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राजस्थान की योजनाएँ - राजस्थान की सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा योजना 2018

सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा योजना -2018 सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा का परिचय- सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा योजना जम्मू-कश्मीर राज्य के लेह-लद्दाख में सिन्धु नदी तक यात्रा का कार्यक्रम है।  वहां राज्य सरकार द्वारा सामान्यतः गुरु पूर्णिमा के निकट जून माह के आस-पास सिन्धु दर्शन उत्सव भी मनाया जाता है। वर्ष 2018 में उत्सव की तिथि 23-26 जून था जबकि 2019 में यह उत्सव 23-24-25 एवं 26 जून को आयोजित होगा।  इस यात्रा का उद्देश्य यात्रियों को भारत के उत्तरी सीमान्त क्षेत्र में सिन्धु संस्कृति से परिचित कराना है। जम्मू और कश्मीर राज्य सरकार द्वारा आयोजित होने वाला "सिंधु दर्शन उत्सव" हर वर्ष जून में तीन या चार दिनों तक चलता है, अतः इस समय यात्रा में वहाँ होने वाले धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन का अतिरिक्त आनंद लिया जा सकता है।   सिंधु दर्शन उत्सव सिंधु नदी और सैंधव संस्कृति का उत्सव है, साथ ही यह सांप्रदायिक सौहार्द और भारत की एकता के प्रतीक के रूप में आयोजित होता है।  इस दौरान बड़ी संख्या में विदेशी और घरेलू पर्यटकों का आगमन होता है, अतः पहले से बुकि

Loan Agreement for the Rajasthan State Highways Development Program II राजमार्ग विकास कार्यक्रम II परियोजना

राजस्‍थान राजमार्ग विकास कार्यक्रम II परियोजना के लिए MOU पर हस्‍ताक्षर भारत सरकार, राजस्‍थान सरकार और विश्‍व बैंक ने 27.06.2019 को राजस्‍थान राजमार्ग विकास कार्यक्रम II परियोजना के लिए 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किए।  उपर्युक्‍त ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से श्री समीर कुमार खरे और विश्‍व बैंक की ओर से कार्यवाहक कंट्री डायरेक्‍टर (भारत) श्री शंकर लाल ने हस्‍ताक्षर किए। साथ ही परियोजना संबंधी समझौते पर राजस्‍थान सरकार की ओर से लोक निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता एवं अपर सचिव श्री एम.एल.वर्मा और विश्‍व बैंक की ओर से कार्यवाहक कंट्री डायरेक्‍टर (भारत) श्री शंकर लाल ने हस्‍ताक्षर किए।  इसका उद्देश्‍य राजस्‍थान के राजमार्गों के बेहतर प्रबंधन के लिए राज्‍य की क्षमता को बढ़ाना और राजस्‍थान के चुनिंदा राजमार्गों पर यातायात के प्रवाह को बेहतर बनाना है।  विश्‍व बैंक से सहायता प्राप्‍त इस परियोजना से राज्‍य के 766 किलोमीटर लंबे राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों के निर्माण, उन्‍नयन, सुधार और रखरखाव में मदद मिलेगी।  इससे ठेकों के प्रबंधन, डेटा रिपोर्टिंग

PM Kisan Samman Nidhi Yojana

PM किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) : क्या है PM किसान सम्मान योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को 6,000 रुपये सालाना की न्यूनतम सुनिश्चित आय के लिये पूरक आय प्रदान करेगी। इस योजना के तहत तीन किस्तों 6000 रुपये किसानों के खाते में ट्रांसफर होंगे। यह योजना 01.12.2018 से शुरू की गई, जिसकी घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने की थी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसे 24 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से इसकी शुरुआत की थी। इस योजना के तहत सरकार किसानों को खाते में सालाना 6,000 रुपये डालेगी। उद्देश्य- देश में छोटे और सीमांत किसानों को प्रत्यक्ष आय सम्बन्धी सहायता दिए जाने के प्रयोजनार्थ एक सुव्यवस्थित कार्ययोजना प्रारम्भ करने के लिए भारत सरकार द्वारा शत-प्रतिशत केंद्रीय सहायता के साथ (पीएम-किसान) नाम की योजना प्रारम्भ की है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का फायदा अब देश के सभी किसानों को मिलेगा- हालांकि योजना के तहत पहले यह शर्त थी कि जिन किसानों के पास 2 हेक्टेयर यानि करीब 5 एकड़ तक

smart village scheme in rajasthan स्मार्ट विलेज योजना क्या है राजस्थान की योजनाएँ

राजस्थान की स्मार्ट विलेज योजना - राज्य सरकार के द्वारा बजट भाषण वर्ष 2017-18 में की गई घोषणा के क्रम में 3000 से अधिक आबादी वाले 3275 ग्रामों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है। ग्रामों में समग्र रूप से आधुनिक सुविधायें यथा- परम्परागत सौर उर्जा से स्ट्रीट लाईटिंग , ई-पुस्तकालय व नालेज सेन्टर, कचरा प्रबंन्धन, वाई-फाई नेटवर्क, उद्यान व खेल मैदान का विकास, चारागाह विकास इत्यादि कार्य विभागों की विभिन्न योजनाओं में उपलब्ध वित्तीय एवं अन्य संसाधनों से कन्वर्जेस के माध्यम से कराए जाने का प्रावधान किया गया है। योजना का लक्ष्य- स्मार्ट विलेज के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र रूप से आधुनिक सुविधायें यथा- परम्परागत सौर उर्जा से स्ट्रीट लाईटिंग, ई-पुस्तकालय व नालेज सेन्टर, कचरा प्रबंन्धन, वाई-फाई नेटवर्क उद्यान व खेल मैदान का विकास, चारागाह विकास करना है। योजना के उद्देश्य - 3275 स्मार्ट विलेज में निम्न चयनित गतिविधियों के माध्यम से कार्य कराये जाने का उद्देश्य रखा गया है - 1. जल निकासी प्रबंधन (नालियां/सोख्ता गड्ढे) एवं पक्की गलियां। 2. प्रत्येक स्मार्ट विले

राजस्थान की योजनाएँ Swa Vivek Jila Vikas Yojna - राजस्थान की स्व-विवेक जिला विकास योजना

राजस्थान की स्व-विवेक जिला विकास योजना - योजना का परिचय - राज्य में क्षेत्र के विकास की आवश्यकता एवं आपातकालीन परिस्थितियों का सामना करने, रोजगार के अवसर सृजित करने हेतु जिला कलक्टर्स के स्तर पर स्व-विवेक से निर्णय लेकर विकास कार्य कराये जाने हेतु वर्ष 2005-06 में स्व-विवेक जिला विकास योजना लागू की गई हैं। योजना के उद्देश्य - क्षेत्र की आवश्यकता एवं उत्पन्न आपातकालीन परिस्थितियों में क्षेत्र में जन-आंकाक्षाओं के अनुरूप कार्य स्वीकृत कर रोजगार के अवसर सृजित करना। सामुदायिक परिसम्पत्तियों एवं आधारभूत भौतिक सम्पत्तियों का सृजन। स्थानीय समुदाय को रोजगार की उपलब्धता एवं उनके जीवन स्तर में सुधार। योजना का वित्त पोषण - योजना शत-प्रतिशत राज्य वित्त पोषित है। योजना की विशेषताएं - यह राज्य के केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही लागू है। इस योजनान्तर्गत जिला कलक्टर्स द्वारा क्षेत्र की आवश्यकता, जन आकांक्षाओं एवं आपातकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये विकास कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं। इस प्रकार इस योजनान्तर्गत एक तरफ आपात कालीन परिस्थितियों का सामना क

राजस्थान की योजनाएँ Magra Area Development Programme - मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम

राजस्थान की ग्रामीण विकास की योजनाएँ - मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम कार्यक्रम का परिचय -  राजस्थान राज्य के दक्षिणी-मध्य के जनजाति उपयोजना क्षेत्र के अलावा वह क्षेत्र जो पहाड़ियों से घिरा हुआ है तथा जहां अन्य पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक लोगों का अधिवास है, को मगरा क्षेत्र कहा जाता है। मगरा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के साथ-साथ इस क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं के विकास हेतु वर्ष 2005-06 में मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।   उद्देश्य - प्रदेश का मगरा क्षेत्र जिसमें अन्य पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक लोग निवास करते हैं, राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछड़ा हुआ है। मगरा क्षेत्रीय विकास योजना के दिशा निर्देशों से निम्न उद्देश्यों की पूर्ति हो सकेगी:-  मगरा क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढ़ांचागत विकास। सामुदायिक एवं अन्य आधारभूत भौतिक परिसम्पत्ति सृजन। श्री योजना में शामिल 5 मूल आधारभूत सुविधाएं यथा ग्राम स्वच्छता एवं स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्रामीण आंतरिक सड़के, शिक्षा एवं ग्राम में रोशनी की व्यवस

राजस्थान की योजनाएँ - Kailsah Mansarovar Yatra Yojna of Devesthan Depatment Rajasthan

