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Annapurna Bhandar Scheme of Rajasthan राजस्थान की अन्नपूर्णा भंडार योजना

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के क्षेत्र में नई पहल - अन्नपूर्णा भंडार




राज्य में आमजन को कम दामों पर परिवार की जरूरत से जुड़े सभी उपभोक्ता वस्तुओं एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाने के लिए राज्य में ही नहीं वरन देश में पहली बार एक अनूठी योजना "अन्नपूर्णा भण्डार योजना’’ वर्ष 2015 में लागू की गई। राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के इतिहास में सार्वजनिक निजी सहभागिता का एक नया दौर शुरू हुआ है। इस योजना के तहत प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में मॉल की तरह ’"अन्नपूर्णा भण्डार योजना" विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं।

योजना का मुख्य उद्देश्य -

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत सार्वजनिक-निजी सहभागिता के माध्यम से जनसाधारण को उचित मूल्य दुकानों द्वारा उच्च गुणवत्ता की मल्टीब्रांड उपभोक्ता वस्तुएं उचित एवं प्रतिस्पर्धी दरों पर उपलब्ध कराना।

उद्घाटन - 

राज्य सरकार ने अन्नपूर्णा भंडार योजना का श्री गणेश 31 अक्टूबर, 2015 को जयपुर जिले की झोटवाडा पंचायत समिति के गांव भंभोरी से किया गया।  इस योजना को प्रारंभ में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जयपुर में पांच और उदयपुर में एक अन्नपूर्णा भंडार चला कर शुरू किया गया।

लक्ष्य -

अन्नपूर्णा भंडार योजना के प्रथम चरण में प्रदेश की 5000 उचित मूल्य की दुकानों का कायाकल्प करके इन्हें अन्नपूर्णा भंडार के रूप में चलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके तहत अभी 5000 से अधिक अन्नपूर्णा भंडार सफलतापूर्वक संचालित किए जा रहे हैं।

उचित मूल्य की दुकानों को रूरल मॉल्स का रूप देने के प्रयास- 

अन्नपूर्णा भंडार को एक तरह से "रूरल मॉल्स" का रूप दिया जा रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के इतिहास में इस योजना को लागू करने वाला राजस्थान देश का प्रथम व एकमात्र राज्य है। इन पर आधुनिक पद्धति से उचित मूल्य के दुकानदारों की क्षमता एवं संभावनाओं का विकास किया जाएगा। भविष्य में इन पर मिनी बैंक, खाद-बीज, भंडार की भी सुविधा उपलब्ध रहेगी। प्रारंभ में अन्नपूर्णा भंडार पर उपभोक्ताओं को 45 तरह के 150 से अधिक प्रकार के उत्पाद की बिक्री का प्रावधान किया गया है। इनमें मुख्य रूप से खाद्य तेल, दालें, अचार, गुड़, बिस्किट, मसाले, सौन्दर्य प्रसाधन, साबुन, वॉशिंग पाउडर, शैम्पू, टूथपेस्ट, पेन, नोट बुक, बल्ब, माचिस, चप्पल, फिनायल, टॉयलेट क्लीनर्स आदि उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। राज्य सरकार का कहना है कि भविष्य में इन पर मिनी बैंक, खाद-बीज, भंडार की भी सुविधा उपलब्ध रहेगी। 
अन्नपूर्णा भंडार योजना की खास बात यह है कि इसमें बिना राशनकार्ड के कोई भी उपभोक्ता चाहे वह किसी भी तबके का हो, इससे उच्च गुणवत्ता का सामान खरीद सकता है।
अन्नपूर्णा भण्डार के प्रथम चरण की सफल क्रियान्विति के बाद प्रत्येक ग्राम पंचायत के बड़े गांव में संचालित उचित मूल्य की दुकान पर अन्नपूर्णा भंडार योजना लागू करने के लिए चयन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
प्रदेश के इस अभिनव प्रयोग से प्रभावित होकर दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश सहित 12 राज्यों ने भी प्रदेश में अन्नपूर्णा भण्डारों का भ्रमण कर इसमें गहरी रूचि दर्शाई है।

फ्यूचर ग्रुप के साथ एम ओ यू - 

राजस्थान सरकार के उपक्रम राजस्थान राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम और मैसर्स फ्यूचर कन्ज्यूमर इंटरप्राइजेज लिमिटेड, मुंबई के बीच इस योजना के लिए समझौता किया है। यह फ्यूचर ग्रुप देश में बिग बाजार नामक रिटेल मॉल चलाने के लिए प्रसिद्ध है। इस योजना के अतंर्गत फ्यूचर ग्रुप राशन दुकानों के माध्यम से फ्यूचर ग्रुप के 250 प्रोडक्ट को की बिक्री को रखा जाना है। इनमें दाल, मसाले, तेल और बिस्कुट बेसन, मैदा, रवा, अचार, सॉस और टेलकम पाउडर, शैम्पू, क्रीम, टूथब्रश, जैसी चीजें खाद्य सामग्रियां और रोजमर्रा उपयोग की वस्तुएं शामिल है। वर्तमान में इस योजना के अन्तर्गत 45 कैटेगरी के 150 से अधिक प्रकार के मल्टी ब्राण्डेड उत्पादों की आपूर्ति सीधे उचित मूल्य दुकानों पर समयबद्ध तरीके से की जा रही है। इन उत्पादों की एमआरपी पर 2 से अधिकतम 30 प्रतिशत तक की छूट उचित मूल्य दुकानदारों को प्राप्त हो रही है।

