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Kya Hota Hai Sivay Chak bhumi सिवायचक भूमि पर बसे गाँवों को भूमि रूपान्तरण के बाद पट्टे जारी होंगे- नगरीय विकास मंत्री

सिवायचक भूमि पर बसे गाँवों को भूमि रूपान्तरण के बाद पट्टे जारी होंगे - नगरीय विकास मंत्री नगरीय विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल ने शुक्रवार को विधानसभा में राजस्व मंत्री की ओर से बताया कि सिवायचक भूमि shivay chak bhumi पर बसे गाँवों में भूमि रूपान्तरण के बाद ही ग्राम पंचायतों द्वारा आबादी पट्टे जारी किये जा सकते हैं। श्री धारीवाल ने प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से इस सम्बन्ध में पूछे गये पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि सिवाय चक जमीन पर बसे गावों को आबादी क्षेत्र में भूमि रूपान्तरण के लिए पहले ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव जिला कलक्टर को भेजे जाते हैं। उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर द्वारा भूमि रूपान्तरण आबादी क्षेत्र में करने के बाद ही ग्राम पंचायत ऎसी भूमि पर बसे गांवाें व लोगों को पट्टे जारी कर सकती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गावों में ऎसी भूमि जिस पर वर्षों से लोग बसे हुए हैं और वह पहले से ही आबादी क्षेत्र घोषित है ऎसे क्षेत्रों में बसे लोगाें को स्थानीय ग्राम पंचायत पट्टे जारी कर सकती है। इससे पहले विधायक श्रीमती शकुन्तला रावत के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्र

Joint Dakshana Selection Test -JDST will be held on 18th April | संयुक्त दक्षणा सलेक्शन परीक्षा 18 अप्रेल को आयोजित होगी

संयुक्त दक्षणा सलेक्शन परीक्षा 18 अप्रेल को आयोजित होगी केद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा दक्षणा संस्था की सहभागिता से एकलव्य मॉडल रेजीडेन्शियल स्कूल के विद्यार्थियों के लिए दक्षणा एकवर्षीय छात्रवृति योजना चलायी जा रही है, जिसके तहत् जरूरतमंद व योग्य विद्यार्थियो कों जेईई एवं एनईईटी की निःशुल्क कोचिंग दी जायेगी। संयुक्त दक्षणा सलेक्शन टेस्ट (JDST-Joint Dakshana Selection Test) की परीक्षा 18 अप्रेल, 2021 को आयोजित की जाएगी, जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। क्या है दक्षणा और इसकी छात्रवृत्ति योजना - टीएडी आयुक्त जितेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि दक्षणा स्वयंसेवी संस्था है, गत 12 वर्षो से विद्यार्थियों को निःशुल्क छात्रवृति प्रदान कर रही है। इसके द्वारा प्रत्येक वर्ष न्यूनतम 600 छात्रवृतियाँ प्रदान की जाती है, उसमें से 70 प्रतिशत विद्यार्थियों का चयन आईआईटी, एनआईटी व एआईआईएमएस और तथा देश के अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजो में होता है। श्री उपाध्याय ने बताया कि पिछले कुछ वर्षो में दक्षणा के 6200 से अधिक विद्यार्थियों में से 2400 से अधिक का आईआईटी, 1400 से अधिक का एनआईटी और 600

Tourist Circuits of Rajasthan in SWADESH DARSHAN SCHEME

Tourist Circuits of Rajasthan Under Govt of India's SWADESH DARSHAN SCHEME T he Government of India, Ministry of Tourism (MoT) launched the Swadesh Darshan Scheme (Central Sector Scheme) – for integrated development of theme based tourist circuits in the country in 2014 - 15. The SWADESH DARSHAN Scheme is 100% centrally funded and efforts are made to achieve convergence with other schemes of Central and State Governments and also to leverage the voluntary funding available for Corporate Social Responsibility (CSR) initiatives of Central Public Sector Undertakings and Corporate Sector. Tourist Circuit in this scheme is defined as a route having at least th ree major tourist destinations which are distinct and apart. Themes of Tourist Circuit s in Swadesh Darshan Scheme- Eco - tourism,  Wildlife,  Buddhist,  Desert,   Spiritual,  Ramayana,   Krishna,  Coastal,   Northeast,  Rural,  Himalayan,  Tribal and Heritage   Theme of the Tourist Circuits of Rajasthan

'The India Toy Fair' will be organized virtually from February 27, 2021 to March 2, 2021

‘भारत खिलौना मेला’ का आयोजन वर्चुअल माध्यम से 27 फरवरी 2021 से दो मार्च 2021 तक  'The India Toy Fair' will be organized virtually from February 27, 2021 to March 2, 2021 भारत सरकार वर्चुअल माध्यम से 27 फरवरी , 2021 से 2 मार्च , 2021 तक भारत खिलौना मेला , 2021 ( द इंडिया टॉय फेयर, 2021 The India Toy Fair ) का आयोजन कर रही है। यह पहल भारत को खिलौना उद्योग के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने को लेकर प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इस मेले का उद्देश्य स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए “ आत्मनिर्भर भारत ” और “ वोकल फॉर लोकल ” अभियानों के बुनियादी विषयों को एक प्रोत्साहन प्रदान करना है। इसके अलावा इसका उद्देश्य शिक्षा में सभी उम्र के लोगों की सीखने की प्रक्रिया को आनंदपूर्ण बनाने में खिलौने की क्षमता का लाभ भी उठाना है। भारत खिलौना मेला 2021 का उद्देश्य- नीति निर्माताओं , खिलौना निर्माताओं एवं वितरकों , निवेशकों , उद्योग विशेषज्ञों , सूक्ष्म , लघु एवं मध्यम उद्यमों ( एम

