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Sahyog and Uphar Plan of Rajasthan सहयोग एवं उपहार योजना




सहयोग एवं उपहार योजना

 

योजना की वर्तमान स्थिति

राजस्थान सरकार द्वारा 1997-98 से आर्थिक दृष्टि से कमजोर विधवा महिलाओं के पुत्रियों के विवाह के लिए अनुदान योजना प्रारम्भ की गयी थी। इसी प्रकार वर्ष 2005 में बी.पी.एल. परिवारों को पुत्रियों के विवाह हेतु सहयोग योजना शुरू की गयी थी। राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 में दोनों योजनाओं को एक करके  सहयोग एवं उपहार योजना शुरू की गयी थी। योजना का लाभ पात्र व्यक्ति को समय पर एवं पारदर्शिता से मिले, इस हेतु इस वर्ष ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से सहायता राशि स्वीकृत करने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जा रही है।

लाभांवित वर्ग-

सहयोग एवं उपहार योजना सभी वर्गों के बी.पी.एल. परिवार, अन्त्योदय परिवार, आस्था कार्डधारी परिवार तथा आर्थिक दृष्टि से ऎसे कमजोर परिवार जिनमें कमाने वाला वयस्क व्यक्ति नहीं हो, ऎसी विधवा महिलाओं की पुत्रियों के विवाह के लिए सहायता राशि उपलब्ध करायी जाती है।

देय सहायता राशि-

सहयोग एवं उपहार योजना में वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार देय सहायता राशि में वृद्धि की गई है। वर्तमान में पुत्रियों के विवाह पर 20 हजार रुपये, दसवीं पास कन्या के विवाह पर 30 हजार रुपये एवं स्नातक पास कन्या के विवाह पर 40 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है।

उपलब्धियाँ-

सहयोग एवं उपहार योजना में प्रदेश में गत साढ़े तीन वर्ष के दौरान 33 हजार 700 विधवाओं की पुत्रियों के विवाह पर 46.77 करोड़ रुपये अनुदान प्रदान कर आर्थिक सहायता दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में 15 करोड़ 62 लाख 62 हजार रुपये की सहायता प्रदान कर 12005 कन्याओं के विवाह के लिए सहायता दी गयी। इसी प्रकार वर्ष 2015-16 में 11 हजार 651 कन्याओं के विवाह के लिए   15 करोड़ 48 लाख 50 हजार, वर्ष 2016-17 में 8 हजार 425 कन्याओं के विवाह के लिए 12 करोड़ 4 लाख 10 हजार, वर्ष 2017-18 में सितम्बर, 2017 तक 3 करोड़ 62 लाख पाँच हजार रुपये का अनुदान देकर 1 हजार 616 कन्याओं को लाभांवित किया गया है।

 

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