दुकानदार को अनुमानित लाभ - 

इन अन्नपूर्णा भण्डारों पर बेचे जाने वाले सामान पर उचित मूल्य दुकानदार को 40 प्रतिशत लाभ हो रहा है तथा शेष 60 प्रतिशत लाभ उपभोक्ताओं को दरों में छूट के रूप में मिल रहा हैं।

दुकानदार को सहायता -


अन्नपूर्णा भंडार योजनान्तर्गत राज्य सरकार की ओर से कोई फंड उपलब्ध नहीं करवाया जाता है, बल्कि अन्नपूर्णा भंडार खोलने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कम ब्याज दर पर 10 लाख तक का ऋण मुहैया करवाया जा रहा है। अन्नपूर्णा भंडार संचालक आवश्यकतानुसार 10 लाख तक का ऋण ले सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने यूनाईटेड बैंक ऑफ इण्डिया एवं यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया को ऋण के लिए अधिकृत किया है।

फर्नीचर हेतु किया गया व्यय - 

अन्नपूर्णा भण्डार दुकान की साज-सज्जा व फर्नीचर हेतु किया गया व्यय उचित मूल्य दुकानदार द्वारा वहन किया जाता है जबकि दुकान पर लगाने हेतु लगाये जाने वाला अन्नपूर्णा भण्डार का ‘लोगो‘ फ्लेक्स बोर्ड के रुप में आपूर्तिकर्ता फर्म द्वारा प्रथम आपूर्ति के समय उचित मूल्य दुकानदार को निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।

माल की आपूर्ति का किराया - 

अन्नपूर्णा भण्डार पर आपूर्ति किए जाने वाले माल की आपूर्ति का किराया पूर्ण रुप से आपूर्तिकर्ता फर्म द्वारा वहन किया जाएगा अर्थात माल की दुकानों तक निःशुल्क डोर-स्टेप डिलीवरी की जाती है।

दुकानदार द्वारा माल का भुगतान - 

अन्नपूर्णा भण्डार पर आपूर्तिकर्ता फर्म द्वारा आपूर्ति किए गए माल का भुगतान दूकानदार द्वारा आपूर्तिकर्ता फर्म के प्रतिनिधि को नगद एवं चैक के रुप में भुगतान करके अथवा अधिकतम दस दिवस के पोस्ट डेटेड चैक के रुप में किया जा सकता है। नगद भुगतान करने पर दुकानदार को 2 प्रतिशत की छूट का प्रावधान है।

अन्नपूर्णा भण्डार पर आपूर्तिकर्ता फर्म द्वारा पहली बार आपूर्ति किए गए सामान में से अगर किसी सामान की बिक्री नही होती है तो उसे आपूर्तिकर्ता फर्म द्वारा पुनः लिया जाता है। उचित मूल्य दुकानदार द्वारा पुनः आर्डर (रिआर्डर) पर मंगवाए गए सामान को बेचने की जिम्मेदारी स्वयं दुकानदार की होती है।

अन्नपूर्णा भण्डार की रनिंग-कोस्ट- 

अन्नपूर्णा भण्डार का चलाने में आ रही लागत अर्थात ‘रनिंग-कोस्ट‘ उचित मूल्य दुकानदार द्वारा वहन की जाती है।

मुनाफे का सरकारी अनुमान- 

अन्नपूर्णा भण्डार पर आपूर्ति किए गए विभिन्न प्रकार के समग्र सामान का यदि एक उचित अनुपात में विक्रय होता है तो विक्रय मूल्य का लगभग आठ से दस प्रतिशत उचित मूल्य दुकानदार को लाभ के रुप में प्राप्त हो सकता है।

'रि-आर्डर' की प्रकिया - 

अन्नपूर्णा भण्डारों पर सामान आपूर्ति हेतु आपूर्तिकर्ता फर्म द्वारा स्थापित किए गए डिपो पर फर्म के प्रतिनिधि से टेलीफोन, मोबाइल अथवा ई-मेल द्वारा रि-आर्डर दिया जा सकता है। ‘रि-आर्डर‘ हेतु न्यूनतम पांच हजार रु. की राशि निर्धारित की गयी है। अन्नपूर्णा भण्डार पर ‘रि-आर्डर‘ देने के अधिकतम सात दिवस में सामान की आपूर्ति निर्धारित की गयी है।

अन्नपूर्णा भण्डार खोलने हेतु मानदंड- 


1. उचित मूल्य की दुकान डीलर की स्वयं की होनी चाहिए। (कुछ शर्तों पर किराये की दुकान भी हो सकती है)
2. दुकान का न्यूनतम क्षेत्रफल 10 x 20 (200 वर्गफीट) होना चाहिए।
3. दुकान कम से कम 30 फीट रोड पर खुलती हुई होनी चाहिए।
4. इस मॉडल को स्वीकार करने के लिए उचित मूल्य दुकानदार की सहमति होनी चाहिए।


Comments

  1. धन्यवाद और आभार सा.. इसी तरह स्नेह बनाएं रखें...

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  2. बैंक लोन रेट क्या है और कितना टाइम मिलता है

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  3. Isme gramin aadmi nhi chala sakta kya.

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