Skip to main content

Om Birla Elected as New Speaker of Loksabha- ओम बिरला निर्विरोध बने लोकसभा के नए अध्यक्ष






राजस्थान की कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद श्री ओम बिरला निर्विरोध लोकसभा के नए अध्यक्ष चुने गए। आज सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर श्री वीरेंद्र कुमार ने 17वीं लोकसभा के नए अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू की, तब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष के लिए श्री ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी ने समर्थन किया। कांग्रेस समेत तमाम दलों ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसके बाद ध्वनिमत से बिरला को 17वीं लोकसभा का अध्यक्ष चुना गया। प्रधानमंत्री मोदी समेत बीजेपी, कांग्रेस, डीएमके और टीएमसी के नेताओं ने आसन के पास जाकर बिरला को बधाई दी। 

महज दो बार सांसद बने हैं ओम बिरला किन्तु रह चुके है 3 बार विधायक -


केंद्र की राजनीति में आने से पहले बिरला राजस्थान की सियासत में सक्रिय थे। वह राजस्थान विधानसभा की कोटा दक्षिण सीट से 3 बार विधायक निर्वाचित हुए। 2003 में राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तो उन्हें संसदीय सचिव का पद दिया गया। इसके बाद 2008 में वह एक बार फिर विधायक निर्वाचित हुए। 2013 में लगातार तीसरी बार ओम बिरला विधानसभा के चुनाव में भी विजयी हुए। इसके बाद अगले साल 2014 के लोकसभा आम चुनाव में वे कोटा-बूंदी संसदीय सीट से सांसद बने। 56 साल के ओम बिरला वर्ष 2019 में लगातार दूसरी बार लोकसभा का सांसद बने हैं। 17वीं लोकसभा के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के श्री रामनारायण मीणा को 2 लाख 79 हजार 677 वोटों से हराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने राजपरिवार से आने वाले कांग्रेस के इज्यराज सिंह को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। 



समाजसेवी व पर्यावरण प्रेमी के रूप में पहचान है ओम बिरला की  -


  • 26 जनवरी 2001 को गुजरात में आए विनाशकारी भूकंप में बिरला ने प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए डॉक्टरों के साथ 100 सदस्यों की टीम की अगुआई की। इस दौरान उन्होंने लगातार 10 दिन तक लोगों को भोजन और दवाएं उपलब्ध कराई। 
  • केदारनाथ त्रासदी के समय भी ओम बिरला ने बचाव और राहत कार्यों में उल्लेखनीय कार्य किया था।
  • उन्होंने बारां जिले में सहरिया जनजाति के बच्चों में कुपोषण व अर्ध-बेरोजगारी को दूर करने के लिए एक मिशन चलाया।
  • बूंदी के लोगों को चंबल का पानी मुहैया कराने के लिए भी बिरला ने मुहिम का नेतृत्व किया था। 
  • विभिन्न माध्यमों के द्वारा सामाजिक सेवा, राष्ट्र सेवा, गरीब, वृद्ध, ​​विकलांग और असहाय महिलाओं की सहायता करने में वे अग्रणी रहे हैं। 
  • उन्होंने विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से विकलांग, कैंसर रोगियों और थैलेसेमिया रोगियों की मदद की हैं तथा दिव्यांगों को मुफ्त ट्राई साइकिलें, व्हीलचेयर और कान की मशीन प्रदान करवाने में योगदान किया है।
  • पर्यावरण जागरूकता के कार्यक्रमों में भी उनकी काफी दिलचस्पी होने के कारण ओम बिरला की पहचान पर्यावरण प्रेमी के रूप में पर्यावरण संरक्षण उपायों को अंजाम देने के लिए भी है। उन्होंने कोटा नगर में प्रदूषण का प्रभाव कम करने और हरियाली लौटाने के लिए चलाये गए अभियान "ग्रीन कोटा मिशन" के अंतर्गत वृक्ष लगाने के लिए जनता को प्रेरित किया था और इस मिशन में लगभग 1 लाख पौधे कोटा में लगाए गए। 

कुशल संगठनकर्ता हैं ओम बिरला-

श्री बिरला राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र (कोटा संभाग) से आते हैं। इस इलाके में कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ शामिल है। बिरला की छवि कुशल संगठनकर्ता की रही है। भारतीय जनता युवा मोर्चा में कोटा जिले के 4 साल तक जिलाध्यक्ष रहे। इसके बाद उन्हें राजस्थान भारतीय जनता युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया। वह 6 साल तक इस पद पर रहे। इसके साथ ही बिरला लगातार 6 साल तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे।


जीवन परिचय -


पूरा नाम - ओम बिड़ला
जन्म तिथि - 23 Nov 1962 (उम्र 56)
जन्म स्थान  - कोटा, राजस्थान
पिता का नाम - श्री श्रीकृष्ण बिड़ला
माता का नाम - स्वर्गीय श्रीमती शकुंतला देवी
जीवनसाथी का नाम -  डॉ अमिता बिड़ला
विवाह तिथि - 11 Mar 1991
राजनैतिक पार्टी - भारतीय जनता पार्टी
शिक्षा - स्नातकोत्तर (M.Com.)
व्यवसाय  - कृषिविद और सामाजिक कार्यकर्त
राजनैतिक शुरुआत - छात्र राजनीति में 1979 में वे सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गुमानपुरा, कोटा के छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में चुने गए।
संतान - 2 पुत्रियां

Positions Held

2003-2014 Member, Rajasthan Legislative Assembly (three terms)
31 May 2004-2008 Appointed as Parliamentary Secretary (MOS) to the Govt. of Rajasthan
May, 2014 Elected to 16th Lok Sabha
14 Aug. 2014 - 30 April 2016 Member, Committee on Estimates
1 Sep. 2014 - 25 May 2019 Member, Committee on Petitions
Member, Standing Committee on Energy
Member, Consultative Committee, Ministry of Social Justice and Empowerment
3 July 2015 - 30 April 2016 Member, Sub Committee-III, Committee on Estimates
May, 2019 Re-elected to 17th Lok Sabha (2nd term)
19 June 2019 Unanimously elected as Speaker, 17th Lok Sabha
 
स्थाई पता - 80-बी, दशहरा योजना, शक्ति नगर, कोटा, राजस्थान - 324,009 टेलीफैक्स। (0744) 2505555, 2502525, 09829037200 (एम)
वर्तमान पता - बंगला संख्या 11, विंडसर प्लेस, नई दिल्ली - 110001 टेलीः (011) 23782409
सम्‍पर्क नंबर 07442502525
ई-मेल ombirla@yahoo.co.in, ombirlakota@gmail.com, birla.om@sansad.nic.in


Comments

  1. इस वेब पेज पर आने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद और आभार. (c) ये आलेख आपको कैसा लगा ? कृपया अपनी टिप्पणी द्वारा अवगत कराएँ....

    ReplyDelete

Post a Comment

Your comments are precious. Please give your suggestion for betterment of this blog. Thank you so much for visiting here and express feelings
आपकी टिप्पणियाँ बहुमूल्य हैं, कृपया अपने सुझाव अवश्य दें.. यहां पधारने तथा भाव प्रकट करने का बहुत बहुत आभार

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋतु के बाद मराठों के विरूद्ध क

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली