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Indira Mahila Shakti Nidhi Yojna in Hindi | क्या है आई एम शक्ति निधि योजना

मुख्यमंत्री ने किया एक हजार करोड़ की ‘आई एम शक्ति’ निधि का शुभारम्भ  मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बुधवार 18 दिसम्बर को महिला सशक्तीकरण को समर्पित एक हजार करोड़ रूपए की इंदिरा महिला शक्ति (आई एम शक्ति) निधि की योजनाओं का शुभारम्भ किया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के नाम पर महिलाओं को सशक्त बनाने की सोच के साथ राज्य सरकार ने यह पहल की है। महिला स्वयं सहायता समूहों तथा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस निधि से एक करोड़ रूपए तक का ऋण मिल सकेगा। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस निधि का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के नाम पर इसलिए रखा गया है कि वे अपने आप में महिला सशक्तीकरण की सबसे बड़ी प्रतीक हैं। महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में हमारी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। ‘आई एम शक्ति‘ निधि उसी दिशा में एक अनूठी पहल है। ‘आई एम शक्ति‘ निधि के तहत संचालित योजनाओं के शुभारम्भ पर प्रदेशभर की महिलाओं को बधाई दी और कहा कि राज्य सरकार उनके सशक्तीकरण के लिए हर संभव कदम उठाएगी और योजना मेें जरूरत पड़ने पर फण्ड और बढ़ाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री श

KUSUM Yojna- Rajasthan in Hindi | कुसुम योजना - राजस्थान सरकार

 KUSUM Yojna- Rajasthan Govt.कुसुम योजना - राजस्थान सरकार राजस्थान की राज्य सरकार ने किसानों द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की "कुसुम" योजना के लिए निर्देश जारी किए हैं। इसकी विस्तार से जानकारी दी जा रही है।

Mukhymantri Yuva Koshal Yojna (MMYKY) - 'मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना

मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना -  रोजगारोन्मुख विशेष कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना’ में 118 राजकीय महाविद्यालयों में कौशल दक्षता के 39 पाठ्यक्रम प्रारंभ होंगे।  कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय एवं राजस्थान कौशल एवं आजीविका मिशन निगम के मध्य ‘मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना’ हेतु हुआ एमओयू (सहमति पत्र) प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना’ के तहत राज्य के 118 राजकीय महाविद्यालयों में कौशल दक्षता के 39 पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे। राजकीय महाविद्यालयों में अध्ययन करने वाले युवाओं के लिए देश की यह पहली ऎसी योजना है जिसमें युवाओं को पढाई के साथ-साथ रोजगारोन्मुख कौशल से जोड़ा जाएगा। प्रथम चरण में प्रदेश के 6000 विद्यार्थियों को इस योजना से जोड़कर लाभान्वित किया जाएगा। ‘मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना’ के तहत युवाओं को पूर्णतः निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। योजना के तहत आवेदन पत्र ''आयुक्तालय कॉेलज शिक्षा राजस्थान'' की वेबसाईट पर डाउनलोड के तहत उपलब्ध कराए गए हैं। महाविद्यालय अपने स्तर पर भी विद्यार्थियों को यह आवेदन पत्र निःशुल्क उपलब्ध

Early rural development projects (pre and post independence) ग्रामीण विकास की आरम्भिक परियोजनाएं (स्वतंत्रता के पूर्व एवं पश्चात्)

भारत में ग्रामीण विकास की आरम्भिक परियोजनाएं (स्वतंत्रता के पूर्व एवं पश्चात्) क्र. सं. परियोजना नाम आरम्भ होने का वर्ष योजना के प्रणेता परियोजना क्षेत्र 1 श्रीनिकेतन परियोजना 1921 श्री रविन्द्र नाथ टैगोर श्रीनिकेतन (पश्चिमी बंगाल) 2 मार्ताडम परियोजना 1921 डॉ. स्पेन्सर हैच मार्ताडम (कन्या कुमारी) केरल 3 गुड़गांव परियोजना 1927 एफ.एल. ब्रायन गुड़गांव (हरियाणा) 4 बड़ौदा परियोजना 1932 बी.टी. कृष्णाचारी कोसाला (बड़ौदा, गुजरात) 5 सेवाग्राम परियोजना 1936 महात्मा गांधी सेवाग्राम (वर्धा, गुजरात) 6 फिरका विकास परियोजना 1947 मद्रास राज्य मद्रास क्षेत्र (वर्तमान तमिलनाडु) 7 इटावा परियोजना 1948 अलवर्ट मायर मेहागांव (इटावा, उत्तरप्रदेश) 8 नीलाखेड़ी परियोजना 1949 एस. के. डे नीलाखेड़ी (हरियाणा) 9 सामुदायिक विकास परियोजना 1952 योजना आयोग सम्पूर्ण भारत स्रोत - कुरुक्षेत्र पत्रिका, जनवरी, 2005

