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Rajasthan current affairs July to September 2019

Rajasthan current affairs July to September 2019

 



उदयपुर स्मार्ट सिटी को मिला अन्तर्राष्ट्रीय गौरव


लेकसिटी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए किए जा रहे सार्थक प्रयासों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है। उदयपुर को स्मार्ट सिटी विकास के सार्वभौमिक मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भेजे गए प्रस्तावों पर उदयपुर स्मार्ट सिटी को अन्तर्राष्ट्रीय गौरव प्राप्त हुआ है और इसे अन्तर्राष्ट्रीय ‘सस्टेनेबल सिटीज़ एण्ड ह्यूमन सेटलमेंट अवार्ड‘ से सम्मानित किया गया है। 

 उदयपुर स्मार्ट सिटी सीईओ कमर चौधरी ने बताया कि इस संबंध में गत दिनों न्यूयॉर्क के ग्लोबल फॉरम फॉर ह्यूमन सेटलमेंट को उदयपुर स्मार्ट सिटी विकास का मॉडल प्रस्ताव भेजा गया था जिस पर संस्था द्वारा मेयर चंद्रसिंह कोठारी को पत्र भेजकर इस अवार्ड से सम्मानित किए जाने की जानकारी दी गई थी। गत 5-6 सितंबर को यूएन कांफ्रेंस सेंटर, इथोपिया में आयोजित समारोह में उदयपुर के प्रतिनिधि ने यह सम्मान प्राप्त किया। 
इस अवार्ड के लिए उदयपुर को हकदार बनाने के पीछे स्मार्ट बिल्डींग ऑपरेशन के लिए तैयार किए गए कमांड और कंट्रोल सेंटर, कचरा निस्तारण, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम, शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए तैयार किए जा रहे सिस्टम, वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लान के साथ जलसंग्रहण के लिए किए जा रहे प्रयास हैं। 



राज्य में शुरू हुआ टेक्नोलॉजी एण्ड इनोवेशन सेंटर (टिस्क)

राजस्थान देश के उन छह राज्यों में शामिल हो गया है जहां पेटेंट, ट्रेडमार्क एवं डिजायन के लिए प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन टेक्नोलॉजी एण्ड इनोवेशन सेंटर (टिस्क) की स्थापना की गई है। अब राज्य का कोई भी इनोवेटर (किसान, व्यक्तिगत, वैज्ञानिक, शोधकर्ता या अन्य) इस सेंटर के माध्यम से पेटेंट, ट्रेडमार्क एवं डिजायन के लिए आवेदन कर सकता है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने बताया कि सेंटर के शुरू होने से इनोवेटर को राज्य में इस सुविधा का लाभ मिलने से पेटेंट की प्रक्रिया में तीव्रता आएगी तथा उसको भारत सरकार की स्कीम का भी लाभ मिल सकेगा। विभाग के अधीन पेटेंट सूचना केन्द्र बौद्धिक सम्पदा अधिकार संबंधित विषयों के लिए नोडल एजेंसी पहले से ही घोषित किया जा चुकी है और वर्ष 2018 में राज्य से 186 पेटेंट दाखिल किए गए है।

टिस्क पेटेंट फाइलिंग के लिए कार्य करेगा, पेटेंट की प्रमाणिकता को देखेगा साफ्टवेयर की मदद से रिपोर्ट जनरेट करेगा, मार्केट में टेक्नोलॉजी से अन्य विविधताओं की विवेचना कर पेटेंट की प्रक्रिया को आगे बढाएगा।

जी.आई उत्पादों को दी जाएगी विशेष पहचान


राज्य में 14 उत्पाद को ज्योग्राफीकल इडीकेंशन में पंजीकृृत हो चुके है। इन उत्पादों को किस तरह आगे बढ़ाया जाए एवं इनसे जुडे़ लोगों का आर्थिक सशक्तीकरण, उत्पाद की गुणवत्ता, ई-कामर्स प्लेटफार्म उपलब्ध करवाना, प्रमुख पर्यटक स्थानों पर इनकी बिक्री के लिए विशेष व्यवस्था करना इत्यादि विषयों पर एक समिति का भी गठन किया गया है। जिसमें कृषि, उद्योग, आयुर्वेद, वन, खाद्य एवं आपूर्ति, कला एवं संस्कृति तथा उद्यान विभाग के आयुक्त व निदेशक स्तर के वरिष्ठ अधिकारी के साथ केन्द्र सरकार के दो विभागों के विशेषज्ञ अधिकारी भी शामिल किए गये है। यह समिति जी.आई. पंजीकरण कराने वाली संस्थानों को आर्थिक एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न विभागों से समन्वय का कार्य भी करेगी। राज्य से जी.आई. पंजीकरण करने के लिए शुल्क का पुनर्भरण भी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया जाएगा इस निर्णय से राज्य के किसानों, कलाकारों, कारीगरों, का सामाजिक एवं आर्थिक उन्नयन होगा।

राजस्थान के इक्कीसवें राज्यपाल बने श्री कलराज मिश्र 

राजस्थान के मनोनीत राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने 09 सितम्बर, सोमवार को दोपहर 1ः10 बजे राज भवन में राजस्थान के राज्यपाल पद की शपथ ली। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री रविन्द्र एस. भट्ट ने श्री मिश्र को राज्यपाल पद की शपथ दिलाई। मुख्य सचिव श्री डी.बी. गुप्ता ने राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द द्वारा जारी राज्यपाल की नियुक्ति का वारंट पढ़कर सुनाया। शपथ लेने के बाद राज्यपाल श्री कलराज मिश्र को राजभवन में गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया गया। 

संक्षिप्त परिचय- श्री कलराज मिश्र

श्री कलराज मिश्र का जन्म 1 जुलाई, 1941 को उत्तर प्रदेश में गाजीपुर जिले के मलिकपुर सैदपुर ग्राम में हुआ। श्री मिश्र ने वाराणसी में महात्मा गांधी विद्यापीठ से एम.ए. की शिक्षा प्राप्त की।
किसान एवं सामाजिक कार्यकत्र्ता श्री मिश्र तीन बार राज्य सभा सदस्य रहे। वे उत्तर प्रदेश विधानसभा के भी तीन बार सदस्य रहे। श्री मिश्र 27 मई, 2014 से 2 सितम्बर, 2017 तक लघु एवं मध्यम एन्टरप्राइजेज विभाग के केन्द्र में मंत्री रहे। श्री मिश्र संसद व उत्तर प्रदेश विधानसभा की विभिन्न समितियों के सदस्य भी रहे हैं।
समाज सेवा में प्रारंभ से ही सक्रिय रहे श्री कलराज मिश्र के विधायी जीवन की शुरूआत वर्ष 1978 में राज्यसभा के सदस्य चुने जाने के साथ हुई । वर्ष 1997 में श्री मिश्र उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे। 

स्वतंत्रता सेनानी डॉ. देवीलाल पालीवाल को राजकीय सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई


स्वतंत्रता आंदोलन में अपना अमूल्य योगदान देने वाले दिवंगत सेनानी डॉ. देवीलाल पालीवाल का उदयपुर में निधन हो गया। उन्हें 8 सितम्बर रविवार को उदयपुर के सेक्टर 13 स्थित मोक्षधाम पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। वे 92 वर्ष के थे। जिला कलेक्टर श्रीमती आनंदी एवं जिला पुलिस अधीक्षक कैलाश चंद्र विश्नोई ने उनकी पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। पुलिस के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस अवसर पर उनके पुत्र डॉ. प्रकाशचन्द्र, श्री आलोक व श्री सुनील सहित परिजनों ने मुखाग्नि दी। वे अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए।

स्वतंत्रता आंदोलन में रहे सक्रिय, लेखक व इतिहासकार भी


दिवंगत सेनानी श्री पालीवाल स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लेखक व सक्रिय आन्दोलनकारी रहे। इसके साथ ही वे एक अच्छे इतिहासकार भी रहे। उन्होंने ‘महाराणा प्रताप महान‘ व ‘मेवाड़ इन ब्रिटिश’ सहित मेवाड़ के इतिहास पर कई पुस्तकें लिखी। वर्ष 1960 में श्री पालीवाल ने उदयपुर के श्रमजीवी महाविद्यालय में इतिहास के अध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं दी और वर्ष 1971-72 में राजस्थान साहित्य अकादमी के निदेशक भी रहे।

पालीवाल ने वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उदयपुर के घंटाघर पर प्रदर्शन करते हुए लाठीचार्ज का सामना किया। ख्यात पुस्तक महाराणा प्रताप महान के लेखक डॉ देवीलाल पालीवाल ने इस पुस्तक में बताया कि महाराणा प्रताप शौर्य त्याग और बलिदान की ही प्रतिमूर्ति नहीं थे बल्कि वे कुशल प्रशासक और प्रजापालक भी थे। उन्होंने कर्नल जेम्स टॉड की ‘एनल्स एंड एंटीक्विटीज ऑफ राजस्थान’ एवं ‘पश्चिमी राजस्थान की यात्रा’ किताबों का हिंदी में अनुवाद किया था। पालीवाल ने राजपूतों के इतिहास, महाराणा प्रताप आदि से संबंधित 25 किताबें लिखी।