What is sweet revolution | क्या है मीठी क्रांति

  क्या है मीठी क्रांति- What is sweet revolution मीठी क्रांति sweet revolution शहद का उत्पादन बढ़ाने के लिए की जाने वाली क्रांति है। इस sweet revolution के जरिए किसानों को देश और विदेश में ग्राहक देकर उनकी आमदनी बढाई जानी है। ध्यातव्य है कि देश में सालाना 1.10 लाख टन शहद का उत्पादन होता है। अगले पांच साल में इसे दुगुना करने का लक्ष्य है। इस समय लगभग 10 हजार पंजीकृत किसान 15 लाख मधुमक्खियों की कॉलोनी बनाकर शहद उत्पादन कर रहे हैं। दुनिया भर में हम शहद बनाने वालों में टॉप-5 में है। इसे तेजी से बढ़ाने का लक्ष्य है। अनुमान है कि इससे आय में वृद्धि के साथ, फसलों का उत्पादन भी 15% तक बढ जाएगा। मीठी क्रांति sweet revolution के उदेश्य • किसानो को मधुमक्खी पालन से जोड़कर रोजगार प्रदान करना है। • कृषि एवं उद्यानिकी उपज तथा किसानों की आय को बढ़ाना। • शहद उत्पादन के क्षेत्र में राज्य को अग्रणी बनाना। • बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाना। • गुणवतायुक्त शहद का उत्पादन। मधुमक्खी पालन एक कृषि आधारित गतिविधि है , जो एकीकृत कृषि व्यवस्था ( आईएफएस ) के तहत ग्रामीण क्षेत्र में किसान / भूमिहीन मज

Rajasthan Current Affairs 5-11 February 2021

  जनजातीय विद्यार्थियों के कौशल प्रशिक्षण हेतु टीएडी एवं सीपेट में करार सीपेट 90 जनजातीय विद्यार्थियों को 3 माह का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देगा जनजातीय युवाओं को नवीनतम तकनीकी से जोड़ने एवं उनके कौशल संवर्धन हेतु जनजाति क्षेत्रीय विकास ( टीएडी) विभाग एवं भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय का जयपुर स्थित सीपेट संस्थान जनजातीय विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण देने हेतु सहमत हो गये हैं ।  संयुक्त शासन सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग ( टीएडी) , श्रीमती नेहा गिरी ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं सीपेट के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत जयपुर स्थित सीपेट 90 जनजातीय विद्यार्थियों को प्लास्टिक प्रोसेसिंग और सीएनसी लेथ मशीन के तीन विभिन्न कार्यों के लिये 3 महीने का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देगा। समझौता पत्र पर टीएडी की ओर से आयुक्त श्री जितेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं सीपेट संस्था के निदेशक डॉ. सैय्यद अमानुल्ला ने हस्ताक्षर किये ।  प्लास्टिक प्रोसेसिंग प्रशिक्षण के लिये जनजातीय समुदाय का राजस्थान का मूल निवासी होना, 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण व आयु 18 से 35 वर्

90 जनजातीय विद्यार्थियों के कौशल प्रशिक्षण हेतु टीएडी एवं सीपेट में करार | Agreement on TAD and CIPET for skill training of 90 tribal students

जनजातीय विद्यार्थियों के कौशल प्रशिक्षण हेतु टीएडी एवं सीपेट में करार सीपेट 90 जनजातीय विद्यार्थियों को 3 माह का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देगा जनजातीय युवाओं को नवीनतम तकनीकी से जोड़ने एवं उनके कौशल संवर्धन हेतु जनजाति क्षेत्रीय विकास ( टीएडी) विभाग एवं भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय का जयपुर स्थित सीपेट संस्थान जनजातीय विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण देने हेतु सहमत हो गये हैं ।  संयुक्त शासन सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग ( टीएडी) , श्रीमती नेहा गिरी ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं सीपेट के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत जयपुर स्थित सीपेट 90 जनजातीय विद्यार्थियों को प्लास्टिक प्रोसेसिंग और सीएनसी लेथ मशीन के तीन विभिन्न कार्यों के लिये 3 महीने का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देगा। समझौता पत्र पर टीएडी की ओर से आयुक्त श्री जितेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं सीपेट संस्था के निदेशक डॉ. सैय्यद अमानुल्ला ने हस्ताक्षर किये ।  प्लास्टिक प्रोसेसिंग प्रशिक्षण के लिये जनजातीय समुदाय का राजस्थान का मूल निवासी होना, 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण व आयु 18 से 35 वर्ष