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Current Affairs July 2019 आशीष कुमार नई दिल्ली में राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त

उच्चतम न्यायालय में राज्य के प्रकरणों की पैरवी के लिए 

आशीष कुमार अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त

जयपुर, 2 जुलाई। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर  उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली के समक्ष राज्य के सभी प्रकरणों की पैरवी तथा प्रस्तुत करने के लिए श्री आशीष कुमार को अतिरिक्त महाधिवक्ता, नई दिल्ली के पद नियुक्त किया है।

प्रमुख शासन सचिव, विधि विभाग श्री महावीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि नियुक्ति की शर्ताें के अनुसार अतिरिक्त महाधिवक्ता को 49 हजार 194 रुपये प्रतिमाह रिटेनरशिप देय होगी। साथ ही उच्चतम न्यायालय के नियमों के अनुसार वादकरण के मामलों के लिए उनके द्वारा उपगत सभी आनुषांगिक व्यय का नियमानुसार पुनर्भरण करने के अधिकारी भी होंगे। 

उन्होंने बताया कि अतिरिक्त महाधिवक्ता को मासिक प्रतिधारण के अलावा राजकीय वादकरण के प्रकरणों में पैरवी, प्रस्तुतीकरण एवं बहस आदि की फीस तथा प्रारूपण फीस विभाग के आदेश के अनुसार देय होगी। उन्होंने बताया कि वे उच्चतम न्यायालय के समक्ष समय-समय पर राज्य सरकार के विरूद्ध लगने वाले मामलों की तथा जारी होने वाले आदेशों की सूचना तत्काल राज्य सरकार को देंगे। साथ ही वे समय- समय पर उन्हें दी गई अग्रिम धनराशि का हिसाब देने के लिए उत्तरदायी होगें। 

प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि नियुक्ति की शर्ताें के अनुसार अतिरिक्त महाधिवक्ता, राजस्थान राज्य के विरूद्व सलाह देने अथवा मुकदमा लेने से विवर्जित होंगे। साथ ही वे राजस्थान राज्य के फौजदारी मामलों में अभियुक्त व्यक्तियों की प्रतिरक्षा करने में एवं निजी पक्षकारों को अथवा पार्टियों को उन मामलों में, जिनमें उनके राजस्थान राज्य की ओर से उपस्थिति होने की संभावना हो, सलाह देने से भी वे विवर्जित होंगे।

श्री शर्मा ने बताया कि अतिरिक्ति महाधिवक्ता ऎसे आदेशों से भी बाध्य होंगे, जो समय- समय पर उनकी नियुक्ति के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी किये जाएगें। अतिरिक्त महाधिवक्ता को टेलीफोन की सुविधा नियमानुसार देय होगी।

छात्रावास प्रवेश प्रक्रिया जारी - पूर्व प्रवेशित छात्रों को 

न्यूनतम अंको में छूट


जयपुर 2 जुलाई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए संचालित छात्रावास योजना में पूर्व प्रवेशित छात्रों को अंको में 10 प्रतिशत की छूट दी गई है। पूर्व में 50 प्रतिशत अंक अर्जित करने पर छात्रावास में पुनः प्रवेश के लिए पात्र माना जाता था।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव श्री सांवर मल वर्मा ने बताया कि छात्रावासों में पूर्व प्रवेशित छात्र-छात्राओं को गत कक्षा में 40 प्रतिशत अंक अथवा इससे अधिक अंक प्राप्त होने पर ही प्रवेश दिया जाएगा एवं प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्रा के परिवार की वार्षिक आय सभी स्त्रोतों से 8 लाख रुपये से अधिक नही होनी चाहिए ।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावासों में शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किये गए हैं। विद्यालय स्तरीय राजकीय एवं अनुदानित छात्रावासों में प्रवेश के लिए अन्तिम तिथि 15 जुलाई 2019 कर दी गई है। महाविद्यालय स्तरीय छात्रावासों में प्रवेश के लिए अन्तिम तिथि 25 जुलाई 2019 कर दी गई है।

निदेशक ने बताया कि विभाग द्वारा छात्रावास 60-40 के अनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार संचालित किये जा रहे है। जिसमें 60 प्रतिशत स्थानों पर उस जाति वर्ग के विद्याार्थियों को प्रवेश दिया जाता है जिस श्रेणी में वह छात्रावास संचालित किया जा रहा है एवं 40 प्रतिशत स्थानों पर अन्य वंचित वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है।