भारत सरकार द्वारा प्रमाणन प्राधिकरण घोषित राजस्थान बना देश का पहला राज्य

भारत सरकार के नियत्रंक प्रमाणन प्राधिकरण ने राजस्थान सरकार के उपक्रम ''राजकॅाम्प इन्फो सर्विसेज लि.'' को प्रमाणन प्राधिकरण घोषित किया है। इससे राजस्थान ई-साईन, डिजीटल सिग्नेचर टोकन एवं एसएसएल प्रमाण पत्र जैसी सेवाएं देश के अन्य राज्यों को प्रदान कर पाएगा तथा राज्य के नागरिकों को भी अब वैधानिक रूप से इन सुविधाओं के उपयोग की मान्यता प्राप्त होगी।
उल्लेखनीय है कि ई-साईन भारतीय आईटी अधिनियम,2000 तथा इससे संबंधित अन्य नियमों और विनियमों के तहत कानूनी रूप से मान्य और नागरिकों को सुरक्षित रूप से अपने दस्तावेजों पर तत्काल हस्ताक्षर करने के लिए ऑन-लाइन मंच प्रदान करता है।
राजकॉम्प के प्रमाणन प्राधिकरण बनने से सरकार के कार्यो में शीघ्रता के साथ-साथ पारदर्शिता बढेगी एवं धन व समय की भी बचत होगी। सरकार को डिजीटल सिग्नेचर टोकन एवं एसएसएल प्रमाण पत्र जैसी सेवाओं के लिए भुगतान करना होता था लेकिन प्राधिकरण घोषित होने से ऎसी अब सेवाओं के लिए भुगतान नही करना पड़ेगा, वही दूसरी ओर इन सेवाओं को प्रदान कर राज्य के राजस्व में वृद्धि का स्त्रोत के रूप में यह प्राधिकरण कार्य करेगा। अभी राज्य में प्रतिदिन 3 से 5 लाख दस्तावेज ई-साईन होते है। अब यह संख्या बढ़कर लगभग 10 लाख तक पहुंचेगी। ई-साईन को वैधानिक मान्यता मिलने से ई-साईन के माध्यम से वैध आधार आईडी ओर पंजीकृत मोबाइल नम्बर वाले सभी नागरिक ऑनलाइन दस्तावेजों पर डिजीटल हस्ताक्षर कर सकते हैं। इससे अन्य राज्यों को भी शुल्क के आधार पर सेवाएं प्रदान की जा सकेगी। ई-साईन प्रोजेक्ट को 18 सितम्बर, 2019 को मुबंई में आयोजित होने वाली इन्फोकॉम समिट में आईटी एक्सीलैन्स अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।

राजस्थान को 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए 'श्रेष्ठ राज्य’ श्रेणी का पुरस्कार

 राजस्थान को लगातार तीसरी बार ''बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ योजना में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से 'श्रेष्ठ राज्य’ श्रेणी से पुरस्कृत किया गया है। 

राज्य की ओर से महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी से यह पुरस्कार ग्रहण किया। 

जोधपुर व नागौर भी पुरस्कृत -

"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ योजना में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए "सेक्स रेशो एट बर्थ’’ में बढ़ोतरी वाले देश के 10 जिलों की श्रेणी में जोधपुर जिले को तथा "अवेयरनेस जनरेशन एण्ड आउटरिच एक्टीविटीज’’ श्रेणी के लिए श्रेष्ठ 10 जिलों श्रेणी में नागौर को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

विधान सभा अध्यक्ष डॉ. जोशी विधानसभा एवं विधान मंडलों की वित्तीय स्वायत्तता समिति के सभापति बने


लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने अखिल भारतीय विधानसभा एवं विधान मंडल सचिवालयों को वित्तीय स्वायत्तता के मामले पर गठित समिति का विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी जोशी को सभापति नियुक्त किया। इस संबंध में 28 अगस्त 2019 को नई दिल्ली में पीठासीन अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गई , जिस पर श्री ओम बिरला ने डॉ. जोशी को इस समिति का सभापति नियुक्त किया है।



सितम्बर होगा पोषण अभियान के अन्तर्गत ‘पोषण माह‘ -

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यह अभियान 01 सितम्बर से 30 सितम्बर तक मनाया जायेगा। इसमें 62 हजार आंगनबाड़ी केन्द्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस अभियान को घर-घर व्यापक प्रचार प्रसार करेंगे ताकि कुपोषण मुक्त भारत का निर्माण हो। विभाग के पोषाहार कार्यक्रम के अन्तर्गत 700 करोड रूपये का बजट आवंटित किया है। महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, प्राथमिक शिक्षा विभाग,ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, शहरी विकास विभाग, तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सहयोग और सहभागिता से  ‘‘पोषण माह सितम्बर 2019’’ का आयोजन किया जा रहा है।  ‘चलो अपनाये पोषण व्यवहार 2019’’ इस अभियान का केन्दि्रत सन्देश है। पोषण माह के अन्तर्गत स्थानीय लोगों के साथ-साथ गर्भवति महिलाओं, धात्री माताओं एवं उनके पति, सास, ननद एवं परिवार के अन्य सदस्यों को बच्चों के पोषण के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके लिए बच्चे को जीवन के प्रथम एक हजार दिवस में पोषण अतिआवश्यक है, डायरिया प्रबन्धन, आहार विधिवत, एनिमिया की रोकथाम,सफाई स्वच्छता एवं सुरक्षित पेयजल जैसे पांच सूत्रों को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।


उर्मिला राजोरिया बनी आरएसडीसी  की नई एमडी -


भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी उर्मिला राजोरिया ने राजस्थान हाथकर्घा विकास निगम के प्रबंध संचालक का कार्यभार संभाल लिया। उल्लेखनीय है कि उर्मिला राजोरिया को राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर आरएसडीसी के एमडी का अतिरिक्त कार्यभार दिया है।

‘‘म्हारो राजस्थान, समृद्ध राजस्थान’’ अभियान


परिवहन एवं सैनिक कल्याण मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास एवं चिकित्सा राज्य मंत्री श्री सुभाष गर्ग ने प्रदेश में जल, उर्जा, पर्यावरण संरक्षण, नशामुक्ति, शाश्वत जैविक और यौगिक खेती, खुशहाल जीवन, तनावमुक्ति जैसे विषयों के प्रति जनजागृति के लक्ष्य के साथ ‘‘म्हारो राजस्थान, समृद्ध राजस्थान’’ अभियान के तहत 4 सितम्बर बुधवार को भव्य रथों को 33 जिलों के लिए रवाना किया। ब्रहम्कुमारीज संस्थान की ओर से आयोजित इस अभियान का आगाज सवाई मानसिंह अस्पताल के सुश्रुत सभागार में हुआ।

इस अभियान में जीवन से जुडे़ विषयः जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, नशामुक्ति, स्वच्छता, शाश्वत जैविक और यौगिक खेती, खुश हाल जीवन, ह्दयरोग के कारण और उसका निवारण, तनावमुक्ति जैसे विषयों पर जानकारी दी जाएगी एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। ‘‘म्हारो राजस्थान, समृद्ध राजस्थान’’ अभियान के तहत 6 जागरूकता रथ 33 जिलों में पहुंचेंगे। यह अभियान 22 सितम्बर तक राजस्थान के 33 जिलों में इन रथों के जरिये संचालित होगा। इसमें स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, आंगनवाड़ी कार्यकता, सरकारी तथा गैरसरकारी संस्थानों के कर्मचारी भी शामिल होंगे।  अभियान का समापन 24 सितम्बर को ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन में एक सम्मेलन के साथ होगा।

विधानसभा अध्यक्ष एवं स्वायत्त शासन मंत्री ने किया नाथद्वारा में निर्माणाधीन शिव प्रतिमा का अवलोकन


विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी.जोशी एवं स्वायत्त शासन मंत्री श्री शांति धारीवाल ने 3 सितम्बर मंगलवार को राजसमंद जिले में नाथद्वारा के समीप स्थित निर्माणाधीन शिव प्रतिमा का अवलोकन किया और निर्माण कार्यों को देखा। इस अवसर पर श्री धारीवाल ने भी साथ रहकर सभी कार्यो को बारीकी से देखा। इस अवसर पर राजसमंद जिला कलक्टर श्री अरविन्द कुमार पोसवाल, नगर परिषद आयुक्त श्री जनार्दन शर्मा, उपखंड अधिकारी निशा अग्रवाल, समाजसेवी श्री देवकीनन्दन गुर्जर सहित गणमान्य जन उपस्थित थे।

जुलाई माह के थोक मूल्य सूचकांक में 0.69 प्रतिशत वृद्धि


राज्य का माह जुलाई, 2019 को सभी वस्तुओं का थोक मूल्य सूचकांक आधार वर्ष (1999-2000 =100) पर 311.22 रहा, जो कि गत माह के 309.08 की तुलना में 0.69 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करता है। राज्य के मासिक सामान्य थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फिति की वार्षिक दर (जुलाई 2018) 3.07 प्रतिशत रही, जो गत माह में 3.16 प्रतिशत दर्ज की गई थी। 

आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव डॉ. ओमप्रकाश बैरवा ने बताया कि आलोच्य माह जुलाई, 2019 के सूचकांक में गत माह से वृद्धि का प्रमुख कारण 4 प्रमुख समूह के सूचकांक में वृद्धि दर्ज होना रहा है। समीक्षाधीन माह में खाद्यान्न समूह में (1.02 प्रतिशत), खनिज उप समूह में (0.71 प्रतिशत), ईंधन, शक्ति, प्रकाश एवं उपस्नेहक समूह में (2.56 प्रतिशत) तथा विनिर्माण समूह में (0.62 प्रतिशत) की वृद्धि होना है। 

उन्होंने बताया कि माह जुलाई, 2019 में प्राथमिक वस्तु समूह का सूचकांक गत माह की तुलना में 0.50 प्रतिशत कम होकर 315.41 रह गया है। प्राथमिक वस्तु समूह के अन्तर्गत कमी का मुख्य कारण अखाद्य पदार्थ समूह सूचकांक में 4.15 प्रतिशत की कमी होना है। कृषि वस्तुओं के उप समूह के खाद्य समूह सूचकांक में 1.02 प्रतिशत तथा खनिज उप समूह में 0.71 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। आलोच्य माह में प्राथमिक वस्तु समूह के सूचकांक में कमी का प्रमुख कारण अखाद्य उपसमूह के रेशे, तिलहन एवं अन्य अखाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी होना रहा है।

इसी तरह खनिज उप समूह के अन्तर्गत जिप्सम (2.33 प्रतिशत), सीसा (2.29 प्रतिशत), चांदी (3.46  प्रतिशत) इमारती पत्थर (3.26 प्रतिशत) तथा चूना पत्थर (2.05 प्रतिशत) में वृद्धि जबकि जिंक (6.92 प्रतिशत) की कीमतों में कमी दर्शित हुई है। प्राथमिक वस्तु समूह सूचकांक में वार्षिक आधार पर जुलाई, 2018 की तुलना में 5.01 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 

श्री बैरवा ने बताया की ईंधन, शक्ति, प्रकाश एवं उपस्नेहक समूह का सूचकांक माह जुलाई, 2019 में गत माह के सूचकांक 451.76 की तुलना में 2.56 प्रतिशत बढ़कर 463.31 हो गया है। समीक्षाधीन माह के दौरान सूचकांक में वृद्धि का प्रमुख कारण पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस समूह की कीमतों में वृद्धि होना रहा है। वार्षिक आधार पर जुलाई, 2018 की तुलना में ईंधन, शक्ति, प्रकाश एवं उपस्नेहक समूह में 1.02 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। 

उन्होंने बताया कि माह जुलाई, 2019 में विनिर्मित उत्पाद समूह का सूचकांक में गत माह के 257.19 में 0.62 प्रतिशत की वृद्धि के उपरान्त 258.78 हो गया है, जबकी जुलाई, 2018 की तुलना में 3.99 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। आलोच्य माह में वृद्धि का प्रमुख कारण खाद्य पदार्थ, मादक पेय एवं तम्बाकू उत्पाद, कताई  बुनाई एवं परिष्करण उत्पादों लकड़ी एवं लकड़ी से निर्मित उत्पादों, केमिकल, अधातु खनिज उत्पाद, सामान्य प्रयोग के मशीनरी उत्पादों तथा मोटर वाहनों की कीमतों में वृद्धि होना रहा है।

आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना लागू


मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की स्वीकृति के बाद प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत चयनित परिवारों एवं सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के आधार पर पात्र परिवारों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना 1 सितंबर से प्रदेश भर में लागू कर दी गई है। इस योजना से राज्य के 1 करोड़ 10 लाख से अधिक परिवारों को निशुल्क इलाज उपलब्ध हो सकेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि पूर्व में लागू भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना एवं  आयुष्मान भारत योजना को एकीकृत कर प्रदेश में आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की गई है। योजना में शामिल परिवारों को संपूर्ण  चिकित्सा सुविधाएं कैशलेस उपलब्ध होंगी। वर्तमान भामाशाह स्वास्थ्य बीमा के पात्र परिवारों को पूर्ववत् इलाज मिलता रहेगा। आर्थिक सामाजिक एवं जाति आधारित जनगणना के आधार पर पात्र लाभार्थी परिवारों को भी वर्तमान योजना से जोड़कर योजना का दायरा बढ़ाया गया है।  वर्तमान में भामाशाह से संबद्ध सभी निजी व सरकारी अस्पतालों में इस योजना का लाभ लिया जा सकता है।

‘मंगला' ने देश-प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलने का काम किया-


मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि करीब दस साल पहले हमारी सरकार के समय जिस ऎतिहासिक तेल प्रोजेक्ट मंगला के जरिए बाड़मेर में क्रूड ऑयल उत्पादन का शुभारम्भ किया गया था, उसने न केवल बाड़मेर जिले बल्कि देश और प्रदेश की तस्वीर एवं तकदीर बदलने का काम किया है। यहां खनिज तेल का उत्पादन किसी चमत्कार से कम नहीं है और इससे पूरे क्षेत्र में खुशहाली आई है। श्री गहलोत 29 अगस्त गुरूवार को बाड़मेर के मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल में मंगला फर्स्ट ऑयल की 10वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड की नवीन योजना ‘‘उज्ज्वल‘‘ के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। 

दस साल में 650 फीसदी बढ़ी बाड़मेर की प्रति व्यक्ति आय 


मुख्यमंत्री ने कहा कि तेल उत्पादन शुरू होने से पिछले एक दशक में बाड़मेर जिले की प्रति व्यक्ति आय 650 फीसदी तक बढ़ गई है। जो राज्य के शेष 32 जिलों में सर्वाधिक है। दस साल में यहां की प्रतिव्यक्ति आय 17 हजार रूपये से बढ़कर एक लाख 28 हजार रूपये हो गई है, जो कि बीते वर्ष के राष्ट्रीय औसत 82 हजार रूपये से डेढ़ गुना अधिक है। इतना ही नहीं राज्य की जीडीपी में बाड़मेर का योगदान जयपुर के बाद सर्वाधिक हो गया है।

देश के क्रूड ऑयल का एक चौथाई राजस्थान से


उन्होंने कहा कि बॉम्बे हाई के बाद राजस्थान का बाड़मेर देश का दूसरा अग्रणी तेल उत्पादक क्षेत्र बन गया है। आज देश के कुल क्रूड ऑयल का करीब एक चौथाई भाग राजस्थान से निकल रहा है। 

रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स से आएगी खुशहाली


श्री गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में रिफाइनरी कम पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की नींव रख दी थी। लेकिन गत सरकार के समय इस काम में देरी हुई जिसका नुकसान रोजगार तथा राजस्व के रूप में पूरे प्रदेश को हुआ। अब यहां देश की पहली ऎसी रिफाइनरी लगेगी जहां रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स एक साथ होंगे। हमने इस बार सरकार में आते ही केबिनेट की पहली बैठक में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया। इस परियोजना के पूरा होने से इस क्षेत्र में और भी खुशहाली आएगी। रिफाइनरी के साथ सहायक उद्योगों के लगने से युवाओं को रोजगार एवं कौशल विकास के अवसर मिलेंगे।

इंजीनियराें एवं तकनीशियनों की सराहना


मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की कई कम्पनियों ने यहां तेल खोजने के प्रयास किए। लेकिन सफलता केयर्न एनर्जी को ही नसीब हुई। अब उनके द्वारा उत्पादित तेल देश और प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने तेल उत्पादन के जरिए प्रदेश के विकास में भागीदारी निभा रहे इंजीनियरों एवं तकनीशियनों की सराहना करते हुए कहा कि वे कठिन परिस्थितियों में भी डटे रहकर देश और प्रदेश की सेवा कर रहे हैं।
श्री गहलोत ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उज्ज्वल योजना के जरिये केयर्न और वेदान्ता ने अपना सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने की कड़ी में एक ओर नई शुरूआत की है। इस योजना से जिले के 60 चयनित स्कूलों में नई डिजिटल शिक्षा व्यवस्था, स्कूलों में आधारभूत विकास के काम किए जाएंगे।

प्रदेश के विकास के लिए बढ़ाएं तेल उत्पादन


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के प्रयासों से केन्द्र सरकार ने राज्य में 10 तेल की खोज के लिए 10 ब्लॉक आवंटित किए हैं। नये तेल क्षेत्र खोजने की दिशा में प्रयास हों। इसका फायदा पूरे राज्य को होगा। केयर्न प्रदेश के विकास में और अधिक भागीदारी निभाने के उद्देश्य से तेल का उत्पादन बढ़ाए।

इससे पहले राजस्व मंत्री श्री हरीश चौधरी ने कहा कि केयर्न एनर्जी के द्वारा उत्पादित किए जा रहे खनिज तेल के कारण पिछले 10 साल में इस क्षेत्र का कल्पनातीत विकास हुआ है। जो बाड़मेर क्षेत्र अकाल और सूखे के कारण जाना जाता था वह आज तेल उत्पादन के कारण पहचाना जाने लगा है।

केयर्न ऑयल एण्ड गैस के सीईओ श्री अजय दीक्षित ने कहा कि फिलहाल इस क्षेत्र में देश के तेल उत्पादन का करीब 24 प्रतिशत हिस्सा है, जिसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उज्ज्वल योजना के जरिये 60 विद्यालयों में 15 हजार बच्चों को बेहतर वातावरण में शिक्षा देने की दिशा में काम किया जाएगा। 


