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प्रसिद्ध शक्तिपीठ तनोटराय माता जैसलमेर

भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित माता "तनोटराय" का मन्दिर अत्यंत प्रसिद्ध है। यह मंदिर जैसलमेर जिला मुख्यालय से करीब 120 किलोमीटर दूर एवं भारत पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 20 किलोमीटर अंदर की और स्थित है। तनोट माता जैसलमेर के भाटी शासकों की कुलदेवी मानी जाती है। कहा जाता है कि जैसलमेर का तनोट नामक स्थान भाटी राजाओं की राजधानी हुआ करता था। भाटी शासक मातेश्वरी श्री तनोट राय के भक्त थे। यह भी कहा जाता है कि उनके आमंत्रण पर महामाया सातों बहने तणोट पधारी थी , इसी कारण भक्ति भाव से प्रेरित होकर राजा ने इस मन्दिर की स्थापना की थी। यह माता भारत-पाकिस्तान के मध्य 1965 तथा 1971 के युद्ध के दौरान सीमा क्षेत्र की रक्षा करने वाली तनोट माता के मन्दिर के रूप में प्रसिद्ध है। तनोट माता के प्रति आम भक्तों के साथ-साथ सैनिकों में भी अतीव आस्था है। माता के मन्दिर की देखरेख, सेवा, पूजापाठ, आराधना व अर्चना सीमा सुरक्षा बल के जवान ही करते हैं। तनोट माता के बारे में विख्यात है कि 1971 में हुए भारत पाकिस्तान के युद्ध के दौरान सैकड़ों बम मंदिर परिसर में पाकिस्तान की सेना द्वारा गिराए गए थे किंतु माता की कृप

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज-
5 जुलाई 2011


1. गिरी सुमेल का युद्ध किनके बीच लड़ा गया? (अ) मालदेव व हुमायूं में (ब) मालदेव व शेरशाह में (स) अकबर व राणा प्रताप मेँ (द) मराठों व राजपूतों में उत्तर- ब 2. हशमतवाला राजा किसे कहा गया- (अ) मालदेव (ब) प्रताप (स) दुर्गादास (द) शेरशाह उत्तर- अ 3. अकबर से वैवाहिक संबंध स्थापित करने वाला प्रथम राजपूत शासक था- (अ) भारमल (ब) जयसिंह (स) मानसिंह (द) राजसिंह उत्तर- अ 4. आहाड़ सभ्यता है- (अ) लौह युग की (ब) मध्य पाषाण कालीन (स) ताम्र पाषाण कालीन (द) कांस्य युगीन उत्तर- स 5. चीरवा का अभिलेख किसकी जानकारी का स्रोत है- (अ) भाटी वंश की (ब) चौहान वंश की (स) गुर्जर प्रतिहार वंश की (द) गुहिल वंश की उत्तर- द 6. अल्लाउद्दीन खिलजी के जालोर पर आक्रमण के समय वहाँ का राजा था? (अ) दहिया बीका (ब) बप्पा रावल (स) कान्हड़दे (द) मालदेव उत्तर- स 7. कुंभा को संगीतज्ञ के रूप में प्राप्त उपाधि है- (अ) अभिनव भरताचार्य (ब) हालगुरु (स) दानगुरु (द) संगीत सम्राट उत्तर- अ 8. रामस्नेही संप्रदाय से संबंधित है- (अ) रेण (ब) नरैना (स) नाथद्वारा (द) मंडफिया उत्तर- अ 9. रणकपु

"क्षेत्रीय ई-लर्निग एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान" अजमेर में स्थापित होगा

राज्य के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सूचना प्रौद्योगिकी में दक्ष बनाने एवं रोजगार के बेहतरीन अवसर पैदा करने के लिए प्रदेश के प्रथम "क्षेत्रीय ई-लर्निग एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान" (Regional Institute of E-Learning and Information Technology- RIEIT) की स्थापना अजमेर जिले की केकड़ी तहसील के कोहदा गाँव में की जा रही है। भारत सरकार के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्तशासी DOEACC सोसायटी की इकाई के रूप स्थापित किए जा रहे इस संस्थान पर 35.44 करोड़ रुपए खर्च होंगे। राज्य सरकार ने इस संस्थान के लिए 42.54 एकड़ निशुल्क जमीन उक्त गाँव में आवंटित की है। यह संस्थान भारत सरकार द्वारा देश भर में अलग अलग राज्यों में स्थापित उच्च स्तर के इस तरह के 12 संस्थानों में से एक हैं। केकड़ी में खुलने वाले इस संस्थान को भी डीओईएसीसी सोसायटी संचालित करेगी। शुरुआती चार वर्षो में यहां लगभग ढाई हजार छात्र - छात्राओं को प्रशिक्षित करने की क्षमता विकसित की जाएगी। संस्थान में इलेक्ट्रॉनिकी, कंप्यूटर विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इससे संबंधित पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। इन पाठ्यक्रमों में ओ, ए

विज्ञान क्विज- 5 जुलाई 2011
(RAS, III GRADE, II GRADE TEACHER और अन्य परीक्षा उपयोगी)