 उल्लेखनीय है कि छात्रावास योजना के अन्तगर्त छात्र-छात्राओं को निःशुल्क आवास, भोजन वस्त्र, स्टेशनरी, शिक्षण प्रशिक्षण, खेलकूद एवं कठिन विषयों के लिए विशेष कोचिंग, कम्प्यूटर शिक्षा की सुविधा एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

इस संबध में आवेदन पत्र एवं अन्य जानकारी विभागीय वेबसाईट www.sje.rajasthan.gov.in पर प्राप्त की जा सकती है।

क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के लिये हडको एवं 

सहकारी आवासन संघ का एम ओ यू


जयपुर, 1 जुलाई। सहकारिता रजिस्ट्रार डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि वर्ष 2022 तक सभी के लिये आवास की केन्द्रीय सरकार की महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री आवास योजना- क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम का लाभ राज्य के पात्र आवेदकों को दिलाये जाने के लिये राजस्थान राज्य सहकारी आवासन संघ लि., जयपुर के प्रशासक श्री विजय कुमार शर्मा की उपस्थिति में श्री सुधीर कुमार भटनागर, क्षेत्रीय प्रमुख, हड़को जयपुर एवं श्री आर के.. शर्मा, प्रबंध निदेशक, आवासन संघ के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) निष्पादित किया गया। उन्होने बताया किक्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के द्वारा राज्य की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री जन आवास योजना के आवेदकों को भी 2.67 लाख रुपये तक का ब्याज अनुदान प्राप्त हो सकेगा।

डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों के शीर्ष सहकारी आवासन संघों में राजस्थान का सहकारी आवासन संघ सर्वप्रथम है जिसने हड़को के साथ एमओयू किया है। इससे न केवल संघ के ऋण व्यवसाय में वृद्धि होगी अपितु सहकारी क्षेत्र के माध्यम से राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को आवास प्राप्त करने में मदद प्राप्त होगी।

आवासन संघ के प्रशासक श्री विजय कुमार शर्मा ने सहकारी आवासन संघ द्वारा किये जा रहे नवाचारों के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि संघ शीघ्र ही स्वयं के स्तर पर मुख्यमंत्री जन आवास योजना में फ्लेट्स निर्माण की परियोजना का क्रियान्वयन प्रारम्भ करेगा। क्षेत्रीय प्रमुख हडको श्री भटनागर नेक्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की विस्तृत रूपरेखा बताते हुए अवगत कराया कि इस योजना के अन्तर्गतई डब्लयू एसए एल आई जीए एम आई जी I एवं एम आई जी II  श्रेणी के आवेदक जिनकी वार्षिक  आय 18.00 लाख रुपये तक है एवं जिनके पास कोई मकान उपलब्ध नहीं है तथा जिन आवासों का कारपेट एरिया 200 स्क्वायर मीटर से कम है, पात्र है। ऎसे आवेदकों को संबंधित श्रेणी के अनुरूप इसका लाभ प्राप्त होगा। इस योजना में प्राप्त अनुदान सीधे मूलधन से कम कर दिया जाता है जिससे की लाभार्थी की ऋण पात्रता भी अधिक हो जाती है।

उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत कई बैंकों एवं अन्य संस्थाओं जिनके साथ हडको से एम ओ यू हुए है, उनके द्वारा ग्राहकों को सीधे अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक हडको द्वारा योजनान्तर्गत 14.52 करोड़ रुपये की अनुदान राशि ग्राहकों को उपलब्ध कराई जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में लाभार्थियों को 10.37 करोड़ रुपये की अनुदान राशि अवमुक्त की गई है।

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष 

श्रीमती संगीता बेनीवाल ने पदभार संभाला

जयपुर, 1 जुलाई। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Bal Adhikar Sanrakshan Ayog Rajasthan) की नवनियुक्त अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल ने गाँधीनगर स्थित आयोग कार्यालय में अपना पदभार ग्रहण कर लिया। श्रीमती बेनीवाल ने पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि राज्य में बाल अधिकारो से जुड़े प्रकरण बहुतायत में है, हम इन प्रकरणों का दल गठित कर निस्तारण के प्रयास करेंगे। उन्होंने बाल श्रम की रोकथाम के लिए भी प्रभावी कदम उठाने का आश्वासन दिया। समाज में दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोकने के लिए महिलाओं और बच्चों को शिक्षित करने के साथ उन्हे सावचेत भी करने का प्रयास करेंगे ताकि वे स्वंय भी अपनी रक्षा कर सके।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हाल ही में अलग-अलग अधिसूचना जारी कर राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का मनोनयन किया है।