देवस्थान विभाग की कैलाश मानसरोवर दर्शन यात्रा योजना  Kailsah Mansarovar Yatra Yojna of Devesthan Depatment Rajasthan क्या है योजना का नाम-   कैलाश मानसरोवर यात्रा हेतु श्रद्धालुओं को सहायता योजना कब प्रारंभ हुई थी ये योजना - 1 अप्रैल 2011 से क्या है योजना का उद्देश्य - योजना का उद्देश्य विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से कैलाश मानसरोवर की यात्रा सफलतापूर्वक सम्पन्न करने वाले राजस्थान के स्थाई मूल निवासी श्रद्धालुओं को रुपये 1,00,000/- (अक्षरे एक लाख रुपये) प्रति यात्री की सहायता प्रदान करना। कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा का संक्षिप्त परिचय- जिन धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक महत्व के कारण कैलाश मानसरोवर की यात्रा जानी जाती है, वे अनेक धर्मों तक व्यापक है। हिन्दू परंपरा के अनुसार यह भगवान महादेव शिव का निवास स्थान भी है और मिथकों का सुमेरु एवं स्वर्गीय कल्पना का सेतु भी है। कैलाश पर्वत पर ही जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ( 'भगवान आदिनाथ') ने अपना मोक्ष पाया था। तिब्बत अपने आप में बौद्ध धर्म

राजस्थान की योजनाएँ - Mewat Area Development Plan- मेवात क्षेत्रीय विकास योजना

मेवात क्षेत्रीय विकास योजना -  योजना का परिचय - अलवर एवं भरतपुर जिले का मेव बाहुल्य क्षेत्र जो मेवात क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, उसके विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1987-88 से मेवात क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। योजना के उद्देश्य - प्रदेश का मेवात क्षेत्र जिसमें अन्य पिछडी जाति एवं अल्पसंख्यक लोग निवास करते है। राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछडा हुआ है। मेवात क्षेत्रीय विकास योजना के दिशा निर्देशों से निम्न उद्देश्यों की पूर्ति हो सकेगी-   मेवात क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढांचागत विकास। सामुदायिक एवं अन्य आधारभूत भौतिक परिसम्पत्ति सृजन। श्री योजना में शामिल 5 मूल आधारभूत सुविधाएं यथा ग्राम स्वच्छता एवं स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्रामीण आंतरिक सड़के, शिक्षा एवं ग्राम में रोशनी की व्यवस्था के कार्यों का प्राथमिकता से सम्पादन। जनसंख्या के आधार पर मेवात ग्रामीण क्षेत्र का चरणबद्ध समग्र विकास। मेवात ग्रामीण क्षेत्र की ग्राम पंचायत मुख्यालयों एवं ग्राम की जनसंख्या के आधार पर गाँवों का समग्र विकास । मेवात क

Mitigating Poverty in Western Rajasthan (MPoWeR) पश्चिमी राजस्थान गरीबी शमन परियोजना (एमपाॅवर)

पश्चिमी राजस्थान गरीबी शमन परियोजना (एमपाॅवर)- Mitigating Poverty in Western Rajasthan (MPoWeR)- परियोजना का परिचय -  राज्य सरकार द्वारा जोधपुर संभाग के छः जिलों में अन्तराष्ट्रीय कृषि विकास कोष ( IFAD ) की सहायता से पश्चिमी राजस्थान गरीबी शमन परियोजना Mitigating Poverty in Western Rajasthan (MPoWeR) परियोजना स्वीकृत की गई है।  योजना की कार्य अवधि पूर्व में दिसम्बर 2014 थी जिसे दो बार विस्तार करके दिसम्बर 2017 तक बढ़ाया गया, योजना समाप्ति जून 2018 थी।  राज्य के जोधपुर संभाग के बायतु (बाड़मेर), साॅकडा (जैसलमेर), बाप (जोधपुर), सांचौर (जालौर), बाली (पाली) तथा आबूरोड (सिरोही) पंचायत समितियों में यह परियोजना वर्ष 2008-09 से संचालित की जा रही है तथा दो ब्लाॅक सिरोही जिले में पिण्डवाड़ा व जोधपुर जिले में बालेसर को भी वर्ष 2016-17 सम्मिलित किया गया है।  इन दो ब्लाॅकों में राजीविका में गठित स्वयं सहायता समूहों के आय संवर्द्धन का कार्य एमपाॅवर परियोजना द्वारा किया गया।  इन पंचायत समितियों में राजस्थान सरकार द्वारा निर्धारित किये गये गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले शत

राजस्थान की योजनाएँ Rajasthan Grameen Aajeevika Pariyojna - राजस्थान ग्रामीण आजीविका परियोजना (आर.आर.एल.पी.)

