Rajasthan's Temple sculpture : More than 100 important useful facts --
राजस्थान का मंदिर-शिल्प : उपयोगी 100 से अधिक महत्वपूर्ण तथ्य-
1. राजस्थान में जो मंदिर मिलते हैं , उनमें सामान्यतः एक अलंकृत प्रवेश - द्वार होता है , उसे ‘ तोरण - द्वार ’ कहते हैं। 2. सभा - मण्डप - तोरण द्वार में प्रवेश करते ही उपमण्डप आता है। तत्पश्चात् विशाल आंगन आता है , जिसे ‘ सभा - मण्डप ’ कहते हैं। 3. मूल - नायक - मंदिर में प्रमुख प्रतिमा जिस देवता की होती है उसे ‘ मूल - नायक ’ कहते हैं। 4. गर्भ - गृह - सभा मण्डप के आगे मूल मंदिर का प्रवेश द्वार आता है। मूल मन्दिर को ‘ गर्भ - गृह ’ कहा जाता है , जिसमें ‘ मूल - नायक ’ की प्रतिमा होती है। 5. गर्भगृह के ऊपर अलंकृत अथवा स्वर्णमण्डित शिखर होता है। 6. प्रदक्षिणा पथ - गर्भगृह के चारों ओर परिक्रमा लगाने के लिए जो गलियारा होता है , उसे ‘ पद - प्रदक्षिणा पथ ’ कहा जाता है। 7. पंचायतन मंदिर- मूल नायक का मुख्य मंदिर चार अन्य लघु मंदिरों से परिवृत (घिरा) हो तो उसे “पंचायतन मंदिर” कहा जाता है। 8. तेरहवीं सदी तक राजपूतों के बल एवं शौर्य की भावना मन्दिर स्थापत्य में भी