Skip to main content

Posts

Rajasthan is the Leading State in Minerals राजस्थान खनिज क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश

राजस्थान खनिज क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश खनिजों की उपलब्धता के लिहाज़ से राजस्थान का देश में प्रमुख स्थान है। राज्य में 79 में से 57 प्रकार के खनिजों का दोहन किया जा रहा है। राजस्थान प्रत्येक वर्ष खनन क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान देकर खनिज दोहन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।   Rajasthan -the Leading State in Minerals राजस्थान खनिज क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश ई-ऑक्शन द्वारा नीलामी- वर्ष 2016-17 में प्रदेश में पांच बड़े खनिज ब्लॉक्स की नीलामी करने के लिए राज्य सरकार ने अनुमति दी। खान निदेशालय ने इस वर्ष इनकी नीलामी की अधिसूचना जारी की।  इन पांच में से चार सीमेंट ब्लॉक्स को माइनिंग लीज़ और एक कॉपर ब्लॉक को कम्पोज़िट लाइसेंस पर ई- ऑक्शन द्वारा दिया जाना तय किया गया।  इस वर्ष 22 सितम्बर को ई- ऑक्शन द्वारा नागौर जिले की जायल तहसील में लाइमस्टोन की रिकार्ड नीलामी हुई। यहां 168 मिलियन टन हाई ग्रेड लाइमस्टोन रिसोर्सेज़ मिले हैं।  भविष्य में इससे लगभग 6000 करोड़ का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इससे बेरोजगारी भी खत्म होगी व राजस्थान माइनिंग में अग्रणी पसंद बनेगा।  बाकी चारों ब्लॉक

साहित्यकार डॉ. सत्यनारायण को छब्बीसवां बिहारी पुरस्कार

राजस्थान के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. सत्यनारायण को वर्ष 2016 को छब्बीसवां बिहारी पुरस्कार दिया जायेगा। के के बिरला फाउंडेशन द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि डॉ. सत्यनारायण की हिन्दी रिपोर्ताज कृति ‘यह एक दुनिया’ को वर्ष 2016 के 26वें बिहारी पुरस्कार के लिए चुना गया। इस पुस्तक का प्रकाशन वर्ष 2010 में हुआ था। पुरस्कार के रूप में डॉ. सत्यनारायण को दो लाख रूपये, प्रतीक चिह्न और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा। बिहारी पुरस्कार के लिए नंद भारद्वाज की अध्यक्षता में चयन समिति की बैठक में इस पुरस्कार के लिए डॉ. सत्यनारायण का चयन किया गया। बिहारी पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1991 में की गयी थी। पहला पुरस्कार डॉ. जय सिंह नीरज की कृति ‘ढ़ाणी का आदमी’ को दिया गया था। देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले राजस्थान के मूल निवासी या फिर बीते सात साल से स्थायी रूप से राजस्थान में रहने वाले देश के किसी भी हिस्से के निवासी लेखक की राजस्थानी या हिन्दी की कृति को प्रदान किया जाता है। कृति का प्रकाशन बीते दस साल में हुआ हो।

MUKHYAMANTRI RAJSHREE SCHEME - मुख्यमंत्री राजश्री योजना

बेटियां घर की लक्ष्मी हैं लेकिन कई कारणों से बालिकाओं की जन्म दर कम रही है। बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने, उन्हें शिक्षित व सशक्त बनाने के लिए सरकार ने 1 जून 2016 से मुख्यमंत्री राजश्री योजना राज्य में शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य है कि बेटियों की जन्म दर बढ़े, बेटियों को अच्छी परवरिश मिले व बेटियां पढ़ लिखकर आगे बढ़ें।  बजट घोषणा 2016-17 के अनुसार मुख्यमंत्री‬ ‪शुभलक्ष्मी‬ ‎योजना‬ का नाम बदलकर आज से मुख्यमंत्री ‪‎राजश्री‬ योजना हो गया। इसी के साथ ही इसमें लाभान्वित राशि भी 7400 रुपए से बढ़कर 50 हजार रुपए कर दी  गई। शुभलक्ष्मी योजना में सरकार सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाली बेटी को 2100 रुपए की आर्थिक सहायता देती थी तथा योजना के तहत समय-समय पर मां-बेटी को 7400 रुपए तक की आर्थिक सहायता देने का भी प्रावधान था। शुभलक्ष्मी योजना 1 अप्रैल 2013 से संचालित थी जो अब राजश्री योजना हो गयी है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने शुभलक्ष्मी योजना का नाम बदलने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी 50 हजार रुपए कर दी है एवं इसका लाभ 1 जून से सरकारी अस्पतालों तथा जेएसवाई द्वा

