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प्रतापगढ़ में जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना को मंजूरी -

देश के 62 जिलों में नए जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना को मंजूरी दी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2,871 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अब तक कवर न हुए 62 जिलों में एक - एक जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) खोलने को मंजूरी दी है। 12 वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान इस उद्देश्य के लिए 109.53 करोड़ रुपये का खर्च होगा और साथ ही 2017-18 से 2024-25 तक के लिए 2,761.56 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। ये जवाहर नवोदय विद्यालय प्रतिभाशाली बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाली आधुनिक शिक्षा प्रदान करेंगे और इनमें ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे प्रमुख रूप से शामिल रहेंगे। यह उम्मीद है कि करीब 35,000 छात्रों को इन जवाहर नवोदय विद्यालयों से लाभ मिलेगा। एक संपूर्ण जवाहर नवोदय विद्यालय में 47 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करवाया जाता है और इस अनुसार 62 विद्यालयों में 2,914 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष स्थायी रोजगार प्रदान किया जाएगा। चूंकि ये विद्यालय आवासीय और सह-शिक्षा वाली प्रकृति के हैं , इसलिए सभी कर्मचार

स्वतन्त्रता पूर्व राजस्थान का शैक्षिक परिदृश्य- आधुनिक शिक्षा

आधुनिक शिक्षा से तात्पर्य:-    - ब्रिटिश सर्वोच्चता काल 1818 - 15 अगस्त 1947 में संस्थाओं के पारस्परिक स्वरूप में परिवर्तन आया, इस क्रम में देशी शिक्षा भी आधुनिक शिक्षा का स्वरूप ग्रहण करने लगी। - आधुनिक शिक्षा से तात्पर्य हम उस शिक्षा पद्धति से लेते हैं तो तर्क पर आधारित वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करें, जिसमें एक निश्चित कक्षाक्रम, परीक्षा प्रणाली, निश्चित पाठ्यक्रम, योग्यता के आधार पर नियुक्त शिक्षक आदि व एक निश्चित प्रशासनिक व्यवस्था लिये हो। सर्वोच्चता काल में विकसित व्यवस्था को केवल अंग्रेजी या केवल पाश्चात्य शिक्षा कहना उपयुक्त नहीं है, क्योंकि इसमें अंग्रेजी, पाश्चात्य और भारतीय तत्व मौजूद थे इसे आधुनिक शिक्षा कहना ही उपयुक्त होगा।   आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता: -        -  विभिन्न कारणों से औपनिवेशिक साम्राज्य के लोगों को शिक्षा द्वारा सभ्य बनाना ईस्ट इण्डिया कम्पनी का एक लक्ष्य था। - 1824 में कम्पनी ने कोलकाता में जनरल कमेटी ऑफ़ पब्लिक इंस्ट्रकशनन को राजपूताना में चार स्कूल खोलने के निर्देश दिये। - राजपूताना को सभ्य बनाने की नीति के अन्तर