Swadhar Grah Scheme - स्वाधार गृह योजना

स्वाधार गृह योजना- कठिन परिस्थितियों में महिलाओं के लिए प्राथमिक जरूरतों को पूरा करने हेतु योजना शोषण से महिलाओं की रक्षा और उनके शेष जीवन में आश्रय व पुनर्वास के लिए, तत्‍कालीन समाज कल्‍याण विभाग द्वारा वर्ष 1969 में, सामाजिक सुरक्षा पद्धति के तौर पर महिलाओं और बालिकाओं के लिए एक 'अल्‍पावास गृह' स्‍कीम आरंभ की गई थी ।  इस स्‍कीम का उद्देश्‍य पारिवारिक कलह या अनबन, अपराध, हिंसा, मानसिक तनाव, सामाजिक बहिष्‍कार, वैश्‍यावृत्‍ति की ओर बलपूर्वक धकेले जाने और नैतिक खतरों के कारण बेघर हुई महिलाओं या बालिकाओं को अस्‍थायी आवास, अनुरक्षण गुजारा-राशि और समान उद्देश्‍यों वाली पुनर्वास जैसी सेवाएं प्रदान करना है । दुस्‍साध्‍य परिस्‍थितियों से घिरी हुई महिलाओं के लिए स्‍वाधार नामक एक अन्‍य स्‍कीम, वर्ष 2001-02 में शुरू की गई थी। इस स्‍कीम का लक्ष्‍य, कठिन परिस्‍थितियों से घिरी हुई महिलाओं को आश्रय, भोजन, वस्‍त्र, परामर्श, प्रशिक्षण स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधित तथा कानून से संबंधित सहायता प्रदान करते हुए उन्‍हें पुनव्‍यवस्‍थापित करना है। विपणन अनुसंधान एवं सामाजिक विकास केंद्र नई दिल्‍

Kantedar or Chainlink Tarbandi Scheme - कांटेदार चैनलिंक तारबंदी कार्यक्रम

फसलों को बचाने के लिए किसान लगा सकेंगे सरकारी अनुदान से तारबंदी कृषि मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने शुक्रवार 28 जून को राज्य विधानसभा में जानकारी देते के लिए बताया कि किसानों को तारबंदी हेतु पेरीफेरी (परिधि) लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि 40 हजार रूपये जो भी कम हो प्रति कृषक 400 रनिंग मीटर तक अनुदान देय है।  वर्ष 2019-20 में राज्य के समस्त जिलों में तिलहनी फसलों के क्षेत्रफल को मध्यनजर रखते हुए राशि 562.200 लाख रूपये का वित्तीय एवं 5 लाख 62 हजार 250 मीटर भौतिक लक्ष्यों का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है।  कृषि विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-तिलहन के अन्तर्गत नीलगाय व अन्य जंगली जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सभी श्रेणी के कृषकों को लक्षित कर सामुदायिक आधार पर कांटेदार/ चैनलिंक तारबंदी कार्यक्रम चालू किया गया है जिसमें कम से कम 5 हैक्टेयर क्षेत्रफल हो एवं 3 कृषको का समूह हो। प्रदेश में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले रोजड़ों को कृषकों द्वारा आवेदन करने पर राज्य सरकार ने वन्यजीव (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 क

Loan Agreement for the Rajasthan State Highways Development Program II राजमार्ग विकास कार्यक्रम II परियोजना

राजस्‍थान राजमार्ग विकास कार्यक्रम II परियोजना के लिए MOU पर हस्‍ताक्षर भारत सरकार, राजस्‍थान सरकार और विश्‍व बैंक ने 27.06.2019 को राजस्‍थान राजमार्ग विकास कार्यक्रम II परियोजना के लिए 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किए।  उपर्युक्‍त ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से श्री समीर कुमार खरे और विश्‍व बैंक की ओर से कार्यवाहक कंट्री डायरेक्‍टर (भारत) श्री शंकर लाल ने हस्‍ताक्षर किए। साथ ही परियोजना संबंधी समझौते पर राजस्‍थान सरकार की ओर से लोक निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता एवं अपर सचिव श्री एम.एल.वर्मा और विश्‍व बैंक की ओर से कार्यवाहक कंट्री डायरेक्‍टर (भारत) श्री शंकर लाल ने हस्‍ताक्षर किए।  इसका उद्देश्‍य राजस्‍थान के राजमार्गों के बेहतर प्रबंधन के लिए राज्‍य की क्षमता को बढ़ाना और राजस्‍थान के चुनिंदा राजमार्गों पर यातायात के प्रवाह को बेहतर बनाना है।  विश्‍व बैंक से सहायता प्राप्‍त इस परियोजना से राज्‍य के 766 किलोमीटर लंबे राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों के निर्माण, उन्‍नयन, सुधार और रखरखाव में मदद मिलेगी।  इससे ठेकों के प्रबंधन, डेटा रिपोर्टिंग

