Skip to main content

Posts

Showing posts with the label GK

Rajasthan gk online Mock test about Organisations during Freedom Movement in RAJASTHAN

प्रश्नोत्तरी - स्वाधीनता आंदोलन में राजस्थान के संगठनों की भूमिका  1. स्वाधीनता आंदोलन के दौरान किस संस्था की स्थापना दिल्ली के चांदनी चौक स्थित मारवाड़ी पुस्तकालय में हुई थी? SHOW ANSWER 2. राजपूताना मध्य भारत सभा नाम की एक राजनीतिक संस्था की स्थापना कब की गई? SHOW ANSWER 3. राजपूताना मध्य भारत सभा का प्रथम अधिवेशन किसकी अध्यक्षता में आयोजित किया गया था? SHOW ANSWER 4. राजपूताना मध्य भारत सभा का मुख्य उद्देश्य क्या था? SHOW ANSWER 5. राजपूताना मध्य भारत सभा का संस्था का मुख्य कार्यालय कहाँ रखा गया? SHOW ANSWER 6. राजपूताना मध्य भारत सभा का संस्था का मुख्य कार्यालय कानपुर में क्यों रखा गया? SHOW ANSWER 7. राजपूताना मध्य भारत सभा का प्रथम अध्यक्ष किसे बनाया गया? SHOW ANSWER 8. राजपूताना मध्य भारत सभा का प्रथम उपाध्यक्ष किसे बनाया गया? SHOW ANSWER 9. राजपूताना मध्य भारत सभा का प्रथम अधिवेशन 1918 के कांग्रेस अधिवेशन के समय कहाँ हुआ था? SHOW ANSWER 10. राजपूताना मध्य भारत सभा का द्वितीय अधिवेशन कांग्रेस अधिवे

International Day of Non-Violence 2 October अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर पृष्ठभूमि- अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस महात्मा गांधी के जन्मदिन पर 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसे भारत में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस स्थापित करने के लिए मतदान हुआ। महासभा में सभी सदस्यों ने 2 अक्टूबर को इस रूप में स्वीकार किया।  महात्मा गांधी का जीवन और नेतृत्व प्रेरणादायक - गांधी, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता की ओर अग्रसर किया, दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और सामाजिक परिवर्तन के लिए अहिंसक आंदोलनों की प्रेरणा रहे हैं। अपने पूरे जीवन के दौरान, गांधी दमनकारी परिस्थितियों में बड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए भी अहिंसा के प्रति अपने विश्वास के लिए प्रतिबद्ध थे। उनके कार्यों के पीछे का सिद्धांत, जिसमें 1930 के ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह के साथ ब्रिटिश कानून के लिए बड़े पैमाने पर सविनय अवज्ञा को प्रोत्साहित करना शामिल था, वह यह था कि "पवित्र साधन से ही पवित्र  साध्य की प्राप्ति होती है"; अर्थात्, शांतिपूर्ण समाज को प्राप्त करने के ल

Mahatma Gandhi's Rajasthan Visits

गाँधी जी की राजस्थान यात्राओं के किस्से - देश के स्वाधीनता आंदोलन को जन आंदोलन बनाने वाले महात्मा गांधी का यह वर्ष 150वां जयंती वर्ष है। आने वाले 2 अक्टूबर को देश और विश्व गांधीजी की 150वीं जयंती मनाएगा। गांधीजी के विचारों के कारण ही आज राजस्थान ही नहीं वरन समूचा विश्व उन्हें याद कर रहा हैं। गांधी स्वयं ‘वन मैन आर्मी' थे। उन्होंने अपने जीवन दर्शन से लाखों लोगों को अपने साथ जोड़ कर सम्पूर्ण भारत में एक बड़ा आन्दोलन तैयार किया। गांधीजी ने स्वाधीनता आंदोलन के दौरान भारत भ्रमण किया। राजस्थान से उनका खासा लगाव था। लेकिन वे अपने जीवन काल में केवल तीन बार ही राजस्थान आए एवं स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े गांधीवादियों को मार्गदर्शन दिया। वे तीन बार 1921, 1922 और 1934 में राजस्थान आए। तीनों ही बार वे अजमेर ही आए। गांधीजी का मानना था कि देशी राजा अंग्रेजी हुकूमत के सहारे ही टिके हैं, और अजमेर-मेरवाड़ा सीधे अंग्रेजी शासन के अधीन था। अत: उन्होंने अजमेर आकर अंग्रेजों से सीधे लड़ाई को चुना। तुम घोषणा कर दो कि गांधी बिना शास्त्रार्थ के ही हार गया- गांधीजी की इन तीन अजमेर यात्राओं में सबसे महत

सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार

देश की एकता और अखंडता में योगदान के लिए दिया जायेगा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार "सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार" भारत सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर भारत की एकता और अखंडता के क्षेत्र में योगदान के लिए सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार शुरू किया है। गृह मंत्रालय द्वारा सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार शुरू करने की एक अधिसूचना दिनांक  20  सितंबर , 2019  को जारी की गई थी। इस पुरस्कार का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देने और एक मजबूत और अखण्ड भारत के मूल्य को सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय और प्रेरक योगदान के लिए सम्मानित करना है। इस पुरस्कार की घोषणा राष्ट्रीय एकता दिवस ,  अर्थात 31  अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर की जाएगी। यह पुरस्कार राष्ट्रपति के द्वारा उनके हस्ताक्षर और मुहर के तहत एक  सनद   के  तौर पर प्रदान किया जाएगा और राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कार समारोह के साथ एक पुरस्कार समारोह में उनके द्वारा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री द्वारा एक पुरस्कार समिति का गठन किया जाएगा ,  जिसमें सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिव ,  प

राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955 की प्रमुख बातें

राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955 की प्रमुख बातें राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955, 15 अक्टूबर 1955 से लागू हुआ। तहसील आबू, अजमेर एवं सुनेल में यह अधिनियम 15 जून 1958 से लागू किया गया। इस अधिनियम के अधीन बिचौलिये पूर्णतया समाप्त कर दिये गये एवं अब राजस्थान में सभी काश्तकार भूमि पर सिर्फ राज्य के अन्तर्गत अपना हक रखते है। राज्य सभी भूमि का स्वामी माना जाता है। दूसरे शब्दों में राज्य भूमि का ''विधितः स्वामी '' और काश्तकार ''वस्तुतः स्वामी '' है। फिर भी काश्तकारी अधिनियम के उपबन्ध और उसके अन्तर्गत बनाये गये नियम राजस्थान भू-दान योजना अधिनियम, 1954 के उपबन्धों एवं उनके अंतर्गत बनाये गए नियमों या उन उपबन्धो को अनुसरण करने में किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं डालते।  भू-दान योजना अधिनियम इस विषय पर एक पूर्ण विधान है एवं इसके अन्तर्गत भू-दान योजना बोर्ड के गठन, उक्त बोर्ड को भूमि के दान, दान में आई हुई भूमि को भूमिहीन व्यक्तियों में या सामुदायिक प्रयोजन के लिए बाँटने तथा आनुषंगिक कार्य करने की व्यवस्था है।  इस अधिनियम की धारा 11 के तहत कोई व्यक्ति जो भू