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Mukhymantri Yuva Koshal Yojna (MMYKY) - 'मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना

मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना -  रोजगारोन्मुख विशेष कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना’ में 118 राजकीय महाविद्यालयों में कौशल दक्षता के 39 पाठ्यक्रम प्रारंभ होंगे।  कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय एवं राजस्थान कौशल एवं आजीविका मिशन निगम के मध्य ‘मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना’ हेतु हुआ एमओयू (सहमति पत्र) प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना’ के तहत राज्य के 118 राजकीय महाविद्यालयों में कौशल दक्षता के 39 पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे। राजकीय महाविद्यालयों में अध्ययन करने वाले युवाओं के लिए देश की यह पहली ऎसी योजना है जिसमें युवाओं को पढाई के साथ-साथ रोजगारोन्मुख कौशल से जोड़ा जाएगा। प्रथम चरण में प्रदेश के 6000 विद्यार्थियों को इस योजना से जोड़कर लाभान्वित किया जाएगा। ‘मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना’ के तहत युवाओं को पूर्णतः निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। योजना के तहत आवेदन पत्र ''आयुक्तालय कॉेलज शिक्षा राजस्थान'' की वेबसाईट पर डाउनलोड के तहत उपलब्ध कराए गए हैं। महाविद्यालय अपने स्तर पर भी विद्यार्थियों को यह आवेदन पत्र निःशुल्क उपलब्ध

Early rural development projects (pre and post independence) ग्रामीण विकास की आरम्भिक परियोजनाएं (स्वतंत्रता के पूर्व एवं पश्चात्)

भारत में ग्रामीण विकास की आरम्भिक परियोजनाएं (स्वतंत्रता के पूर्व एवं पश्चात्) क्र. सं. परियोजना नाम आरम्भ होने का वर्ष योजना के प्रणेता परियोजना क्षेत्र 1 श्रीनिकेतन परियोजना 1921 श्री रविन्द्र नाथ टैगोर श्रीनिकेतन (पश्चिमी बंगाल) 2 मार्ताडम परियोजना 1921 डॉ. स्पेन्सर हैच मार्ताडम (कन्या कुमारी) केरल 3 गुड़गांव परियोजना 1927 एफ.एल. ब्रायन गुड़गांव (हरियाणा) 4 बड़ौदा परियोजना 1932 बी.टी. कृष्णाचारी कोसाला (बड़ौदा, गुजरात) 5 सेवाग्राम परियोजना 1936 महात्मा गांधी सेवाग्राम (वर्धा, गुजरात) 6 फिरका विकास परियोजना 1947 मद्रास राज्य मद्रास क्षेत्र (वर्तमान तमिलनाडु) 7 इटावा परियोजना 1948 अलवर्ट मायर मेहागांव (इटावा, उत्तरप्रदेश) 8 नीलाखेड़ी परियोजना 1949 एस. के. डे नीलाखेड़ी (हरियाणा) 9 सामुदायिक विकास परियोजना 1952 योजना आयोग सम्पूर्ण भारत स्रोत - कुरुक्षेत्र पत्रिका, जनवरी, 2005

khadya suraksha mitra yojna खाद्य सुरक्षा मित्र योजना जानें क्या है

‘ईट राइट इंडिया’ अभियान को सुदृढ़ करने के लिए खाद्य सुरक्षा मित्र (एफएसएम) योजना प्रारम्भ - केन्द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 16 OCT 2019 को नई दिल्‍ली में विश्‍व खाद्य दिवस 2019 मनाये जाने के लिए आयोजित समारोह में ‘ ईट राइट जैकेट ’ और ‘ ईट राइट झोला ’ के साथ-साथ ‘ खाद्य सुरक्षा मित्र (एफएसएम) ’ योजना का भी शुभारंभ किया , ताकि खाद्य सुरक्षा व्‍यवस्‍था को मजबूत किया जा सके और इसके साथ ही ‘ ईट राइट इंडिया ’ अभियान को व्‍यापक बनाया जा सके। विश्‍व खाद्य दिवस 2019 की थीम ‘ शून्‍य भूखमरी वाली दुनिया के लिए स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक भोजन' है। क्या है ‘ खाद्य सुरक्षा मित्र ’ योजना- ‘ खाद्य सुरक्षा मित्र ’ योजना छोटे एवं मझोले खाद्य व्‍यवसायियों के लिए खाद्य सुरक्षा कानूनों का पालन करने और लाइसेंस एवं पंजीकरण , स्वच्छता रेटिंग तथा प्रशिक्षण को सुविधाजनक बनाने के लिए लागू की गई है। खाद्य सुरक्षा मित्र FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India- भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ) द्वारा प्रमाणित एक व्यक्तिगत पेशेवर है, जो तीन अवतारों-

खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जोड़ने के लिए शिविर 16 अक्टूबर से -

31 श्रेणियों के पात्र व्यक्तियों के खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जोड़ने के लिए शिविर 16 से 23 अक्टूबर तक - जयपुर, 15 अक्टूबर। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत 31 श्रेणियों के पात्र व्यक्तियों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची में जोड़ने के लिए जिला प्रशासन द्वारा नगर निगम के सहयोग से आठों जोन में 16 से 23 अक्टूबर तक लगाए जाने वाले शिविरों की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं एवं अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित कर दी गई है।  जिला कलक्टर श्री जगरूप सिंह यादव ने बताया कि ये शिविर सभी जोन में प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक लगाए जाएंगे। शिविर के आयोजन में लगे सभी कार्मिकों को निर्देशित किया है कि खाद्य सुरक्षा मेें नाम जोडे़ जाने की पात्र 31 श्रेणियों के एक भी व्यक्ति का नाम जुड़ने से छूटना नहीं चाहिए। इसी तरह किसी अपात्र का नाम सूची में जुड़ना नहीं चाहिए। आवेदन में कमी या अपूर्ण दस्तावेज होने की स्थिति में उन दस्तावेजों की पूर्ति के लिए सहयोग किया जाए। सभी काउंटर पर किए जाने वाले काम के बारे में आवेदकों जानकारी देने के लिए स्वयंसेवक उपलब्ध रहें और पूर्ण आवेदनों को उसी समय

Swadhar Grah Scheme - स्वाधार गृह योजना

स्वाधार गृह योजना- कठिन परिस्थितियों में महिलाओं के लिए प्राथमिक जरूरतों को पूरा करने हेतु योजना शोषण से महिलाओं की रक्षा और उनके शेष जीवन में आश्रय व पुनर्वास के लिए, तत्‍कालीन समाज कल्‍याण विभाग द्वारा वर्ष 1969 में, सामाजिक सुरक्षा पद्धति के तौर पर महिलाओं और बालिकाओं के लिए एक 'अल्‍पावास गृह' स्‍कीम आरंभ की गई थी ।  इस स्‍कीम का उद्देश्‍य पारिवारिक कलह या अनबन, अपराध, हिंसा, मानसिक तनाव, सामाजिक बहिष्‍कार, वैश्‍यावृत्‍ति की ओर बलपूर्वक धकेले जाने और नैतिक खतरों के कारण बेघर हुई महिलाओं या बालिकाओं को अस्‍थायी आवास, अनुरक्षण गुजारा-राशि और समान उद्देश्‍यों वाली पुनर्वास जैसी सेवाएं प्रदान करना है । दुस्‍साध्‍य परिस्‍थितियों से घिरी हुई महिलाओं के लिए स्‍वाधार नामक एक अन्‍य स्‍कीम, वर्ष 2001-02 में शुरू की गई थी। इस स्‍कीम का लक्ष्‍य, कठिन परिस्‍थितियों से घिरी हुई महिलाओं को आश्रय, भोजन, वस्‍त्र, परामर्श, प्रशिक्षण स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधित तथा कानून से संबंधित सहायता प्रदान करते हुए उन्‍हें पुनव्‍यवस्‍थापित करना है। विपणन अनुसंधान एवं सामाजिक विकास केंद्र नई दिल्‍

देवस्थान विभाग की वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना

देवस्थान विभाग की वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना (वर्ष- 2018) योजना का नाम -  वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना  योजना प्रारंभ वर्ष - 2013  (2016 से हवाई यात्रा को सम्मिलित करते हुए दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के नाम से) योजना का उद्देश्य व संक्षिप्त विवरण - इस योजना का उद्देश्य राजस्थान के मूल निवासी वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति) को उनके जीवन काल में एक बार प्रदेश के बाहर देश में स्थित विभिन्न नाम निर्दिष्ट तीर्थ स्थानों में से किसी एक स्थान की यात्रा सुलभ कराने हेतु राजकीय सुविधा एवं सहायता प्रदान करना है।  तीर्थ यात्रा हेतु अनुदान राशि- स्वयं विभाग द्वारा यात्रा का आयोजन तथा निर्धारित यात्रा का व्यय वहन  योजना में कुल लाभार्थियों की विभागीय सीमा- 3,000    रेलमार्ग से। 7,500   वायुयान से इसमें देवस्थान विभाग द्वारा तीर्थ स्थल हेतु आवेदकों की संख्या तथा यात्रा की संभाव्यता के आधार पर उक्त संख्या तथा अनुपात में परिवर्तन किया जा सकेगा। तीर्थ स्थानों की सूची:- यात्रा हेतु तीर्थ