मंगला से प्रतिदिन 1.75 लाख बैरल तेल उत्पादन


मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल का उद्घाटन 29 अगस्त, 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने किया था। इस टर्मिनल से अब तक 53.2 करोड़ बैरल तेल का उत्पादन हो चुका है। वर्तमान में प्रतिदिन 1.75 लाख बैरल तेल निकाला जा रहा है। पिछले एक दशक में राजस्थान में तेल उत्पादन के लिए 62 हजार करोड़ रूपये का निवेश किया जा चुका है। इससे 32 हजार करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।

चूरू की महिलाओं को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार-

राष्ट्रीय पोषण मिशन कार्यक्रम के तहत उत्कृष्ट कार्य करने के लिए महिला पर्यवेक्षक श्रीमती बेला शर्मा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती शारदा ढाका, आंगनबाड़ी सहायिका श्रीमती बिमला देवी, आशा चमेली देवी एवं एएनएम सत्यवती को अशोका होटल, नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने प्रशस्ति पत्र, मैडल एवं पचास-पचास हजार रुपये प्रदान कर पुरस्कृत किया।

पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह राज्य सभा  के लिए निर्विरोध निर्वाचित


19 अगस्त को राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट के लिए हुए उप चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के डॉ. मनमोहन सिंह को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। निर्वाचन अधिकारी एवं विधानसभा सचिव श्री प्रमिल कुमार माथुर ने नाम वापस लेने का समय निकल जाने पर डॉ. मनमोहन सिंह को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया। श्री माथुर ने इस अवसर डॉ. मनमोहन सिंह का निर्वाचन प्रमाण पत्र उनके द्वारा अधिकृत सरकारी मुख्य  सचेतक डॉ . महेश जोशी ने प्राप्त  किया। निर्वाचन अधिकारी श्री माथुर ने बताया कि राज्यसभा की एक सीट के लिए एक उम्मीनदवार की ओर से चार नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे,  जिनकी जांच में सभी नामांकन पत्र सही पाए गए थे। उन्होंने बताया कि नाम वापसी का समय निकल जाने के बाद एक उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में रहने के कारण निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।    

चीन के चेगंदु शहर में वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स में राजस्थान के पांच खिलाडियों ने जीते 6 स्वर्ण, 3 रजत एवं 1 कांस्य पदक


जयपुर 17 अगस्त । चीन के चेगंदु शहर में 8 से 18 अगस्त 2019 तक आयोजित हो रहे वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स में भारतीय दल में शामिल राजस्थान पुलिस के पांच खिलाड़ियों ने अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए 6 स्वर्ण पदक, 3 रजत पदक एवं 1 कांस्य पदक हासिल किया है। महानिदेशक पुलिस डॉ. भूपेंद्र सिंह एवं राजस्थान आम्र्ड बटालियन के अतिरिक्त महानिदेशक एवं मुख्य खेल अधिकारी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने राजस्थान पुलिस के इन खिलाड़ियों के उल्लेखनीय प्रदर्शन पर शुभकामनाएं प्रेषित की है और विश्वास जताया है कि भविष्य में आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में ये राजस्थान पुलिस का नाम रोशन करेंगे। राजस्थान पुलिस के मुख्य खेल अधिकारी डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि उप निरीक्षक मीनू ने 5 व 10 किलोमीटर रेस में स्वर्ण एवं 5 किलोमीटर क्रॉस कंट्री में रजत पदक हासिल किया। कांस्टेबल सुप्यार ने तीरंदाजी में 1 स्वर्ण, 1 रजत एवं 1 कांस्य हासिल किया है। राजस्थान पुलिस के मुक्केबाजों कॉन्स्टेबल बृजेश यादव और कॉन्स्टेबल कृष्ण शर्मा ने अपने अपने भार वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया है। कॉन्स्टेबल छगन मीणा ने कुश्ती के ग्रीको रोमन स्टाइल में स्वर्ण पदक व फ्रीस्टाइल में रजत पदक हासिल किया है । मुख्य खेल अधिकारी श्री मेहरड़ा ने बताया कि राजस्थान पुलिस के खेल इतिहास में देश के बाहर इस प्रकार का शानदार प्रदर्शन पहली बार किया गया है । इससे पहले उपनिरीक्षक सपना पूनिया ने वल्र्ड पुलिस गेम्स- 2015 में 5 किलोमीटर वॉक रेस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया था।

चार विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी


राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कल्याण सिंह ने 14 अगस्त बुधवार को चार विधेयकों को मंजूरी दी है। राज्यपाल श्री सिंह ने विश्वविद्यालयों की विधियां (संशोधन) विधेयक,2019, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय की विधियां (संशोधन) विधेयक, 2019, राजस्थान विश्वविद्यालयों के अध्यापक तथा अधिकारी (नियुक्ति) के लिए चयन  (संशोधन) विधेयक, 2019 और राजस्थान बीज तथा पौध (निरसन) विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी है।

राजस्थान को वर्ल्ड एजुकेशन लीडरशिप अवार्ड


उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी को नई दिल्ली में आयोजित 14वीं वर्ल्ड एजुकेशन समिट में वर्ल्ड एजुकेशन लीडरशिप अवार्ड दिया गया। यह अवार्ड राजस्थान में उनके नेतृत्व में हो रहे विभिन्न नवाचारों और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए दिया गया है। राजस्थान को कॉलेज एजुकेशन में बेस्ट इनोवेशन एंड स्किल इनिशिएटिव के लिए भी अवार्ड दिया गया है।

राज्य स्तरीय बुनकर पुरस्कार-


राष्ट्रीय हैण्डलूम दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय बुनकर पुरस्कार समारोह  में निम्नांकित कलाकारों को पुरस्कृत किया गया-
  • १. सूती साड़ी के नए डिजाइन के लिए आंवा टोंक के श्री राहुल कुमार जैन को प्रथम, 
  • २. बनियाना दौसा के श्री राधेश्याम कटारिया को कॉटन दरी को द्वितीय 
  • ३. मनोहर थाना झालावाड़ की श्रीमती सुमित्रा को डबल बैड़ खेस पर काम के लिए तीसरा पुरस्कार, 
  • ४. लालपुरा जालौर के श्री किशनाराम को मैरिनो पट्टू को सात्वंना पुरस्कार
  • ५.  फलौदी जोधपुर के श्री नारायण का सूती कुशन पर नए प्रयोग के लिए सात्वंना पुरस्कार । 
पुरस्कार स्वरुप क्रमशः 21 हजार रु., 11 हजार रु. 7100 रु. और सांत्वना पुरस्कार स्वरुप 3100-3100 रु. और शॉल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

राजस्थान सम्मान और परम्परा के नाम पर वैवाहिक संबंधों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप का प्रतिषेध विधेयक, 2019 ध्वनिमत से पारित


राज्य विधानसभा ने सोमवार 5 अगस्त को राजस्थान सम्मान और परम्परा के नाम पर वैवाहिक संबंधों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप का प्रतिषेध विधेयक, 2019 संशोधित रूप में ध्वनिमत से पारित कर दिया। 
संसदीय कार्यमंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने मुख्यमंत्री की ओर से सदन में विधेयक प्रस्तुत किया। उन्होंने विधेयक को सदन में लाने के कारणों एवं उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि समाज में दो वयस्कों द्वारा अपनी सहमति से अंतर-जातीय, अंतर-सामुदायिक, अंतर-धार्मिक या कुटुंब, जाति, समुदाय या धर्म के सम्मान की रक्षा के नाम पर जाति पंचायत के आदेशों से ऎसे युगल, उनके कुटुम्ब या उनके रिश्तेदारों को सामाजिक रूप से बहिष्कृत किया जाता है। उन्होंने कहा कि ऎसे मामलों में आर्थिक जुर्माना लगाने, उन्हें गांव या क्षेत्र छोड़ने पर मजबूर किया जाता है। इसके साथ ही उन्हें पूजा स्थल, सार्वजनिक स्थानों आदि का प्रयोग करने से वंचित किए जाने का दण्ड दिया जाता है और उन्हें अपनी भूमि से बेकब्जा करने की घटनाएं होती हैं।

श्री धारीवाल ने कहा कि पिछले वर्षों में ऎसे वैवाहिक सम्बंधों में अवरोध डालने, धमकी देने एवं उनकी हत्या कर देने के मामलों में वृद्धि हुई है जोकि सामाजिक समरसता और भाईचारे के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि यद्यपि धमकी या हिंसा के कृत्य भारतीय दण्ड संहिता के अधीन अपराध हैं जिनके लिए दण्ड के प्रावधान हैं। फिर भी वर्तमान में सामाजिक परिवेश और संवैधानिक व्यवस्था को देखते हुए ऎसे अपराधों पर नियंत्रण करने, अपराधियों को दण्डित करने के लिए अलग से प्रावधान किया जाना जरूरी है। 

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि आज के आधुनिक युग में देश चंद्रमा पर दस्तक देने को तैयार है ऎसे में सामाजिक कुरीतियां हमारे विकास की राह में अवरोधक हैं। वर्षों से प्रचलित सामाजिक-धार्मिक रीति रिवाजों से आज के युवाओं द्वारा अंतरजातिय विवाह किया जाना मेल नहीं खाता है। इस टकराव के कारण परम्परा के विरुद्ध किए गए कार्य के प्रति खाप पंचायत और ऑनर किलिंग जैसी आपराधिक घटनाएं घटित होती हैं। राजस्थान भी ऎसी घटनाओं से अछूता नहीं रहा। 

