिए कुल 15838 जल निकाय उपलब्ध हैं जो 4,23,765 हेक्टेयर क्षेत्रफल को कवर करते हैं। इसके अतिरिक्त नदियों और नहरों का 30,000 हेक्टेयर और पूर्ण टैंक लेवल (FTL) पर 80,000 हेक्टेयर जल भराव क्षेत्र हैं। साथ ही 1.80 लाख हेक्टेयर नमकीन जल क्षेत्र है।        राजस्थान में जल संसाधन (in Ha) जल संसाधन का प्रकार जल निकायों की संख्या क्षेत्र पूर्ण टैंक स्तर पर हेक्टेयर में (FTL in Ha) माइनर टैंक और तालाब (<1 span=""> 6913 4745 मध्यम टैंक और तालाब (1.1 - 10 हेक्टेयर) 6207 25516 बड़े टैंक और तालाब (10.1 - 100 हेक्टेयर) 2047 63,648 छोटे जलाशय (101 -1000 हेक्टेयर) 346 82,396 मध्यम जलाशय (1001-5000 हेक्टेयर) 35 64,151 बड़े जलाशयों (> 5000 हेक्टेयर) 12 1,83,309 कुल

Rajasthan Seeds Mini-kit Scheme- राजस्थान बीज मिनिकिट योजना

बीज मिनिकिट योजना       राज्य योजना, राष्ट्रीय तिलहन एवं ऑयल पॉम मिशन तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत मिनिकिट वितरण        मिनिकिट का आयोजन राजस्थान के विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के लिए फसल की उपज एवं गुणवत्‍ता के आधार पर किस्म चयन में सहायक होती है। कमजोर वर्ग के कृषकों को मिनिकिट के माध्‍यम से लाभान्वित किया जाता है। पात्रता :- मिनिकिट अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमान्त तथा गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले कृषकों को प्राथमिकता से मिनिकिट का वितरण किया जाता है। कुल लागत का 10 प्रतिशत टोकन मनी के रूप में कृषक से वसूल कर मिनिकिट वितरण किये जाते हैं। मिनिकिट महिला के नाम से दिये जाते है, चाहे भूमि महिला के पति/पिता/ससुर के नाम से हो। एक महिला को मिनिकिट का एक ही पैकेट दिया जायेगा। एक ही कृषक परिवार की अलग-अलग कृषक महिला सदस्य के नाम से मिनिकिट नहीं दिए जाएंगे। यदि किसी ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के कृषक उपलब्‍ध नहीं हो तो सामान्य श्रेणी के महिला कृषकों में मिनिकिट वितरण किया जा सकता है। मिनिकिट्स हेतु ऐसे कृषकों का चयन क

Rajasthan's Gypsum Distribution Scheme- राजस्थान जिप्सम वितरण कार्यक्रम

  क्या होता है जिप्सम- जिप्सम एक प्रकार का खनिज है। रासायनिक संरचना की दृष्टि से यह कैल्सियम का सल्फेट है, जिसमें जल के भी दो अणु रहते हैं। इसका रासायनिक सूत्र CaSO 4 ·2H 2 O है। जिप्सम में 16 से 19 प्रतिशत कैल्शियम एवं 13 से 16 प्रतिशत सल्फर होता है। प्रकृति में  जिप्‍सम दो रूपों में पाया जाता है-   खनिज जिप्‍सम  - खनिज जिप्‍सम को भूगर्भ से खोदकर प्राप्‍त किया जाता है। अधिकांश खान उत्‍पादनों में जिप्‍सम की गुणवत्ता 70 से 95 प्रतिशत के बीच होती है।  उत्‍पाद जिप्‍सम   - उत्‍पाद जिप्‍सम में प्रमुख रूप से समुद्री जिप्‍सम, फोसफो जिप्‍सम, फ्लोरो जिप्‍सम, बोरो जिप्‍सम, स्‍क्रवर जिप्‍सम इत्‍यादि शामिल है। सामान्‍य नमक के उत्‍पादन के दौरान समुद्री जिप्‍सम समुद्र के पानी से एक उपउत्‍पाद (by product) के रूप में प्राप्‍त किया जाता है, जबकि अन्‍य प्रकार के जिप्सम विभिन्‍न रासायनिक सयंत्रो से सह-उत्‍पाद के रूप में प्राप्‍त होते हैं।  जिप्सम को कैल्‍साइंड करना - जिप्‍सम को गर्म करने पर इसमें उपस्थित जल की मात्रा कम हो जाती है।  इस प्रकार बने आंशिक निर्जलीकृत जिप्सम को कैल्‍साइंड जिप्‍सम कहते है

Agriculture Schemes of Rajasthan - प्रमाणित बीज वितरण हेतु अनुदान सहायता

प्रमाणित बीज वितरण हेतु अनुदान सहायता फसल उत्‍पादन में गुणवत्‍तायुक्‍त /प्रमाणित बीज का प्रमुख योगदान है। इससे ना केवल प्रति इकाई फसल उत्‍पादन में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि होती है, अपितु फसल उत्‍पादन के अन्‍य आदानों यथा उर्वरक, सिचाई आदि का भी समुचित उपयोग होता है। देय लाभ :- विभाग द्वारा संचालित विभिन्‍न योजनाओं के तहत प्रमाणित बीज वितरण पर देय लाभ का विवरण निम्‍नानुसार है। 1     दलहनी फसले (मूंग, मोठ, उडद, अरहर, चना)-   15 वर्ष तक की अवधि की अधिसूचित किस्‍मों के बीज की कीमत का 50 प्रतिशत अ‍थवा रूपये 2500 प्रति क्वि. जो भी कम हो 2     मोटा अनाज (बाजरा, ज्‍वार, मक्‍का, जौ) की किस्‍में-        सामान्य किस्‍में-    10 वर्ष से कम अ‍वधि की अधिसूचित किस्‍मों के बीज की कीमत का 50 प्रतिशत अ‍थवा रूपये 1500 प्रति क्वि. जो भी कम हो संकर किस्‍में -   10 वर्ष से कम अ‍वधि की अधिसूचित किस्‍मों के बीज की कीमत का 50 प्रतिशत अ‍थवा रूपये 5000 प्रति क्वि. जो भी कम हो। 3     गेहूं एवं धान-       10 वर्ष से कम अ‍वधि की अधिसूचित किस्‍मों के बीज की कीमत का 50 प्रतिशत अ‍थवा रूपये