मीणा भारत की प्राचीनतम जनजातियों में से है। राजस्थान में आदिवासी जनसंख्या की दृष्टि से मीणा जाति का प्रथम स्थान है। यह राजस्थान के सभी क्षेत्रों में पाई जाती है लेकिन मुख्यतया जयपुर , अलवर , दौसा , सवाई माधोपुर , करौली और उदयपुर जिलों में निवास करती है। कर्नल टॉड के अनुसार अजमेर से लेकर आगरा तक काली खोह पर्वतमाला को मीणा जाति का मूल निवास मानते हैं। मीणा जाति अपनी उत्पत्ति भगवान विष्णु के दसवें अवतार अर्थात् मत्स्यावतार से होना मानती है। मीणा शब्द की उत्पत्ति ' मीन ' शब्द से हुई है जिसका अर्थ ' मछली ' होता है। कुछ लोगों का मानना यह भी है कि मीणा बहुल होने के कारण ही अलवर , भरतपुर आदि क्षेत्र को ' मत्स्य प्रदेश ' कहा जाता था। मीणा जनजाति के गुरु आचार्य मगनसागर मुनि थे। आचार्य मुनि मगन सागर ने ही मीणा जाति की '' मीन पुराण '' की रचना की है। वेदों में इनके लिये मेनिः शब्द का प्रयोग किया गया है, जिसका अर्थ है वज्र या वज्रका
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