श्री धारीवाल ने कहा कि राजस्थान में पिछले पांच वर्ष में 71 प्रकरण खाप पंचायतों के विरुद्ध उनके द्वारा जारी अवैध फरमानों के सम्बंध में दर्ज किए गए हें। इनमें से प्रकरण प्रेम-प्रसंग और पारिवारिक मतभेदों के भी हैं। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्ष में 10 ऑनर किलिंग की घटनाओं ने हमारे प्रदेश को शर्मसार किया है। इन आपराधिक घटनाओं में अंतर-जातीय विवाह करने वाले चार लड़के और आठ लड़कियों की हत्या कर दी गई। उन्होंने इस सम्बंध में श्रीगंगानगर और सिरोही जिले में परिवारजनों की ओर से दो युवतियों तथा एक युवक की हत्या किए जाने की घटना का भी उदाहरण दिया।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि मौजूदा कानून व्यवस्था ऑनर किलिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अंतर-जातीय, अंतर-धार्मिक तथा अंतर-सामुदायिक विवाह करने वाले वयस्कों को कानून से संरक्षण दिए जाने की आवश्यकता है। साथ ही उन्हें धमकी देने वाले या नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्यवाही की आवश्यकता है।

राजस्थान लिंचिंग से संरक्षण विधेयक, 2019 ध्वनिमत से पारित


राज्य विधानसभा ने सोमवार 5 अगस्त को राजस्थान लिंचिंग से संरक्षण विधेयक, 2019 ध्वनिमत से पारित कर दिया। संसदीय कार्यमंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने मुख्यमंत्री की ओर से सदन में विधेयक प्रस्तुत किया। उन्होंने विधेयक को सदन में लाने के कारणों एवं उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि भारत का संविधान समस्त व्यक्तियों को प्राण और दैहिक स्वतंत्रता और विधियों के समान संरक्षण के अधिकार प्रत्याभूत करता है। हाल ही में ऎसी अनेक घटनाएं हुई है जिनके परिणामस्वरूप मॉब लिंचिंग के कारण व्यक्तियों की जीविका की हानि, क्षति और उनकी मृत्यु हुई है। भारत के उच्चतम न्यायालय ने रिट पिटीशन (सिविल) सं. 754/2016 तहसीन एस. पूनावाला बनाम भारत संघ और अन्य में दिनांक 17 जुलाई, 2018 को अपने निर्णय में इस संबंध में विधायन अधिनियमित करने की सिफारिश की है। इसलिए इस बुराई को आरंभ में ही नियंत्रित करने के लिए और घृणा को फैलाने या मॉब लिंचिंग के उद्दीपन से रोकने के लिए भारतीय दंड संहिता के अधीन अन्य अपराधों के अतिरिक्त ऎसी मॉब लिंचिंग के विरूद्ध इसे विशेष अपराध बनाया जाना प्रस्तावित है। श्री धारीवाल ने कहा कि देश में 2014 के पश्चात् मॉब लिंचिंग के सौ से ज्यादा मामले सामने आए हैं, उनमें से 86 फीसदी राजस्थान के हैं। सबसे शांत माने जाने वाले प्रदेश की पहचान देश में ‘मॉब लिंचिंग स्टेट’ के रूप में होने लगी थी। ऎसा क्यों हो रहा है, जो पहले कभी नहीं हुआ था? प्रदेश के हर नागरिक का सिर शर्म से झुक जाता है जब राजस्थान में मॉब लिंचिंग की घटना होती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऎसी घटनाओं की पुनरावृति को रोकने के लिए प्रभावी एवं कठोर कानून बनाया जा रहा है। आईपीसी में हर अपराध की सजा का प्रावधान है, लेकिन वह सामान्य कानून है। मॉब लिंचिंग जैसे गंभीर अपराधों को रोकने के लिए एजी की राय लेकर यह विशेष कानून बनाया जा रहा है। 

श्री धारीवाल ने ‘मॉब‘ की परिभाषा के संबंध में स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्यसभा सांसद एवं प्रख्यात कानूनविद् केटीएस तुलसी के प्रस्ताव, मणिपुर के कानून और उत्तरप्रदेश के विधि आयोग की ओर से प्रस्तावित मॉडल बिल में दो या अधिक के समूह को ‘मॉब’ माना गया है। इसलिए पूरा अध्ययन करने के बाद ही यह कानून बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कानून की धारा-27 के तहत राज्य सरकार को विस्तृत नियम बनाने की शक्ति दी गई है, जिसमें सभी शंकाओं का समाधान हो जाएगा।  

सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2019 पारित


राज्य विधानसभा ने शुक्रवार 2 अगस्त को सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद(विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2019 ध्वनिमत से पारित कर दिया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने सदन में यह संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया। उन्होंने विधेयक के कारणों एवं उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य के नगरीय और उप-नगरीय क्षेत्रों में हुक्का बारों में हुक्के से धूम्रपान का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इससे न केवल युवा पीढ़ी बल्कि वयस्कों में भी गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने युवाओं में ई-सिगरेट के बढ़ते प्रचलन और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में भी सदन को बताया। उन्होंने कहा कि ई-सिगरेट के सेवन के दुष्प्रभावों को जानने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम गठित की जिसके अध्ययन में पता चला कि ई-सिगरेट से अल्ट्राफाइन पार्टिकल्स एवं अन्य विषैले पदार्थ अपने अन्दर लेता है और इन पदार्थो से ह्रदयघात व फेंफड़ों के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। ई-सिगरेट के उपयोग से निकोटिन के अतिरिक्त कैंसरकारी फार्मल्डिहाइडस उत्पन्न होते है। उक्त दुष्प्रभावों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 30 मई, 2019 से ई-सिगरेट के सेवन पर प्रतिबन्ध लगाया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2018 की फैक्टशीट के अनुसार तम्बाकू उत्पादोें के उपयोग से विश्वभर में प्रतिवर्ष लगभग 80 लाख तथा हमारे देश में प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख लोगों की मृत्यु होती है। इस अनुमान के अनुसार राजस्थान में लगभग 50 हजार से अधिक लोगों की मृत्यु तम्बाकू पदार्थो के सेवन से होती है। तम्बाकू के कारण होने वाले रोगों में कार्डियोवैरस्कुलर डिजीज, कैंसर, श्वसन रोग, स्ट्रोक आदि  प्रमुख है।उन्होंने बताया कि वर्तमान में हुक्का बार संचालन पर चिकित्सा विभाग तथा पुलिस विभाग द्वारा केन्द्रीय सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादन अधिनियम, 2003 के तहत तथा आईपीसी के सम्बंधित प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है।

राज्य के अजा, अजजा, सफाई कर्मचारी, दिव्यांगजन एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए राहत ऋण हेतु ऑन लाईन पोर्टल -


सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल ने शुक्रवार 02 जुलाई को राज्य के अनुसूचित जाति, जनजाति, सफाई कर्मचारी, दिव्यांगजन एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को रियायती ब्याज दर पर स्वरोजगार के लिए दिये जाने वाली ऋण प्रक्रिया को आसान करने के उद्देश्य से ऋण स्वीकृति एवं वितरण ऑन लाईन पोर्टल का  उद्घाटन किया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान अनुसूचित जाति, जनजाति, वित्त एवं विकास सहकारी निगम लि. द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति, सफाई कर्मचारी, दिव्यांगजन तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को ऋण उपलब्ध कराया जाता है। ऋण आवेदन की प्रक्रिया अभी तक ऑफ लाईन की जा रही थी, जिससे ऋण आवेदन से लेकर ऋण स्वीकृति तक बहुत अधिक समय लग रहा था । अब इस वर्ग के लोग अपना ऋण आवेदन पत्र ई-मित्र के माध्यम से या स्वयं अपनी एस.एस.ओ. आई-डी तैयार कर ऋण आवेदन कर सकते हैं। ऋण स्वीकृति हेतु संभाग स्तर पर ऋण अप्रैजल टीम का गठन किया गया है, जो आवेदन पत्र प्राप्ति के तीन माह के भीतर ऋण स्वीकृति अथवा अस्वीकृति करेगी। संभाग स्तरीय अप्रैजल टीम की अभिशंषा पर निगम द्वारा सीधे ही लाभार्थी के खाते में ऋण की राशि हस्तान्तरित की जाएगी। 

राजस्थान पुलिस के बॉक्सर श्री बृजेश यादव को महानिदेशक पुलिस, राजस्थान के द्वारा सम्मानित