PM Kisan Samman Nidhi Yojana

PM किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) : क्या है PM किसान सम्मान योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को 6,000 रुपये सालाना की न्यूनतम सुनिश्चित आय के लिये पूरक आय प्रदान करेगी। इस योजना के तहत तीन किस्तों 6000 रुपये किसानों के खाते में ट्रांसफर होंगे। यह योजना 01.12.2018 से शुरू की गई, जिसकी घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने की थी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसे 24 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से इसकी शुरुआत की थी। इस योजना के तहत सरकार किसानों को खाते में सालाना 6,000 रुपये डालेगी। उद्देश्य- देश में छोटे और सीमांत किसानों को प्रत्यक्ष आय सम्बन्धी सहायता दिए जाने के प्रयोजनार्थ एक सुव्यवस्थित कार्ययोजना प्रारम्भ करने के लिए भारत सरकार द्वारा शत-प्रतिशत केंद्रीय सहायता के साथ (पीएम-किसान) नाम की योजना प्रारम्भ की है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का फायदा अब देश के सभी किसानों को मिलेगा- हालांकि योजना के तहत पहले यह शर्त थी कि जिन किसानों के पास 2 हेक्टेयर यानि करीब 5 एकड़ तक

smart village scheme in rajasthan स्मार्ट विलेज योजना क्या है राजस्थान की योजनाएँ

राजस्थान की स्मार्ट विलेज योजना - राज्य सरकार के द्वारा बजट भाषण वर्ष 2017-18 में की गई घोषणा के क्रम में 3000 से अधिक आबादी वाले 3275 ग्रामों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है। ग्रामों में समग्र रूप से आधुनिक सुविधायें यथा- परम्परागत सौर उर्जा से स्ट्रीट लाईटिंग , ई-पुस्तकालय व नालेज सेन्टर, कचरा प्रबंन्धन, वाई-फाई नेटवर्क, उद्यान व खेल मैदान का विकास, चारागाह विकास इत्यादि कार्य विभागों की विभिन्न योजनाओं में उपलब्ध वित्तीय एवं अन्य संसाधनों से कन्वर्जेस के माध्यम से कराए जाने का प्रावधान किया गया है। योजना का लक्ष्य- स्मार्ट विलेज के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र रूप से आधुनिक सुविधायें यथा- परम्परागत सौर उर्जा से स्ट्रीट लाईटिंग, ई-पुस्तकालय व नालेज सेन्टर, कचरा प्रबंन्धन, वाई-फाई नेटवर्क उद्यान व खेल मैदान का विकास, चारागाह विकास करना है। योजना के उद्देश्य - 3275 स्मार्ट विलेज में निम्न चयनित गतिविधियों के माध्यम से कार्य कराये जाने का उद्देश्य रखा गया है - 1. जल निकासी प्रबंधन (नालियां/सोख्ता गड्ढे) एवं पक्की गलियां। 2. प्रत्येक स्मार्ट विले

राजस्थान की योजनाएँ Swa Vivek Jila Vikas Yojna - राजस्थान की स्व-विवेक जिला विकास योजना

राजस्थान की स्व-विवेक जिला विकास योजना - योजना का परिचय - राज्य में क्षेत्र के विकास की आवश्यकता एवं आपातकालीन परिस्थितियों का सामना करने, रोजगार के अवसर सृजित करने हेतु जिला कलक्टर्स के स्तर पर स्व-विवेक से निर्णय लेकर विकास कार्य कराये जाने हेतु वर्ष 2005-06 में स्व-विवेक जिला विकास योजना लागू की गई हैं। योजना के उद्देश्य - क्षेत्र की आवश्यकता एवं उत्पन्न आपातकालीन परिस्थितियों में क्षेत्र में जन-आंकाक्षाओं के अनुरूप कार्य स्वीकृत कर रोजगार के अवसर सृजित करना। सामुदायिक परिसम्पत्तियों एवं आधारभूत भौतिक सम्पत्तियों का सृजन। स्थानीय समुदाय को रोजगार की उपलब्धता एवं उनके जीवन स्तर में सुधार। योजना का वित्त पोषण - योजना शत-प्रतिशत राज्य वित्त पोषित है। योजना की विशेषताएं - यह राज्य के केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही लागू है। इस योजनान्तर्गत जिला कलक्टर्स द्वारा क्षेत्र की आवश्यकता, जन आकांक्षाओं एवं आपातकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये विकास कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं। इस प्रकार इस योजनान्तर्गत एक तरफ आपात कालीन परिस्थितियों का सामना क

