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Transport voucher scheme ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना

ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना  अब स्कूल जाने में नहीं कोई बाधा राज्य सरकार द्वारा 6 से 14 आयु वर्ग के बालक-बालिकाओं को प्रारंभिक शिक्षा हेतु निःशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना 2017-18 का संचालन किया जा रहा है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के राजकीय विद्यालयो में पढ़ रहे कक्षा 1 से 8 तक के उन सभी छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा जिनके निवास स्थान से एक किलोमीटर पर राजकीय प्राथमिक और दो किलोमीटर की दूरी तक कोई राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नहीं है। कम आबादी वाले क्षेत्रों, ढाणियों जहां पर विद्यालय संचालन संभव नहीं है, वहां निवास करने वाले 6 से 14 आयुवर्ग के सभी बालक-बालिकाओं को ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना से लाभान्वित किया जायेगा। इसके अंतर्गत कक्षा 1 से 5 तक विद्यालय से एक किलोमीटर से अधिक की दूरी पर छात्रों को प्रति उपस्थिति दिवस 10 रुपये तथा कक्षा 6 से 8 तक दो किलोमीटर से अधिक की दूरी पर 15 रुपये प्रति उपस्थिति दिवस ट्रांसपोर्ट वाउचर से लाभान्वित किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना शुरू करने के बाद वर्तमान में संचालित किसी भी विद्यालय को बंद या निक

जैतून की प्रसंस्कृत चाय का राजस्थान में उत्पादन-

विश्व में पहली बार जैतून की प्रसंस्कृत चाय का राजस्थान में उत्पादन शुरू- राजस्थान देश में जैतून की खेती करने वाला एवं जैतून की प्रोसेस्ड ऑलिव टी बनाने वाला विश्व का पहला राज्य बन गया है। यह रोचक बात है कि जैतून राज्य की परम्परागत फसल नहीं होने के बावजूद भी इसका उत्पादन और प्रसंस्करण राजस्थान में सफलतापूर्वक होने लगा है। अगर राज्य में जैतून उत्पादन की ओर नजर डालें, तो पता चलता है कि जैतून की खेती की शुरूआत इस सरकार के गत कार्यकाल में हुई, जब मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में कृषि विशेषज्ञों का एक दल इजरायल गया था। वहां से लौटने के बाद मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने प्रदेश में जैतून की खेती करने का निर्णय लिया। 20 मार्च, 2008 को बस्सी के ढिंढोल फार्म पर जैतून के प्रथम पौधे का रोपण किया गया। राज्य के 7 कृषि जलवायु खंडों में इसका प्रायोगिक रोपण किया गया। यह प्रयोग सफल हुआ और राज्य में जैतून लहलहाने लगा। प्रदेश में जैतून अरबेक्विना, बरनियर, फ्रंटोयो, कोर्टिना, कोलोनाइकी, पासोलिन, पिकुअल किस्मों का पौधारोपण किया गया है।  सफल पौधारोपण के बाद इसका लगा

Bhamashah Health Insurance Scheme - भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना

भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (Bhamashah Health Insurance Scheme) राजस्थान सरकार की महत्वपूर्ण एवं गरीबों के लिए बनाई गई कल्याणकारी भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (Bhamashah Health Insurance Scheme) निर्धन परिवारों के लिए वरदान बनकर उभरी है। प्रदेश में आज ऎसे अनेकों परिवार हैं जो कभी पैसों के अभाव में अपना उपचार नहीं करवा पाए, इस योजना का लाभ उठाकर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। महंगे इलाज का भार अब नहीं गरीब की जेब पर राज्य सरकार द्वारा एक बड़े लोक कल्याणकारी कदम के रूप में राजस्थान में 13 दिसम्बर 2015 से भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (Bhamashah Health Insurance Scheme) का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसका क्रियान्वयन राज्य के खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत पात्र लाभार्थी परिवारों के लिए बीमा कम्पनी (Insurance Company) के माध्यम से किया जा रहा है। इस योजना का 13 दिसम्बर 2017 से नवीनीकरण किया गया है, जिसके अन्तर्गत पैकेज संशोधन के अतिरिक्त योजना के कुछ प्रावधानों में भी बदलाव किया है।   उद्देश्य- सरकार का उद्देश्य राज्य के गरीब परिवारों को योजना के जरिए बीम

Panchayati Raj in Rajasthan - राजस्थान में पंचायती राज संस्थाएं एक दृष्टि में

राजस्थान में पंचायती राज संस्थाएं एक दृष्टि में  1-  कुल जिला परिषदें  33  2-  कुल पंचायत समितियां  295  3-  कुल ग्राम पंचायतें  9,891  4-  औसत ग्राम पंचायतें प्रति पंचायत समिति  34  5-  औसत पंचायत समिति प्रति जिला परिषद  8  6-  कुल प्रशिक्षण केन्द्र  5  7-  प्रशिक्षण क्षमता  250  I-    जिला प्रमुख  33  II-    प्रधान  295  III-    जिला परिषद सदस्य  1,014  IV-    पंचायत समिति सदस्य  6,236  V-    सरपंच  9,894

Fairs And Festival of Rajsthan Tourism Department

Fairs And Festival of Rajsthan Tourism Department

Keoladeo National Park- Haven for Bird पक्षियों के लिए स्वर्ग केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान

पक्षियों के लिए स्वर्ग केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान  Keoladeo National Park- Haven for Bird भरतपुर स्थित केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान जिसे केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान भी कहा जाता है, को विश्व का सबसे महत्वपूर्ण पक्षी प्रजनन और आहार क्षेत्र में से एक माना जाता है। इस उद्यान में शरद ऋतु में सैंकड़ों प्रजातियों के प्रवासी पक्षी अफगानिस्तान, तुर्की, चीन और सुदूर साइबेरिया से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर के घना पहुँचते हैं तथा यह परंपरा सैंकड़ों वर्षों से जारी है। करीब यह पूर्व में "भरतपुर पक्षी अभयारण्य" के रूप में जाना जाता था। इसे 1850 के दशक में एक शाही शिकार रिजर्व के रूप में संरक्षित किया गया था तथा भरतपुर के महाराजा और ब्रिटिश अफसरों के लिए एक गेम रिज़र्व था। इस क्षेत्र में 1936 से 1943 तक भारत के ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने अपनी शिकार पार्टी में हजारों पक्षी मार गिराए थे। उन दिनों पक्षियों के शिकार का शौक में इस कदर वृद्धि हो गई कि सन 1927 में महाराज अलवर के आगमन पर आयोजित शिकार में यहां 1453 पक्षी गोलियों से भूने गये। सन 1936 में वायसराय लार्ड लिना

लाइट हाउस प्रोजेक्ट लागू करने वाला एशिया का पहला शहर बना जयपुर

लाइट हाउस प्रोजेक्ट लागू करने वाला एशिया का पहला शहर बना जयपुर   साकार होगा राजस्थान के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का सपना - मुख्यमंत्री जयपुर, 9 जनवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सोमवार को जयपुर विकास प्राधिकरण के परिसर में नेटवर्क ऑपरेशन केंद्र का उद्घाटन कर लाइट हाउस प्रोजेक्ट शुरू किया और जेएलएन मार्ग स्थित जेनपेक्ट बिल्डिंग में जेनपेक्ट तथा सिस्को की भागीदारी से स्थापित ग्लोबल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया। इसी के साथ लाइट हाउस प्रोजेक्ट लागू करने वाला जयपुर एशिया का पहला शहर बन गया। ग्लोबल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया तथा स्मार्ट सिटी के सपने को पूरा करने में राजस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। तकनीक के क्षेत्र में विश्व की बड़ी कम्पनी सिस्को तथा जेनपेक्ट की भागीदारी से राजस्थान के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का सपना जल्द ही साकार होगा। जेनपेक्ट तथा सिस्को की भागीदारी से स्थापित इस केंद्र में युवाओं को आईटी से संबंधित उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। दिल्ली और बैंगलुरू को पीछे छोड़ देगा जयपुर   मुख्यमंत