बैंकाक में 18 से 28 जुलाई तक आयोजित थाईलैण्ड ऑपन इन्टरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेन्ट-2019 में राजस्थान पुलिस के श्री बृजेश यादव ने ईवेंट 81 कि.ग्रा. वर्ग में रजत पदक प्राप्त किया है। महानिदेशक पुलिस श्री भूपेन्द्र सिंह ने उन्हें इस उपलब्धि पर बधाई दी है एवं एक लाख रुपये नकद पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की है। उन्होने श्री यादव को वर्ष 2020 में टोकियो में आयोजित होने वाले ऑलम्पिक गेम्स में क्वालिफाई करने के लिए तैयारी के लिए हर सम्भव मदद करने के लिए आश्वस्त किया है।  श्री बृजेश यादव चेंगदु, चीन में आयोजित होने वाली वर्ल्ड पुलिस एवं फायर गेम्स-2019 एवं सितम्बर में रूस में आयोजित होने वाली वर्ल्ड बॉक्सिंग चेम्पियनशिप-2019 में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। श्री यादव वर्ष 2018 में खेल कोटा के अन्तर्गत राजस्थान पुलिस में कानिस्टेबल के पद पर चयनित हुये थे तथा एशियन मुक्केबाजी प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्होने मार्च में आयोजित 67वीं अखिल भारतीय पुलिस कुश्ती क्लस्टर में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। उल्लेखनीय है कि श्री बृजेश यादव के पिता श्री रणधीर सिंह भी राजस्थान पुलिस में उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत थे लेकिन अपने पुत्र की खेल प्रतिभा को सहयोग करने के लिए इन्होने सेवानिवृति तिथि से 8 वर्ष पूर्व वर्ष 2010 में स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी। 

अजा - अजजा के लोगो को शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री फोन लाईन


पुलिस मुख्यालय स्तर पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सदस्योें को निःशुल्क अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री टेलीफोन हेल्पलाइन नंम्बर 18001806025 स्थापित की गई है। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस ( सिविल राईट्रस ) जंगा श्री निवास राव ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर यह हेल्पलाइन स्थापित की गई है।

राजस्थान बीज तथा पौध (निरसन) विधेयक, 2019 ध्वनिमत से पारित


राज्य विधानसभा ने सोमवार 29 जुलाई को राजस्थान बीज तथा पौध (निरसन) विधेयक, 2019 ध्वनिमत से पारित कर दिया। कृषि मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने सदन में  विधेयक प्रस्तुत किया। उन्होंने विधेयक को सदन में लाने के कारण एवं उद्देश्य रेखांकित करते हुए बताया कि राजस्थान के किसानों को शुद्ध और प्रमाणित बीज उपलब्ध करवाने के लिए राजस्थान बीज तथा पौध अधिनियम, 1960  अधिनियमित किया गया था और राजस्थान राजपत्र, असाधारण, भाग 4-क में 21 जुलाई, 1960 को प्रकाशित किया गया था। राज्य सरकार ने इस अधिनियम को प्रारम्भ करने के लिए राजपत्र में कोई अधिसूचना जारी नहीं की जिससे यह अधिनियम प्रभाव में नहीं आ पाया। इसके बाद विक्रय के लिए बीजों की गुणवत्ता के विनियमन के लिए केन्द्र सरकार ने बीज अधिनियम, 1966 अधिनियमित किया और उसके अधीन बीज नियम, 1968 बनाये गए। इसके लागू होने पर राज्य में अलग से विधेयक की कोई आवश्यकता ही नहीं रही, क्योंकि यह पूरे देश में प्रभावी है। आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्र सरकार ने सभी प्रकार के बीजों के विक्रय और व्यापार को विनियमित करने के लिए बीज (नियंत्रण) आदेश, 1983 जारी किया जिससे प्रदेश में अलग से किसी कानून की जरूरत ही नहीं रही।  कृषि मंत्री ने बताया कि केन्द्रीय विधायन में राजस्थान बीज तथा पौध अधिनियम, 1960  की विषय-वस्तु को सम्मिलित कर लिया गया है। इसलिए यह अधिनियम बेकार हो गया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राजस्थान बीज तथा पौध अधिनियम, 1960 का निरसन प्रस्तावित किया गया। उन्होंने कहा कि गत सरकार ने 22 सितम्बर, 2015 को अनुपयोगी हो चुके ऎसे 187 संशोधन अधिनियमों को राजस्थान विधियां निरसन विधेयक, 2015 के माध्यम से रिपील किया गया था। यह निरसन विधेयक भी उसी कड़ी में सदन में पेश किया गया है।  

विधानसभा अध्यक्ष की अनूठी पहल नाथद्वारा भारत दर्शन योजना -

विधानसभा अध्यक्ष डा. सी.पी.जोशी की पहल पर राजसमन्द के आदिवासी बच्चों के लिए नाथद्वारा भारत दर्शन योजना का आरम्भ किया गया है। योजना का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्र के ऐसे विद्यार्थी जो कभी घर से बाहर नही निकलें हो निर्धन तबके के हो को पर्यटन स्थलों का भ्रमण करवाते हुए पढाई के साथ सह शैक्षणिक गतिविधियों से जोडना है । इस योजना में राजसमन्द जिले के नाथद्वारा क्षेत्र के देलवाडा, बिलौता, कालीवास, नेगडिया, नेडच, घौडच, करौली, गांवगुडा, बडा भाणुजा, मचींद, फतहपुर पंचायतों के 12 कक्षा के छात्र छात्राओं को इस योजना के लिए चुना गया तथा उन्हें भारत भ्रमण करवाया गया। उल्लेखनीय है कि राजसमन्द के आदिवासी छात्र छात्राओं के लिए यह एक अनूठा और प्रेरक कार्यक्रम है। शुरूआत के दो समूहों में 75 छात्र एवं 75 छात्राऎं रखा गया। इस योजना के तहत आदिवासी छात्र छात्राओं को निःशुल्क भ्रमण करवाया गया। इस योजना में वित्त की व्यवस्था जिला प्रशासन, विधायक मद  एवं भामाशाहों के सहयोग से की गई ।
योजना में आदिवासी बहुल इलाके के सरकारी विद्यालयों के उन बीपीएल छात्रों को शामिल किया गया है जिनकी उपस्थिति सबसे अधिक हो एवं शैक्षणिक एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्ट भागीदारी रही हो । सात दिन की यात्रा में पहले दल के लिए नाथद्वारा से रवाना होकर अजमेर होते हुए जयपुर में विधानसभा भ्रमण के साथ जयपुर के दर्शनीय स्थलों का अवलोकन के बाद भरतपुर केवलादेव राष्ट्रीय अभ्यारण्य एवं ताजमहल, मथुरा एवं वृन्दावन भ्रमण, संसद भवन, राष्ट्रपति भवन सहित दिल्ली के विज्ञान एवं राष्ट्रीय संग्रहालय का अवलोकन  व अलवर अभ्यारण्य भ्रमण  प्रावधान रखा गया है। साथ ही इसी प्रकार नाथद्वारा भारत दर्शन योजना में दूसरे दल के लिए माउण्टआबू, अम्बा जी, अहमदाबाद, बडोदरा कीर्ति स्तम्भ और अंक्लेश्वर, गोल्डन ब्रिज, सूरत, डूमास ब्रीज, विज्ञान केन्द्र, सोनगढ का किला, स्टेच्यू आफ यूनिटी एवं पूर्णा वन्य जीव अभ्यारण्य, नासिक, शिरडी, शनि शिगनापुर, औरंगाबाद, ओंकारेश्वर, उज्जैन, त्रिपुर सुन्दरी बांसवाडा, बैणेश्वर धाम एवं उदयपुर भ्रमण का प्रावधान किया गया है ।  सात दिवसीय यह यात्रा 22 अगस्त (गुरूवार) से प्रारंभ हुई

आजाद हिन्द फौज के सिपाही स्वतंत्रता सैनानी श्री किशनलाल गुर्जर को अंतिम विदाई


करौली जिले के एकमात्र 105 वर्षीय स्वतंन्त्रता सेनानी श्री किशन लाल गुर्जर का सोमवार 22 जुलाई को निधन हो गया। जैसे ही राजपुर गांव में स्वतंत्रता सैनानी के निधन का समाचार मिला वैसे ही जिले में शोक की लहर फैल गई। जिला एवं पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्वतंत्रता सैनानी श्री किशनलाल गुर्जर को राजकीय सम्मान के साथ श्रृद्धांजलि अर्पित की। जिला कलक्टर श्री नन्नूमल पहाडिया, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी श्री अशोक तिवारी ने पुष्प चक्र अर्पित कर स्वर्गीय श्री किशनलाल गुर्जर को श्रृद्धांजलि अर्पित की। पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया इससे पूर्व राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में उनके पार्थिव देह को लाया गया जहां उनके बडे़ पुत्र सेवानिवृत सूबेदार रामराज सिंह ने मुखाग्नि दी। आजाद हिन्द फौज के सिपाही श्री किशनलाल गुर्जर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिया एवं सिंगापुर में ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया जा चुका था। स्व.श्री किशनलाल गुर्जर अपने पीछे पांच बेटे एवं एक पुत्री श्रीमती रूकमणी देवी सहित भरे-पूरे परिवार को छोड़कर गए हैं। उनका अंतिम संस्कार से पूर्व परिजनों ने बैण्डबाजे की धुन एवं आतिशबाजी के साथ शव यात्रा निकाली।


निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना के पोर्टल को ‘‘शाला दर्पण’’ से जोड़ा