राजस्थान ग्रामीण आजीविका परियोजना (आर.आर.एल.पी.) परिचयः माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा वित्तीय वर्ष 2009-10 के बजट भाषण मे विश्व बैंक की सहायता से राजस्थान ग्रामीण अजीविका परियोजना लागू करने की घोषणा की गई, जिसके क्रम में ”राजस्थान ग्रामीण आजीविका परियोजना“ के प्रस्ताव तैयार कर विश्व बैंक को प्रस्तुत किये गये। परियोजना की स्वीकृति विश्व बैंक बोर्ड की बेैठक दिनाक 11.01.2011 मे कर दी गई है। राजस्थान ग्रामीण आजीविका परियोजना हेतु विश्व बैंक एवं भारत सरकार के साथ दिनांक 24.5.2011 को लीगल डाॅक्यूमेन्ट्स हस्ताक्षरित किये गये तथा राजस्थान ग्रामीण आजीविका परियोजना हेतु विश्व बैंक एव भारत सरकार के साथ बैंक से वित्तीय सहायता दिनाक 22.06.2011 से प्रभावी हुई। प्रस्तावित परियोजना से राज्य के 4 लाख बी.पी.एल परिवारों को स्थाई जीविकोपार्जन के संसाधन एव आवश्यक आधारभूत सुविधाएँ उपलब्ध करवाकर इनका आर्थिक स्तर गरीबी रेखा से ऊपर उठाये जाने का लक्ष्य रखा गया है। ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् का गठन - राजस्थान राज्य के ग्राामीण क्षेत्र में लाइवलीहुडु से सम्बन्धित समस्त कार्यक्रमों के प

Apki Beti Yojna Rajasthan - राजस्थान सरकार की आपकी बेटी योजना

राजस्थान सरकार की आपकी बेटी योजना  क्या है आपकी बेटी योजना और कैसे करें आवेदन - बालिका शिक्षा  बढ़ावा देने के लिए यह योजना बालिका शिक्षा फाउण्डेशन , पुस्तक भवन झालाना डूंगरी, जयपुर द्वारा चलायी जा रही है। आपकी बेटी योजना के अंतर्गत राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से कक्षा 12 में पढ़ने वाली गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की ऐसी बालिकाएँ आर्थिक सहायता के लिए पात्र होती है , जिनके माता-पिता में से दोनों अथवा एक का निधन हो गया हो। इसके लिए विद्यालय के संस्था प्रधान के माध्यम से संबंधित बालिका से फॉर्म भरवाकर (मृत्यु प्रमाण पत्र, बी.पी.एल. राशन कार्ड प्रति तथा गत कक्षा की अंक तालिका के साथ)  जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भिजवाना होता है। कितनी मिलती है सहायता राशि- राज्य सरकार ने सत्र 2019-20 में ‘‘आपकी बेटी योजना‘‘ के तहत कक्षा 1 से 8 में अध्ययनरत बालिकाओं को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 2100 रुपये तथा कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत बालिकाओं के लिए आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया है। अब इन बालिकाओं को सत्र 2019-20 से बढ़ी हुई आर्थिक सहायता राशि

कुसुम योजना की फर्जी वेबसाइटों से रहे सावधान- सरकार ने कहा

सरकार की कुसुम योजना के आवेदन की फर्जी वेबसाइटों से सावधान रहने की आम सूचना : किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (कुसुम) योजना के तहत पंजीकरण के लिए धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइटों से सावधान रहे- भारत सरकार ने हाल ही में किसानों के लिए सौर पंप लगाने और सौर ऊर्जा संयंत्र को ग्रिड से जोड़ने से संबंधित कुसुम योजना को लागू किया है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने 08 मार्च, 2019 को योजना की प्रशासनिक स्‍वीकृति दी। वि़द्युत वितरण कंपनियां (डिस्‍कॉम) और राज्‍य की नोडल एजेंसियों को इस योजना के कार्यान्‍वयन की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए विस्‍तृत दिशा-निर्देश शीघ्र ही जारी किये जाएंगे। भारत सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया कि सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ वेबसाइटें स्वयं को कुसुम योजना के लिए पंजीकरण पोर्टल होने का झूठा दावा कर रही है। ऐसी वेबसाइटें आम लोगों को धोखा दे रही हैं और जाली पंजीकरण पोर्टल के सहारे जमा किये गये आंकड़ों का दुरूपयोग कर रही है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने विज्ञप्ति में किसानों एवं आम लोगों को सलाह