राजस्थान में शिल्प की अनूठी परंपरा से युक्त पांच दिवसीय शिल्प शाला
पांच दिवसीय शिल्प शाला में निम्नांकित शिल्प गुरू द्वारा शिल्प की बारीकियों का प्रशिक्षण दिया जायेगा -
- कुंदन मीनाकारी के नेशनल अवार्डी सरदार इन्दर सिंह कुदरत
- मीनकारी में राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त प्रीति काला
- मिनिएचर पेंटिंग में नेशनल अवार्डी बाबू लाल मारोठिया
- लाख शिल्प में नेशनल अवार्डी ऎवाज अहमद
- मिट्टी के बर्जन/टेराकोटा में राधेश्याम व जीवन लाल प्रजापति
- ब्लू पॉटरी में संजय प्रजापत और गौपाल सैनी
- ज्वैलरी वुडन क्राफ्ट में भावना गुलाटी
- हाथ ठप्पा छपाई में नेशनल अवार्डी संतोष कुमार धनोपिया
- हैण्ड ब्लॉक प्रिंटिंग में नेशनल अवार्डी अवधेश पाण्डेय
- पेपरमैशी में सुमन सोनी
- मेहंदी में प्रीतम जिरोतिया और मनीषा रेनीवाल
- हाथ कागज में अनिल पारीक
- कार्विंग ज्वैलरी में दीपक पालीवाल
- चर्मशिल्प में जितेन्द्र यादव और संतोष सैनी
- तारकशी में रामस्वरुप शर्मा
- लैण्ड स्केप पेंटिंग में शमीम निलोफर नीलम नियाज
- उस्ताकला में संतोष पुरोहित।
शिल्पशाला में 147 जिज्ञासुओं ने
विभिन्न शिल्पों की बारिकियां समझने के लिए पंजीकृत कराया है। सबसे अधिक
29 युवाओं ने हैण्ड ब्लॉक प्रिंटिंग में रूचि दिखाई है। लैण्ड स्केप
पेंटिंग और ब्लू पॉटरी में 18-18, मीनाकारी और मिनियचर पेंटिंग में 15-15,
क्ले पॉटरी में 13, पेपरमैशी में 11, टाई डाई में 10 और लाख शिल्प में 8
कला जिज्ञासुओं ने पंजीयन कराया।
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