राज्य सरकार ने श्रम विभाग के अंतर्गत गठित भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मंडल द्वारा संचालित ‘‘निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना’’ में आवेदनकर्ताओं की जांच सत्यापन के लिए विभाग के पोर्टल को शिक्षा विभाग के पोर्टल ‘‘शाला दर्पण’’ से जोड दिया है। इससे आवेदनों के निस्तारण मेें गति आयेगी तथा जाली अंकतालिकाओं एवं प्रमाण पत्रों द्वारा किये जाने वाले आवेदनों पर रोक लग सकेगी। विभाग के अंतर्गत राजस्थान के भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल द्वारा प्रसूति सहायता योजना, निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल सहायता योजना, निर्माण श्रमिक औजार एवं टूलकिट सहायता योजना, निर्माण श्रमिक स्वास्थ्य बीमा योजना, सिलिकोसिस पीड़ित हिताधिकारियों के लिए सहायता योजना, निर्माण श्रमिक सुलभ्य आवास योजना, निर्माण श्रमिक जीवन एवं भविष्य सुरक्षा योजना, शुभशक्ति सहायता योजना एवं सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की दशा में सहायता योजना आदि विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

विभाग द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के अधिकतम 2 बच्चों को कक्षा 6 उत्तीर्ण करने से निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल सहायता योजना के अन्तर्गत सहायता देय है, जिसमें 8000 रुपये तक की सहायता देय है। कई स्कूलों एवं निर्माण श्रमिकों द्वारा जाली अंकतालिकाओं तथा प्रमाणपत्र के माध्यम से सहायता राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन किये जा रहे हैं, जिनकी जांच एवं सत्यापन के लिए विभागीय पोर्टल ’’एलडीएमएस’’ को शिक्षा विभाग के पोर्टल ‘‘शाला दर्पण’’ से जोड़ा गया है। जाली दस्तावेज अथवा ठेकेदार का विवरण, योजनाओं के लिए अनिवार्य दस्तावेज आदि यदि जाली प्रस्तुत किये गये तो योजना का आवेदन निरस्त कर निर्माण श्रमिक का पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी।

निर्भया स्कवॉड प्रारम्भ -


मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 24 सितम्बर मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास से निर्भया स्कवॉड में शामिल 20 मोटरसाइकिल सवार महिला पुलिसकर्मियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस स्कवॉड में शामिल नीली वर्दी पहने प्रशिक्षित महिला पुलिसकर्मी जयपुर शहर के स्कूल, कॉलेज, मॉल्स, सार्वजनिक पार्क, बस स्टॉप जैसे चिन्हित स्थानों पर महिलाओं एवं बालिकाओं विशेषकर छात्राओं से छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने तथा उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करेंगी। होंडा टू व्हीलर्स की ओर से सीएसआर के तहत ऎसी करीब 50 मोटरसाइकिलें जयपुर पुलिस को उपलब्ध करवाई गई हैं। निर्भया स्कवॉड की महिला पुलिसकर्मियों को मार्शल आर्ट की ट्रेंनिग दी गई है। इनकी मोटरसाइकिलों पर सायरन तथा आगे-पीछे नीली एवं लाल बीकन लगाई गई हैं। इसके अलावा इन्हें वायरलेस सेट एवं फस्र्ट एड बॉक्स दिए गए हैं।

जलदाय विभाग  के ‘रेस-वार्म‘ को मिला एप्रीसिएशन अवार्ड


जलदाय विभाग के तहत स्थापित राजस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट (रेसवार्म) को नई दिल्ली में आयोजित 5वीं सीआईआई वाटर इनोवेशन सम्मिट के तहत जल प्रबन्धन क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यो के लिए के लिए एप्रीसिएशन अवार्ड से नवाजा गया है। उल्लेखनीय है कि ‘रेसवार्म‘ का गठन प्रदेश के जलदाय विभाग के तहत गवर्नमेंट ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया तथा इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट के तकनीकी सहयोग से किया गया है।

जैविक खेती पुरस्कार के लिए 30 सितम्बर तक आवेदन आमंत्रित


प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए तीन किसानों को पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिए कृषि विभाग ने 30 सितम्बर तक आवेदन आमंत्रित किए हैं। चयनित काश्तकार को एक लाख रुपए पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने बताया कि खेती में रासायनिक उर्वरकों, खरपतवार नाशकों व कीटनाशकों के बढ़ते हुए प्रयोग को रोकने एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में राज्य योजनान्तर्गत वर्ष 2019-20 में राज्य स्तर पर जैविक खेती प्रोत्साहन के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन किसानों को पुरस्कार दिया जाएगा। गत पांच सालों से जैविक खेती पद्धति से कृषि-उद्यानिकी फसलें लेने वाले काश्तकार इसके लिए पात्र होंगे। कृषक अपना आवेदन प्रपत्र अपने संबंधित जिले के उपनिदेशक कृषि (विस्तार) कार्यालय से निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन प्रपत्र की पूर्ति कर संबंधित जिला कार्यालय में 30 सितम्बर तक व्यक्तिशः अथवा डाक द्वारा जमा करा सकते हैं। योजना के दिशा-निर्देश, पात्रता का विस्तृत विवरण जिला कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है। यह जानकारी विभागीय वेबसाइट www.krishi.rajasthan.gov.in से भी डाउनलोड की जा सकती है। पुरस्कार चयन राज्य स्तरीय समिति के माध्यम से कर चयनित काश्तकार को एक लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। 

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद का पुनर्गठन

भारत सरकार ने दो वर्षों के लिए प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) का पुनर्गठन किया है। यह पुनर्गठन 26 सितंबर, 2019 से प्रभावी होगा, जिसमे दो पूर्णकालिक सदस्यों अध्यक्ष व सचिव के अतिरिक्त प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद में दो अंशकालिक सदस्य होंगे।
अध्यक्ष- डॉ. बिवेक देबरॉय 
सदस्य सचिव- श्री रतन पी. वटल 
अंशकालिक सदस्य- 1. डॉ. अशिमा गोयल 
अंशकालिक सदस्य- 2. डॉ. साज्जिद चिनॉय।

राजस्थान की पायल को मिला ग्लोबल चेंज मेकर पुरस्कार



बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा अमेरिका में राजस्थान के अलवर जिले के हिंसला गांव की रहने वाली पायल जांगिड़ को मंगलवार को चेंज मेकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्‍मान उन्‍हें न्यूयॉर्क में 'गोलकीपर्स ग्लोबल गोल्स अवार्ड्स 2019' समारोह में दिया गया। इसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ग्लोबल गोलकीपर पुरस्कार दिया गया। राजस्थान में बाल विवाह और बाल श्रम जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाद बुलंद करने के लिए पायल को यह सम्मान दिया गया। पायल की उम्र महज 17 साल है। पायल के माता-पिता बचपन में ही उसकी शादी करना चाहते थे, लेकिन पायल ने शादी करने से साफ मना कर दिया था। किसान पिता पप्पू जांगिड़ और गृहणी मां की पुत्री पायल ने न सिर्फ खुद के बाल विवाह से इनकार नहीं किया, बल्कि उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ प्रदेश में एक आंदोलन भी छेड़ दिया। प्रारम्भ में पायल ने अपने गांव में ही नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के 'बचपन बचाओ आंदोलन' के 'बाल मित्र ग्राम (बीएमजी) कार्यक्रम' में 'बाल पंचायत प्रमुख' के रूप में कार्य किया। पायल के कार्य की प्रशंसा कैलाश सत्यार्थी ने अपने एक लेख में की थी। पायल ने बच्चों के अधिकार और शिक्षा के लिए काम करने वाली संस्था 'द वल्डर्स चिल्ड्रन प्राइज' के लिए जूरी सदस्य के रूप में भी काम किया। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने पायल के चेंज मेकर पुरस्कार हासिल करने पर कहा कि पायल ने आज हमें गौरवान्वित किया है। 

राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार में राजस्थानियों को तीन राष्ट्रीय पर्यटन अवार्ड


विश्व पर्यटन दिवस पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में शुक्रवार 27 सितम्बर को उपराष्ट्रपति श्री एम. वैंकेया नायडू के मुख्य आतिथ्य में आयोजित राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार के भव्य समारोह में राजस्थान के दो होटलों और एक व्यक्ति को विभिन्न श्रेणियों में तीन अवार्ड प्राप्त हुए हैं।
ये पुरस्कार निम्न हैं -
  1. हेरिटेज (बेसिक) होटल की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ होटल के लिए बीकानेर के गजनेर पैलेस 
  2. पर्यावरण हितैषी होटल की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ होटल का पुरस्कार जयपुर के आई.टी.सी. राजपुताना होटल को 
  3. हिन्दी में प्रकाशन में उत्कृष्टता की श्रेणी में श्री श्याम सुंदर जोशी द्वारा लिखित पुस्तक ‘राजस्थान दर्शन’ को। राजस्थान के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग से सेवानिवृत संयुक्त निदेशक श्री श्याम सुंदर जोशी को ट्रेवल राइटिंग एंव पब्लिकेशन में उत्कृष्ट कार्य हेतु यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