राजस्थान की योजनाएँ Magra Area Development Programme - मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम

राजस्थान की ग्रामीण विकास की योजनाएँ - मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम कार्यक्रम का परिचय -  राजस्थान राज्य के दक्षिणी-मध्य के जनजाति उपयोजना क्षेत्र के अलावा वह क्षेत्र जो पहाड़ियों से घिरा हुआ है तथा जहां अन्य पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक लोगों का अधिवास है, को मगरा क्षेत्र कहा जाता है। मगरा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के साथ-साथ इस क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं के विकास हेतु वर्ष 2005-06 में मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।   उद्देश्य - प्रदेश का मगरा क्षेत्र जिसमें अन्य पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक लोग निवास करते हैं, राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछड़ा हुआ है। मगरा क्षेत्रीय विकास योजना के दिशा निर्देशों से निम्न उद्देश्यों की पूर्ति हो सकेगी:-  मगरा क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढ़ांचागत विकास। सामुदायिक एवं अन्य आधारभूत भौतिक परिसम्पत्ति सृजन। श्री योजना में शामिल 5 मूल आधारभूत सुविधाएं यथा ग्राम स्वच्छता एवं स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्रामीण आंतरिक सड़के, शिक्षा एवं ग्राम में रोशनी की व्यवस

राजस्थान की योजनाएँ - Mewat Area Development Plan- मेवात क्षेत्रीय विकास योजना

मेवात क्षेत्रीय विकास योजना -  योजना का परिचय - अलवर एवं भरतपुर जिले का मेव बाहुल्य क्षेत्र जो मेवात क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, उसके विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1987-88 से मेवात क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। योजना के उद्देश्य - प्रदेश का मेवात क्षेत्र जिसमें अन्य पिछडी जाति एवं अल्पसंख्यक लोग निवास करते है। राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछडा हुआ है। मेवात क्षेत्रीय विकास योजना के दिशा निर्देशों से निम्न उद्देश्यों की पूर्ति हो सकेगी-   मेवात क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढांचागत विकास। सामुदायिक एवं अन्य आधारभूत भौतिक परिसम्पत्ति सृजन। श्री योजना में शामिल 5 मूल आधारभूत सुविधाएं यथा ग्राम स्वच्छता एवं स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्रामीण आंतरिक सड़के, शिक्षा एवं ग्राम में रोशनी की व्यवस्था के कार्यों का प्राथमिकता से सम्पादन। जनसंख्या के आधार पर मेवात ग्रामीण क्षेत्र का चरणबद्ध समग्र विकास। मेवात ग्रामीण क्षेत्र की ग्राम पंचायत मुख्यालयों एवं ग्राम की जनसंख्या के आधार पर गाँवों का समग्र विकास । मेवात क

Mitigating Poverty in Western Rajasthan (MPoWeR) पश्चिमी राजस्थान गरीबी शमन परियोजना (एमपाॅवर)

पश्चिमी राजस्थान गरीबी शमन परियोजना (एमपाॅवर)- Mitigating Poverty in Western Rajasthan (MPoWeR)- परियोजना का परिचय -  राज्य सरकार द्वारा जोधपुर संभाग के छः जिलों में अन्तराष्ट्रीय कृषि विकास कोष ( IFAD ) की सहायता से पश्चिमी राजस्थान गरीबी शमन परियोजना Mitigating Poverty in Western Rajasthan (MPoWeR) परियोजना स्वीकृत की गई है।  योजना की कार्य अवधि पूर्व में दिसम्बर 2014 थी जिसे दो बार विस्तार करके दिसम्बर 2017 तक बढ़ाया गया, योजना समाप्ति जून 2018 थी।  राज्य के जोधपुर संभाग के बायतु (बाड़मेर), साॅकडा (जैसलमेर), बाप (जोधपुर), सांचौर (जालौर), बाली (पाली) तथा आबूरोड (सिरोही) पंचायत समितियों में यह परियोजना वर्ष 2008-09 से संचालित की जा रही है तथा दो ब्लाॅक सिरोही जिले में पिण्डवाड़ा व जोधपुर जिले में बालेसर को भी वर्ष 2016-17 सम्मिलित किया गया है।  इन दो ब्लाॅकों में राजीविका में गठित स्वयं सहायता समूहों के आय संवर्द्धन का कार्य एमपाॅवर परियोजना द्वारा किया गया।  इन पंचायत समितियों में राजस्थान सरकार द्वारा निर्धारित किये गये गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले शत