Annapurna kitchen scheme अन्नपूर्णा रसोई योजना

राजस्थान सरकार ने राज्य के शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों, रिक्शावालों, ठेलेवालों, ऑटोवालों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं, बुजुर्गों एवं अन्य असहायों, जरूरतमंद व्यक्तियों को ध्यान में रखकर उनकी सेहत के लिए अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरूआत की है। इस योजना का शुभारम्भ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा 15 दिसंबर 2016 को किया गया है।  इस योजना में अन्नपूर्णा रसोई वैन के माध्यम से मात्र रु 5 में नाश्ता तथा मात्र रु 8 में पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। योजना के पहले चरण में 12 शहरों में 80 अन्नपूर्णा रसोई वैनों के माध्यम से नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराया जाएगा- जयपुर जोधपुर कोटा अजमेर बीकानेर उदयपुर भरतपुर बारां बांसवाड़ा डुंगरपुर प्रतापगढ़ झाला वाड़ अन्नपूर्णा रसोई योजना की विशेषताएं इस रसोई वैन में लाभार्थियों के लिए नाश्ता, दोपहर का भोजन एवं रात्रि का भोजन उपलब्ध होगा। योजना में नाश्ता मात्र 5 रुपये में मिलेगा। नाश्ता के रूप में पोहा, सेवइयाँ, इडली साँभर, लापसी, ज्वार खिचड़ा, बाजरा खिचड़ा, गेहूं खिचड़ा आदि मिलेंगे। इस योजना में

मिशन परिवार विकास परियोजना

परिवार कल्याण सेवाओं को प्रभावी बनाने हेतु मिशन परिवार विकास     जयपुर, 26 दिसम्बर। परिवार कल्याण सेवाओं का प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने हेतु ‘मिशन परिवार विकास‘ परियोजना के तहत प्रदेश के 14 जिलों में विशेष कार्ययोजना बनाकर कुल प्रजनन दर सहित विभिन्न परिवार नियोजन मापदंड़ों में सुधार लाया जायेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा युनीसेफ, युएनएफपीए, निपी तथा पाथ फाईन्डर इत्यादि संगठनों के साथ चयनित जिलों में प्रभावी परिवार कल्याण गतिविधियां की जायेगी। मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सोमवार को झालाना डूंगरी स्थित राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केन्द्र में आयोजित ‘मिशन परिवार विकास‘ की आमुखीकरण कार्यशाला में यह जानकारी दी।  ‘मिशन परिवार विकास‘ में शामिल 14 जिले  धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर व भरतपुर (भरतपुर संभाग), उदयपुर, डूंगरपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा (उदयपुर संभाग), जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली व सिरोही (जोधपुर संभाग) एवं कोटा संभाग के बारां है। केन्द्र द्वारा कुल प्रजनन दर मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्युदर अधिक वाले 14 जिलों को मिशन परिवार विकास

Rajasthan Current Affairs - 2016

किस्मत योजना से किसान बनेगा सशक्त 23 दिसंबर को कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के सचिव श्री रजत कुमार मिश्र ने जयपुर में कहा कि राज्य सरकार की "किस्मत योजना" (नॉलेज इन्टिग्रेटेड स्किल माड्युल्स फॉर एग्रीकल्चर, हार्टिकल्चर एंड एनीमल हस्बेन्डरी ट्रेनिंग) के अंतर्गत राज्य के किसानों को कृषि, पशुपालन तथा बागवानी से जुड़े क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत किसान को नवीनतम तकनीक से जुड़े क्षेत्रो में प्रशिक्षित किया जाएगा जिससे किसान सशक्त बन सकें। शेयरधारकों ने भी राज्य में किस्मत योजना को संचालन करने में रूचि दिखाई। केन्द्रीय वन मंत्री ने किया तीसरे उदयपुर बर्ड फेस्टीवल का शुभारम्भ     24 दिसम्बर शनिवार को केन्द्रीय वन मंत्री श्री अनिल माधव दवे ने तीन दिवसीय तीसरे उदयपुर बर्ड फेस्टीवल- 2016 का विधिवत शुभारम्भ किया। शुभारम्भ के अवसर पर उपस्थित पक्षीप्रेमियों को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पक्षियों से हमें कई प्रकार की सीख मिलती है। उन्होंने जटायु, बाज ए