ऑनलाईन अल्पकालीन सहकारी फसली ऋण पंजीयन एवं ऋण वितरण पोर्टल,2019

राज्य सरकार द्वारा केन्द्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से अल्पकालीन फसली ऋण योजना में पूर्ण पारदर्शिता लाने एवं सीधे ही कृषक के बचत खाते में ऑनलाईन सुविधायुक्त डिजिटल के माध्यम से हस्तान्तरण के लिए ‘‘ऑनलाईन अल्पकालीन सहकारी फसली ऋण पंजीयन एवं ऋण वितरण पोर्टल,2019‘‘ की शुरुआत की गई जिससे किसानों को बहुत बड़ी राहत मिली है एवं उनके खातों में सीधे पैसे जमा हो रहे है। जैसलमेर जिले के फतेह नगर, माधोपुरा निवासी फकरे खां पुत्र अकबर खां ने माधोपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लि0, माधोपुरा में अल्पकालीन फसली ऋण पोर्टल व्यवस्था से प्रथम बार ऋण लेने के लिए आवेदन किया। फकरे खां ने वर्ष 2019 में ही समिति की सदस्यता ग्रहण की एवं उसने पहली बार ग्राम सेवा सहकारी समिति से खाद-बीज खरीदने के लिए ऑनलाईन ऋण आवेदन किया। समिति के माध्यम से उसे राशि रुपये 15 हजार का ऋण स्वीकृत कर उसके खाते में जमा करवाया। फकरे खां के खाते में पैसे जमा होते ही उसके फोन पर मैसेज आया।

स्कूली बच्चों के लिए सीएसआईआर इनोवेशन अवार्ड-2019 में श्री गंगानगर के शेरूब अरोड़ा ने जीता तृतीय पुरस्कार -

स्कूली बच्चों के लिए सीएसआईआर इनोवेशन अवार्ड-2019 में राजस्थान के श्री गंगानगर के नोजगाय पब्लिक स्कूल के नौवीं कक्षा के छात्र शेरूब अरोड़ा ने तृतीय पुरस्कार जीता है। इसके अंतर्गत उन्हें 30000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। शेरूब अरोरा को उनके नवाचार युक्त प्रोजेक्ट 'GREEN DESERT' के निर्माण के लिए दिया गया है। 'GREEN DESERT' एक ऐसा उपकरण है, जो रेगिस्तान एवं कम पानी वाले क्षेत्रों में होने वाली न्यून वर्षा के जल को एकत्रित करके पौधों को बहुत कम पानी में पोषण देने के लिए किया जा सकता है। शेरूब ने बारिश के पानी का बेहतर दोहन करने के लिए एक बहुत ही सरल और बहुत उपयोगी "जल-बैटरी" (water battery) बनाई है। यह जल-बैटरी वर्षा जल का संग्रह करती है जिसका उपयोग पौधों को सींचने में किया जाता है। नके द्वारा निर्मित प्रत्येक जल-बैटरी में 17 लीटर की जल धारण क्षमता होती है। यह जल-बैटरी अपशिष्ट प्लास्टिक की बाल्टियों से बनी होती है, जिसमें एक फिशनेट धागा होता है और सबसे नीचे ऊर्ध्व सुरंग होती है। उनके द्वारा निर्मित जलकोष (reservoir) से बहुत कम मात्रा (लगभग 50 मिली प्रतिदिन) में पानी मुक्त होता है जो फिशनेट धागे के माध्यम से जमीन में पेड़ों की जड़ों तक पहुंचता हैं, जिससे पेड़ों को बेहतर जड़ें विकसित करने में मदद मिलती है। विशेष रूप से सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए उपयोगी इस तरह के आविष्कार बड़े पैमाने पर किए जा सकते है।

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर-CSIR) ने स्कूली बच्चों के बीच रचनात्मकता बढ़ाने के लिए 26 अप्रैल, 2002 को स्कूली बच्चों के लिए डायमंड जुबली इन्वेंशन अवार्ड की घोषणा की थी। इस दिन को पूरे विश्व में 'वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी डे' के रूप में भी मनाया जाता है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य स्कूली बच्चों में रचनात्मकता और नवीनता का पता लगाना है और आईपीआर के बारे में जागरूकता पैदा करना है। वर्ष 2011 से इस पुरस्कार का नाम बदलकर ''स्कूली बच्चों के लिए सीएसआईआर इनोवेशन अवार्ड'' कर दिया गया है। 

जयपुर में देवानंद के जन्म दिन पर ‘देवफैस्ट' का हुआ आयोजन-

26 सितम्बर गुरुवार को जयपुर के जवाहर कला केन्द्र में देवानंद के जन्म दिन पर ‘देवफैस्ट' का आयोजन किया गया, जिसमें कला साहित्य और संस्कृति मंत्री डा. बी. डी कल्ला ने जयपुर के जवाहर कला केंद्र में भारतीय सिने इतिहास के मशहूर अभिनेता देवानंद पर डाक विभाग द्वारा जारी कवर का विमोचन किया। उन्होंने 'द एवरग्रीन देव आनंद सोसाइटी' की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम के अवसर पर सोसायटी द्वारा देवानंद की यादों पर तैयार सोवेनियर का भी लोकार्पण किया। डॉ.कल्ला ने अपने सम्बोधन में कहा कि देवानंद आज भी लोगों के दिलों में राज करते हैं। उनकी फिल्मों, अभिनय और जीवन संदेश को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि देवानंद के जीवन से हमें सदैव व्यस्त और मस्त रहने की सीख मिलती है। देवानंद सुख- दुख, लाभ-हानि सभी प्रकार की परिस्थितियों में खुश और मस्त रहते थे। वे व्यस्त और मस्त रहते हुए खुद को स्वस्थ रखते थे। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को देवानंद के जीवन से प्रेरणा लेते हुए मस्त और व्यस्त रहकर स्वस्थ रहने के सूत्र को अपनाने की अपील की।

थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत बने चीफ ऑफ स्‍टॉफ कमेटी (सीओएससी) के अध्‍यक्ष

थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने आज नई दिल्‍ली में एक संक्षिप्त समारोह में, चीफ ऑफ स्‍टॉफ कमेटी (सीओएससी) के निवर्तमान अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ से सीओएससी के अध्‍यक्ष पद की बैटन प्राप्‍त की। चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी में सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख होते हैं और वरिष्ठतम सदस्य को इसका चेयरमैन नियुक्त किया जाता है। 
इन पर ये जिम्मेदारी-
चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन के पास तीन सेनाओं के बीच तालमेल सुनिश्चित करने और देश के सामने मौजूद बाहरी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सामान्य रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी होती है।



41 वर्षों के गौरवशाली करियर के साथ जनरल बिपिन रावत ऑपरेशनल और स्‍टॉफ से संबंधित लंबे अनुभव के धनी हैं। थल सेना अध्‍यक्ष के रूप में वह जनवरी 2017 से सीओएससी के सदस्‍य हैं। सीओएससी में उनके कार्यकाल के दौरान, कमेटी ने एकता और एकजुटता के लक्ष्‍य के साथ तीनों सेनाओं के बीच परिचालन, प्रशिक्षण और प्रशासन से संबंधित विविध मामलों पर विचार-विमर्श किया। जनरल रावत ने अपनी दूरदृष्टि और व्‍यवसायिक सूजबूझ के साथ महत्‍वपूर्ण मामलों पर अपने तटस्‍थ विचार प्रकट करते हुए इस कमेटी में अपार योगदान दिया है। चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी में सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख होते हैं और वरिष्ठतम सदस्य को इसका चेयरमैन नियुक्त किया जाता है। 
सीओएससी के अगले अध्‍यक्ष के तौर पर जनरल रावत 'चीफ ऑफ डिफेन्‍स स्‍टॉफ (सीडीएस)' की नियुक्ति को अमल में लाने, तीनों सेनाओं के बीच एकीकरण को बढ़ावा देने, सेनाओं की समकालिक प्रगति को प्रोत्‍साहन देने, आधुनिक युद्ध कौशल क्षमताओं का त्‍वरित संचालन करने और उन्‍हें समकालिक बनाने पर ध्‍यान केन्द्रित कर रहे हैं, ताकि सशस्‍त्र बलों को भविष्‍य के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित किया जा सके। 

‘राजस्थान इनोवेशन विज़न (राजीव 2019)' का आयोजन -

सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग, श्रम रोजगार एवं कौशल विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग तथा स्वायत्त शासन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी की 75 वीं जयंती के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा 19 व 20 अगस्त, 2019 को जयपुर के बिड़ला सभागार में राजस्थान इनोवेशन विज़न’ समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सहभागी विभाग तथा विभिन्न नामी शिक्षण संस्थान जैसे एमएनआईटी, एलएमएनआईटी, आईआईटी जोधपुर, आईआईएम अहमदाबाद एवं बिट्स पिलानी द्वारा राज्य सरकार के विभिन्न नवाचारों का प्रदर्शन इनोवेशन एक्सपो में किया गया। इनोवेशन विज़न कार्यक्रम में युवाओं के आकर्षण हेतु 3 डी सिटी, प्रसिद्ध पर्यटन स्थानो के 3 डी मॉडल, एआर/वीआर ज़ोन और ड्रोन का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में कृषि, एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवं लाइफ साइंसेज आदि क्षेत्रों के स्टार्टप्स का प्रदर्शन भी किया गया। राज्य सरकार द्वारा यह कार्यक्रम विशेष रूप से युवाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्टेट डेटा सेन्टर की सर्वर सेवाओं को प्रारम्भ किया। डेटा सेंटर के सर्वर पर बनी पहली वेबसाइट राज सहकार पोर्टल और मोबाइल एप की लाॅचिंग की। ई-साइन डेटा सेंटर, आधार डेटा वाॅल्ट, राजस्व विभाग के धरा मोबाइल एप और राजस्व अधिकारी एप का भी लोकार्पण किया।

 
 

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