इस अवसर पर आयोग के नवनियुक्त सदस्यों ने भी अपना कार्यभार सम्भाल लिया-

1 . श्री शैलेन्द्र पण्ड्या (उदयपुर)

2. डॉ. विजेन्द्र सिंह (हनुमानगढ़)

3. श्री प्रहलाद सहाय (जयपुर)

श्री भूपेन्द्र सिंह ने संभाला राजस्थान के पुलिस महानिदेशक का कार्यभार


जयपुर, 30 जून। भारतीय पुलिस सेवा के राजस्थान कैडर के वर्ष 1986 बैच के अधिकारी श्री भूपेंद्र सिंह ने पुलिस मुख्यालय में निवर्तमान महानिदेशक पुलिस श्री कपिल गर्ग से कार्यभार ग्रहण किया। पुलिस मेडल और राष्ट्रपति पदक से सम्मानित श्री भूपेन्द्र सिंह एक मार्च 2019 से डीजी एटीएस-एसओजी के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने कोटा व जयपुर शहर के कोतवाली सर्किल में आई.पीएस प्रोबेशनर पूरा किया। इसके बाद बारां, चुरु, सवाई माधोपुर, जोधपुर शहर तथा सीबीआई नई दिल्ली में पुलिस अधीक्षक पद पर कार्यरत रहे । डीआईजी के रूप में एसीबी, स्पेशल क्राइम एंड इकोनोमिक क्राइम सीआईडी और एसीबी जोधपुर में कार्य किया। उन्होंने पुलिस मुख्यालय, भरतपुर रेंज और एसीबी में पुलिस महानिरीक्षक का पदभार भी संभाला। श्री भूपेंद्र सिंह सरदार पटेल यूनिवर्सिटी ऑफ पुलिस सिक्यूरिटी एंड क्रीमिनल जस्टिस जोधपुर में वाइस चांसलर के साथ ही जेल विभाग, कम्यूनिटी पुलिसिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन, पुलिस कार्मिक विभाग व अन्य विभागों में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भी रहे। 

अदविका सरुपरिया का कॉमनवेल्थ चैस चैम्पियनशिप हेतु चयन -

ऑल इंडिया चैस फैडरेशन और दिल्ली चैस एसोसिएशन की दिल्ली में होने वाली कॉमनवेल्थ चैस चैम्पियनशिप में उदयपुर की अदविका सरुपरिया भाग लेंगी। प्रतिभावान खिलाडी अदविका ने श्रीलंका में हुई एशियन शतरंज प्रतियोगिता में अंडर 8 आयु वर्ग की टीम स्पर्धा में रजत पदक जीता था।

 

वर्ष 2018-19 में जन्म के समय का बाल लिंगानुपात बढ़कर 948 हुआ, बांसवाड़ा जिला सर्वोच्च स्थान पर-

जयपुर, 4 जुलाई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रारंभ किए गए प्रिग्नेंसी एंड चाइल्ड ट्रेकिंग सिस्टम के तहत दर्ज आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष प्रदेश में जन्म के समय का बाल लिंगानुपात बढ़कर 948 हो गया है। इसी प्रकार प्रदेश में पीसीटीएस के आंकड़ों के अनुसार जन्म के समय बाल लिंगानुपात पिछले वित्तीय वर्षों में निम्नानुसार रहा था -

  • वर्ष 2015-16 में 929

  • वर्ष 2016-17 में 938 एवं 

  • वर्ष 2017-18 में 944

बाल लिंगानुपात में बांसवाड़ा जिला सर्वोच्च स्थान पर

  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यह मात्र 888 था। प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 17 लाख प्रसव होते हैं तथा इनमें से 14 लाख 50 हजार संस्थागत प्रसव के आंकड़े पीसीटीएस के तहत ट्रेक किए जाते हैं।

  • जन्म के समय के बाल लिंगानुपात की दृष्टि से प्रदेश का बांसवाड़ा जिला सर्वोच्च स्थान पर रहा है। बांसवाड़ा जिले में वर्ष 2018-19 के दौरान हुए शिशु जन्म में 1000 बालकों की तुलना में 1003 बालिकाओं ने जन्म लिया।

    • बांसवाड़ा जिले में वर्ष 2015-16 में लिंगानुपात 941, वर्ष 2016-17 में 964, वर्ष 2017-18 में 954 था।

  • वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान जन्म के समय बाल लिंगानुपात चूरू में 986, बाड़मेर 982, हनुमानगढ़ में 977 एवं जालोर में 974 रहा है।

  • वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान गत वर्ष की तुलना में सर्वाधिक वृद्धि बाड़मेर जिले में हुई है। बाड़मेर में 954 से बढ़कर 982 हो गया। इसी प्रकार जालोर में 950 से 974, भीलवाड़ा में 933 से बढ़कर 951, प्रतापगढ़ में 921 से 938 एवं जोधपुर में 947 से बढ़कर 963 हो गया।

अब हुए  152 डिकॉय ऑपरेशन

प्रदेश में पीसीपीएनडीटी एक्ट [Pre-Conception Pre-Natal Diagnostic Technique (PCPNDT) Act] का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। अब तक 152 डिकॉय ऑपरेशन तथा इस वर्ष अब तक 11 डिकॉय ऑपरेशन किए जा चुके हैं। प्रदेश में वर्ष 2019 के दौरान अब तक 978 सॉनोग्राफी केन्द्रों का निरीक्षण किया जा चुका है। इसके अलावा प्रदेश की पीसीपीएनडीटी इकाई द्वारा वर्ष 2015 से 2018 के दौरान 45 'अंतर्राज्यीय डिकॉय ऑपरेशन' किये गये। गुजरात में 16, दिल्ली में 1, उत्तर प्रदेश में 12, हरियाणा में 4, पंजाब में 8 तथा मध्य प्रदेश में 4 अंतर्राज्यीय डिकॉय ऑपरेशन किये गए है। इन डिकॉय ऑपरेशन तथा पीसीपीएनडीटी एक्ट की अनुपालना में सख्ती के कारण दलालों ने पडौसी राज्यों में जाकर भ्रूण लिंग परीक्षण के तरीकों में बदलाव किया है। 

 

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि के लिए पालनहार योजना संचालित की जा रही है। योजना के अन्तर्गत अनाथ बच्चों के पालन-पोषण की व्यवस्था, बच्चों के निकटतम रिश्तेदार/परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर आर्थिक सहायता देकर की जाती है।


पालनहार योजना में 3.18 लाख से अधिक बच्चे हो रहे लाभान्वित

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव श्री सांवर मल वर्मा ने बताया कि योजना में अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मुत्यु दण्ड/आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता के तीन बच्चे, पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चे, एचआईवी/एडस पीडित/पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीडित माता-पिता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के तीन बच्चे, विशेष योग्यजन माता-पिता के बच्चे एवं तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला के बच्चे पात्र है।

निदेशक ने बताया कि योजना मे 0 से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चे के लिए 500 रूपये प्रतिमाह (आंगनबाडी जाना अनिवार्य) एवं 6 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चे के लिए 1000 रूपये प्रतिमाह (विद्यालय जाना अनिवार्य) तथा वस्त्र, स्वेटर, जूते आदि के लिए 2000 रूपये वार्षिक अतिरिक्त एकमुश्त (विधवा एवं नाता पालनहार में देय नही) सहायता दी जाती है। पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रूपये से कम होनी चाहिए तथा बच्चे की अधिकतम आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। इस संबध में आवेदन पत्र एवं अन्य जानकारी विभागीय वेबसाईट www.sje.rajasthan.gov.in  पर प्राप्त की जा सकती है।

