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Safa, Turbans and Pags of Rajasthan- राजस्थान के पाग, पगड़ी और साफ़ा

राजस्थान सम्पूर्ण राष्ट्र में अपनी संस्कृति तथा प्राकृतिक विविधता के लिए पहचाना जाता है। राजस्थान के रीति- रिवाज, यहां की वेशभूषा तथा भाषा सादगी के साथ-साथ अपनेपन का भी अहसास कराते है। राजस्थान के लोग रंगीन कपड़े और आभूषणों के शौकीन होते हैं। राजस्थान के समाज के कुछ वर्गों में से कई लोग पगड़ी पहनते हैं, जिसे स्थानीय रूप से पेंचा, पाग या पगड़ी कहा जाता है। पगड़ी राजस्थान के पहनावे का अभिन्न अंग है। बड़ो के सामने खुले सिर जाना अशुभ माना जाता है। यह लगभग 18 गज लंबे और 9 इंच चौड़े अच्छे रंग का कपड़े के दोनों सिरों पर व्यापक कढ़ाई की गई एक पट्टी होती है, जिसे सलीके से सिर पर लपेट कर पहना जाता है। पगड़ी सिर के चारों ओर विभिन्न व विशिष्ट शैलियों में बाँधी जाती है तथा ये शैलियां विभिन्न जातियों और विभिन्न अवसरों के अनुसार अलग-अलग होती है। किसी व्यक्ति का समुदाय और जाति को उसकी पगड़ी के रंग एवं उसे बाँधने की शैली से कुछ हद तक पहचाना जा सकता है- जैसे विश्नोई हमेशा सफेद साफा बांधते हैं, राईका-रेबारी लाल टूल का साफा बांधते हैं, तो लंगा-मांगणियार, कालबेलिया आदि रंगीन छापल डब्बीदार

Useful Archive for Knowing History of Rajasthan राजस्थान का इतिहास जानने के उपयोगी पुरालेख-

पूर्व के काल में लिखे अथवा लिखवा ए ग ए राजकीय , अर्द्ध राजकीय अथवा लोक लिखित साधन पुरालेख सामग्री के अन्तर्गत आते हैं। फारसी/उर्दू भाषा लिखित पुरालेखा सामग्री जिसमें फरमान, अहकाम , सनद , रुक्का , निशान , अर्जदाश्त , मूसूर , हस्बुलहुक्म , रम्ज , इन्शा , रुकाइयत , वकील रिपोर्ट एवं अखबारात प्राप्त हुए हैं, जबकि राजस्थानी या हिन्दी भाषा में लिखे गए पट्टे-परवानें , रोजनामचे , बहियां , खरीते , खतूत , अर्जियां , अर्जदाश्त, हकीकत , याददाश्त , गांवों के नक्शे , हाले-हवाले , चिट्ठियां , पानडी अखबारात, बाकीयात डायरी आदि इतिहास जानने के उपयोगी मुख्य स्रोत हैं । साथ ही अंग्रेजी भाषा में लिखित अथवा प्रकाशित पुरालेखा में राजपूताना एजेन्सी रिकॉर्ड , रिकार्ड्स ऑफ़ फॉरेन एण्ड पोलीटिकल डिपार्टमेन्ट , ट्यूर रिपोर्ट मेमाईस तथा पत्रों आदि के साथ-साथ मेवाड़ और मारवाड़ में संकलित सामग्री उपलब्ध है। ये रिकार्ड्स जयपुर के अतिरिक्त मेवाड़, जोधपुर व कोटा में भी प्राप्त हुए हैं, जिन्हें जोधपुर रिकॉर्ड , बीकानेर रिकॉर्ड अथवा मारवाड़ रिकार्ड्स, जयपुर रिकॉर्ड, कोटा रिकॉर्ड अथवा