1. ह्दयाघात से बचाव के लिए कौनसी औषधि सहायक है? (i) एनालजिन (ii) कॉर्टिजोन (iii) एस्परीन (iv) प्रतिअम्ल Ans- (iii) 2. किस ग्रह को वर्तमान में खगोल विज्ञानियों द्वारा ग्रह नहीं माना जाता है? (i) पृथ्वी (ii) प्लूटो (iii) शनि (iv) नेप्च्यून Ans- (ii) 3. मेसर (M.A.S.E.R.) के निर्माण में प्रयुक्त तरंगेँ हैं? (i) ध्वनि तरंगे (ii) दृश्य प्रकाश (iii) सूक्ष्म तरंगे (Micro waves) (iv) पराश्रव्य तरंगे Ans- (iii) 4. भारत द्वारा चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान प्रथम से प्रेषित तस्वीरों से नासा के वैज्ञानिकों ने जिसकी खोज की है, वह है- (i) प्लेटिनम (ii) पौधे (iii) सोना (iv) पानी Ans- (iv) 5. कौनसी गैस वातावरण में तापवृद्धि का कारण है? (i) नाइट्रोजन (ii) हीलियम (iii) कार्बन डाई ऑक्साइड (iv) हाइड्रोजन Ans- (iii) 6. विज्ञान में प्रयुक्त GPS का पूरा नाम है- (i) General planning system (ii) General programming service (iii) Global positioning system (iv) Global plantation service Ans- (iii) 7. निम्न में से सुनामी का कारण है? (i) अत्यंत गर्म जल की स

राजस्थान समसामयिक घटनाचक्र-
बाड़मेर में होगी कोल गैस से विद्युत उत्पादित

राज्य में कोल गैसिफिकेशन से विद्युत उत्पादन की तैयारी उदयपुर स्थित राजस्थान राज्य माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (RSMML) ओपन माइनिंग के साथ ही अब राज्य में पहली बार अण्डर ग्राउण्ड कोल गैसिफिकेशन से विद्युत उत्पादन की तैयारी में है। राज्य में इस प्रकार का पहला संयंत्र बाड़मेर में शीघ्र स्थापित किया जाएगा। राजस्थान में कोयला कम मात्रा में उपलब्ध है तथा यह लिग्नाइट कोयला भी भूमि में 30 मीटर नीचे है। कोयले के खुदाई के बाद जब यह 50-60 मीटर नीचे तक पहुँच जाता है तो लागत बढ़ जाने पर खनन अनार्थिक होने लगता है। इसी कारण RSMML ने बाड़मेर में 175 से 200 मीटर नीचे तक फैले भूमिगत लिग्नाइट को गैस में रूपांतरित कर विद्युत उत्पादन की योजना तैयार की है। बाड़मेर में इस विधि से बिजली तैयार करने का संयंत्र स्थापित करने में 500 से 600 करोड़ रुपए की लागत आएगी। क्या है यह विधि- इस विधि से विद्युत तैयार करने के लिए जमीन में दो गहरे होल (इंजेक्शन होल व प्रॉडक्शन होल) किए जाएंगे। इनमें से इंजेक्शन होल में कंप्रेसर से हवा डाली जाएगी। हवा के सम्पर्क में आते ही लिग्नाइट जलने लगेगा और इससे गर्म गैस बनेगी। यह गैस प

समसामयिक घटनाचक्र-
राजस्थान के अशोक मेनारिया इंडिया- 'ए' टीम में

मूलतः उदयपुर के निवासी राजस्थान के अशोक मेनारिया को ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले इमर्जिग प्लेअर्स क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए भारत की 'ए' टीम में सम्मिलित किया गया है। मेनारिया को पिछले साल के रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में केवल तीन मैच खेलने का ही अवसर मिला था, किंतु उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीनों मैचों में शतक लगाए थे। इसके अलावा वे इस वर्ष आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेले और कई अवसरों पर तेज गति की बल्लेबाजी की तथा दर्शकों का दिल जीता। एक अगस्त से आस्ट्रेलिया में होने वाले टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम का कप्तान शिखर धवन को बनाया गया है तथा अंजिक्य रहाणे को टीम के उपकप्तान होंगे। पूरी टीम इस प्रकार है :- शिखर धवन (कप्तान), अंजिक्य रहाणे (उपकप्तान), श्रीनाथ अनिरूद्ध, मनीष पांडेय, सौरभ तिवारी, मनोज तिवारी, अशोक मेनारिया, सी. गौतम, अंबाती रायडू, राहुल शर्मा, इकबाल अब्दुल्ला, उमेश यादव, वरूण एरोन, एस. अरविंद और विनय कुमार।

राजस्थान की योजनाएँ (WELFARE PLANS OF RAJASTHAN)-डांग क्षेत्रिय विकास कार्यक्रम

राजस्थान राज्य के पूर्वी एवं दक्षिण पूर्वी जिले यथा भरतपुर, बारां, बून्दी, धौलपुर, झालावाड़, करौली, कोटा एवं सवाईमाधोपुर अपनी भौगोलिक विषमताओं, बीहड़ वनों एवं दस्युओं के आतंक के कारण डांग क्षेत्र के नाम से जाने जाते हैं। प्रदेश के डांग क्षेत्र के ये जिले जिसमें अन्य पिछडी जाति एवं अल्पसंख्यक लोग निवास करते हैं, राज्य के आर्थिक, सामाजिक एवं आधारभूत सुविधाओं की दृष्टि से भी अधिक पिछड़े हुए है। डांग क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम   सर्वप्रथम वर्ष 1995- 96 से 2000- 01 तक राज्‍य के 8 दस्यु प्रभावित जिलों में चलाया गया। ये जिले निम्न है- 1. सवाई माधोपुर 2. करौली 3. कोटा 4. बून्‍दी 5. बारां 6. धौलपुर 7. भरतपुर 8. झालावाड़ यह कार्यक्रम इन जिलों की 21 पंचायत समितियों की 357 ग्राम पंचायतों में वर्ष 2001-02 तक संचालित किया जाता रहा किंतु वर्ष 2001-02 से वित्‍तीय प्रावधान समाप्त हो जाने से यह कार्यक्रम बन्‍द कर दिया गया। डांग क्षेत्र के सर्वागीण विकास को दृष्टिगत रखते हुये वर्ष 2004-05 के बजट में "डांग विकास परियोजना" को उक्‍त आठ जिलों में पुन: प्र