विशेष केन्द्रीय सहायता योजना में अजा के पात्र व्यक्तियों से आवेदन मांगे 


जयपुर, 03 जुलाई। राजस्थान अनुसूचित जाति, जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड, जयपुर द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता योजनान्तर्गत जयपुर जिले के अनुसूचित जाति के पात्र बीपीएल एवं उनके समकक्ष व्यक्तियों लाभाविन्त करने के लिए आवेदन पत्र मांगे गए है। जिला परियोजना प्रबंधक श्रीमती रेखा सामरिया ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में बैंकिग योजना में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के कुल 4150 व्यक्तियों को आटोरिक्शा, ई-रिक्शा, व्यक्तिगत पम्प सेट योजना सहित अन्य योजनाओं में निर्धारित उद्योग व्यवसाय या व्यापार एवं सेवा के लिए शर्तो के तहत ऋण स्वीकृत किया जाएगा। निगम की गैर बैंकिंग योजना में ग्रामीण क्षेत्र में 1601 व्यक्तियों को कुओं के विद्युतीकरण, सौर ऊर्जा, कार्यशाला, दुकान, उन्नत कृषि यंत्र योजना या बकरी पालन व्यवसाय में अनुदान देकर लाभाविन्त किया जाएगा। निगम द्वारा बैंकिंग एवं गैर बैंकिंग योजना में इकाई लागत का 50 प्रतिशत अथवा रूपये 10,000 दोनो में जो भी कम हो, तक का अनुदान दिया जाएगा। इच्छुक पात्र व्यक्ति संबंधित पंचायत समितियों या नगर परिषद या नगर पालिका या नगर निगम में सम्पर्क कर निःशुल्क आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते है। अधिक जानकारी के लिये परियोजना प्रबंधक, जिला अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड जयपुर, जिला परिषद (ग्रामीण विकास प्रकोष्ठ) जयपुर में सम्पर्क कर सकते है। 

राम अवतार गुप्ता राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा में कुलपति नियुक्त                       

जयपुर, 05 जुलाई। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कल्याण सिंह ने राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा में राज्य सरकार के परामर्श पर श्री राम अवतार गुप्ता को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष के लिए कुलपति नियुक्त किया है।

जयपुर यूनेस्को विश्व हेरिटेज सूची में शामिल

न केवल राजस्थान अपितु सम्पूर्ण भारत को आज एक और बड़ी एवं ऐतिहासिक उपलब्धि उस समय प्राप्त हुई जब अजरबैजान के बाकू में आयोजित यूनेस्को विश्व हेरिटेज समिति के 43वें सत्र के दौरान भारत के गुलाबी नगरी जयपुर को यूनेस्‍को की विश्‍व विरासत सूची में सम्मिलित किया गया। राजस्थान के इस बेहतरीन व सुन्दरतम जयपुर शहर ने 2017 के यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज सम्बन्धी दिशा-निर्देशों को सफलतापूर्वक पार किया। यूनेस्‍को की इस सूची में जयपुर शहर के सफल नामांकन के साथ ही अब भारत में कुल 38 विश्व विरासत स्थल हैं, जिसमें 30 सांस्कृतिक स्‍थल, 7 प्राकृतिक स्‍थल और 1 मिश्रित स्‍थल शामिल हैं। भारत के नामांकन की पहल ICOMOS (सांस्कृतिक स्थलों के लिए विश्व धरोहर (डब्ल्यूएच) केंद्र की सलाहकार संस्था) ने की थी, लेकिन 21 देशों की विश्व विरासत समिति ने इस पर विचार-विमर्श के बाद जयपुर को विश्व विरासत सूची में शामिल करने का फैसला किया।

उल्लेखनीय कि जयपुर के जंतर-मंतर को सन 2010 में तथा वर्ष 2013 में चित्तौड़गढ़, कुम्भलगढ़, रणथम्भौर (सवाई माधोपुर), गागरोण (झालावाड़), आमेर (जयपुर) और जैसलमेर के पहाड़ी  किलों को यूनेस्को ने विश्व विरासत धरोहर में सम्मिलित किया गया था। इसके अलावा भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को 1986 में विश्व विरासत की सूची में लिया गया था।

राजस्थान लोकायुक्त का कार्यकाल घटाया, विधेयक ध्वनिमत से पारित


राज्य विधानसभा ने सोमवार को राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक, 2019 को  ध्वनिमत से पारित कर दिया। पूर्व में राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1973 की धारा 5 में संशोधन द्वारा लोकायुक्त की पदावधि पांच वर्ष से बढ़ाकर आठ वर्ष की गई थी। जिसे घटा कर अब पुनः 5 वर्ष कर दिया गया है। लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 (2014 का केंद्रीय अधिनियम सं. 1) के अधीन अध्यक्ष की पदावधि भी पांच वर्ष है। देश के अन्य राज्यों में लोकायुक्त और केंद्र में लोकपाल के अध्यक्ष की पदावधि में समानता बनाए रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा यह विनिश्चय किया गया कि लोकायुक्त के पद के लिए पांच वर्ष की अवधि पर्याप्त है। लोकायुक्त को और अधिक सशक्त बनाने के लिए सरकार इसके कार्यकाल को 8 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष करने के लिए यह विधेयक लाई है।


इसी सत्र से शुरू होने वाले 4 देवनारायण आवासीय विद्यालय तथा 3 आदर्श छात्रावास के लिए 52.87 करोड़ रूपये की मंजूरी-


जयपुर, 14 जुलाई। प्रदेश में चार देवनारायण आवासीय विद्यालय तथा तीन देवनारायण आदर्श छात्रावास इसी शैक्षणिक सत्र से प्रारम्भ होंगे। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इनके लिए करीब 52 करोड़ 87 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। आवासीय विद्यालयों के संचालन के लिए करीब 45 करोड़ 52 लाख रुपए तथा आदर्श छात्रावासों के लिए करीब 7 करोड़ 35 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं। ये विद्यालय निम्नांकित स्थानों पर शुरू होंगे-

  1. भरतपुर के अलापुरी रसेरी
  2. सवाई माधोपुर के मकसूदनपुरा
  3. अजमेर के केकड़ी तथा 
  4. पाली के देवडूंगरी। 

इन प्रत्येक विद्यालय के लिए करीब 11 करोड़ 38 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं। 

इसके साथ ही देवनारायण आदर्श छात्रावास योजना के तहत निम्नांकित नवनिर्मित छात्रावासों के संचालन के लिए भी वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है-

  1. नागौर जिले के कुचामन सिटी, 
  2. सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा
  3. चित्तौड़गढ़ के बेगूं में

इन वित्तीय स्वीकृतियों से इन विद्यालयां एवं छात्रावासों के संचालन के लिए नवीन पदों का सृजन हो सकेगा एवं सामग्री खरीद तथा संविदा आधारित सेवाएं ली जा सकेंगी। प्रत्येक आवासीय विद्यालय के लिए 20 से अधिक शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक कार्मिकों के नवीन पदों के सृजन को मंजूरी प्रदान की गई है। इन विद्यालयों में कक्षा 6 से 12वीं तक पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध होगी।

 

ओ.पी. यादव “चौधरी चरण सिंह आईसीएआर नेशनल अवार्ड“ से सम्मानित


जयपुर,17 जुलाई। दूरदर्शन समाचार नई दिल्ली में संपादक के पद कार्यरत राजस्थान के जयपुर निवासी श्री ओ.पी. यादव को राजधानी दिल्ली में “चौधरी चरण सिंह अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म इन एग्रीकल्चर रिसच एंड डवलपमेंट“ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार के रुप में श्री ओ.पी. यादव को उत्कृष्टता प्रमाण पत्र, शॉल एवं प्रशस्ति पत्र के अलावा एक लाख रुपये का चैक देकर सम्मानित किया गया।


विधानसभा अध्यक्ष डॉ. जोशी राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ (भारत क्षेत्र) 

में कार्यकारिणी सदस्य  मनोनीत


जयपुर 17 जुलाई । लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सी.पी.जोशी को 3 वर्ष के लिए राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ (भारत क्षेत्र) की कार्यकारिणी का सदस्य  मनोनीत किया है। लोकसभा अध्यक्ष राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ (भारत क्षेत्र ) के पदेन सभापति हैं। कार्यकारिणी समिति पर भारत क्षेत्र में संघ की गतिविधियों का नियंत्रण व प्रबंधन का उत्तयरदायित्व है। संघ का मुख्य उद्देश्य लोकतांत्रिक मूल्यों का संरक्षण करना है। राष्ट्रमण्डलीय संसदीय संघ की कार्यकारिणी में बिहार, आसाम, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष भी सदस्य  है। उल्लेलखनीय है कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ (राजस्थान शाखा) के पदेन सभापति है। राजस्थान विधानसभा के सभी सदस्य पदेन सदस्य हैं। श्रीमती किरण अनुपम खेर सांसद, राष्ट्रमण्डलीय महिला संघ (भारत क्षेत्र) की सभापति एवं श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्तव, लोकसभा महासचिव संघ की क्षेत्रीय सचिव मनोनीत की गई है।  


विधवा विवाह के लिए उपहार राशि बढ़ाकर 51 हजार रूपये हुई


जयपुर, 17 जुलाई। राज्य सरकार ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से विधवाओं के पुनर्विवाह के लिए संचालित विधवा विवाह उपहार योजना के अंतर्गत देय विधवा विवाह उपहार राशि 30 हजार रूपये से बढ़ाकर 51 हजार रूपये करने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इसके लिए वित्त विभाग से प्राप्त प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। 



Comments

  1. इस वेब पेज पर आने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद् और आभार. (h) (h) (h)
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Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली