Skip to main content

राजस्थान का जनगणना- 2011 के Provisional data अनुसार लिंगानुपात -


वर्ष 2011 की जनगणना के के Provisional data के अनुसार राजस्थान का कुल लिंगानुपात 926 स्त्रियाँ प्रति 1000 पुरुष है।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में 0-6 वर्ष की लिंगानुपात 888 स्त्रियाँ प्रति 1000 पुरुष है।  इसमें ग्रामीण क्षेत्र का लिंगानुपात (0-6 वर्ष) 892 स्त्री प्रति 1000 पुरुष है तथा ग्रामीण क्षेत्र का लिंगानुपात (0-6 वर्ष) 874 स्त्रियाँ प्रति 1000 पुरुष है।

राजस्थान के सर्वोच्च लिंगानुपात वाले 5 जिले-

1
Dungarpur
990
2
Rajsamand
988
3
Pali
987
4
Pratapgarh*
982
5
Banswara
979

राजस्थान के न्यूनतम लिंगानुपात वाले 5 जिले-

1
Ganganagar
887
2
Bharatpur
877
3
Karauli
858
4
Jaisalmer
849
5
Dhaulpur
845

राजस्थान के सर्वोच्च लिंगानुपात (0-6 वर्ष) वाले 5 जिले-

1. Banswara       934
2. Pratapgarh     
    933
3. Bhilwara     
      928
4. Udaipur     
       924
5. Dungarpur     
    922 

राजस्थान के न्यूनतम लिंगानुपात (0-6 वर्ष) वाले 5 जिले-

1. Jhunjhunun           837
2. Sikar                         848
3. Karauli                   852
4. Ganganagar         854
5. Dhaulpur               857
 



 

लिंगानुपात के अवरोही क्रम में राजस्थान के जिले : 2011

Districts arranged in descending order of Sex Ratio: 2011

Rank
District
Sex- ratio (Number of Females per 1000 Males)
1
Dungarpur
990
2
Rajsamand
988
3
Pali
987
4
Pratapgarh*
982
5
Banswara
979
6
Chittaurgarh
970
7
Bhilwara
969
8
Udaipur
958
9
Jalor
951
10
Jhunjhunun
950
11
Ajmer
950
12
Tonk
949
13
Nagaur
948
14
Jhalawar
945
15
Sikar
944
16
Sirohi
938
17
Churu
938
18
Baran
926
19
Bundi
922
20
Jodhpur
915
21
Jaipur
909
22
Kota
906
23
Hanumangarh
906
24
Dausa
904
25
Bikaner
903
26
Barmer
900
27
Sawai Madhopur
894
28
Alwar
894
29
Ganganagar
887
30
Bharatpur
877
31
Karauli
858
32
Jaisalmer
849
33
Dhaulpur
845

स्त्री-पुरुष अनुपात या लिंगानुपात (प्रति 1000 पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या) : 1901-2011

Sex Ratio (females per 1,000 males): 1901-2011

S.N.
State/ District
Sex-Ratio Since (Number of females per 1000 males)
1901
1911
1921
1931
1941
1951
1961
1971
1981
1991
2001
2011
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
12
13
14

Rajasthan
905
908
896
907
906
921
908
911
919
910
921
926
01
Ganganagar
853
818
857
797
814
828
843
863
859
865
873
887
02
Hanumangarh
853
818
857
797
814
848
840
887
892
891
894
906
03
Bikaner
918
907
891
895
869
920
916
908
899
891
896
903
04
Churu
932
922
926
924
908
945
936
946
953
937
948
938
05
Jhunjhunun
884
906
878
878
881
956
943
928
956
931
946
950
06
Alwar
922
914
884
892
890
896
892
887
892
880
886
894
07
Bharatpur
859
841
820
837
840
846
859
855
848
832
854
877
08
Dhaulpur
859
841
820
837
840
814
807
806
796
795
827
845
09
Karauli
870
869
859
873
884
865
854
848
853
840
855
858
10
Sawai Madhopur
870
869
859
873
884
893
884
878
880
870
889
894
11
Dausa
898
906
878
891
908
905
888
887
895
884
899
904
12
Jaipur
903
913
882
895
913
922
891
890
892
892
897
909
13
Sikar
877
899
886
913
920
972
964
961
963
946
951
944
14
Nagaur
914
928
900
920
912
936
945
942
958
942
947
948
15
Jodhpur
888
891
870
885
885
900
888
900
909
891
907
915
16
Jaisalmer
870
837
808
851
829
817
802
810
811
807
821
849
17
Barmer
874
880
860
891
873
868
868
887
904
891
892
900
18
Jalor
898
916
911
910
921
918
919
932
942
942
964
951
19
Sirohi
917
937
936
946
947
965
948
958
963
949
943
938
20
Pali
946
938
934
954
943
946
943
950
946
956
981
987
21
Ajmer
898
885
836
903
902
925
913
911
922
918
931
950
22
Tonk
915
905
911
915
903
925
910
909
928
923
934
949
23
Bundi
930
932
916
917
918
912
895
886
887
889
907
922
24
Bhilwara
920
931
940
942
943
934
906
909
941
945
962
969
25
Rajsamand
920
932
940
943
943
948
933
971
996
991
1000
988
26
Dungarpur
1000
1012
987
988
970
1003
991
1015
1045
995
1022
990
27
Banswara
1022
1025
1011
1009
996
983
972
979
985
969
974
979
28
Chittaurgarh
911
928
939
942
944
956
928
927
950
947
966
970
29
Kota
940
937
926
931
919
926
884
873
877
881
896
906
30
Baran
940
937
926
931
919
934
913
898
903
896
909
926
31
Jhalawar
932
927
920
920
928
954
928
919
926
918
926
945
32
Udaipur
920
932
940
943
943
967
943
951
971
956
969
958
33
Pratapgarh*
920
935
944
947
947
969
949
943
956
957
969
982

Comments

  1. आपका आभार व्यक्त करते हैं

    ReplyDelete
  2. सबसे ज्यादा बढोतरी करने वाला जिला कोनसे ह और कम ये सब बी बताओ

    ReplyDelete
  3. Sir Apne yhan pethan pe likha hai Rajsthan ka Linganupat 926 hai but that's wrong because right answer is 928 so changes this 🙏🙏🙏🙏

    ReplyDelete
    Replies
    1. यह लेख प्रोविजनल डेटा जारी हुए तब भारत सरकार की website से आंकड़े लेकर लिखा गया था. आप कृपया इस लिंक का उपयोग करके excel table खुद डाउनलोड करके देख लीजिए, उसमें 926 ही है ..
      https://censusindia.gov.in/2011-prov-results/data_files/rajasthan/table-1.xls

      Delete
    2. बाद में final data में यह बदल कर 928 हो गया है जिसका सुधार कर दिया है.

      Delete
  4. Replies
    1. यह लेख प्रोविजनल डेटा जारी हुए तब भारत सरकार की website से आंकड़े लेकर लिखा गया था. आप कृपया इस लिंक का उपयोग करके excel table खुद डाउनलोड करके देख लीजिए, उसमें 926 ही है ..
      https://censusindia.gov.in/2011-prov-results/data_files/rajasthan/table-1.xls

      Delete
  5. Rajasthan ka liganupat 928 h book me

    ReplyDelete
    Replies
    1. यह लेख प्रोविजनल डेटा जारी हुए थे तब लिखा गया था , आप इस लिंक का उपयोग करके खुद table देख लीजिए...
      https://censusindia.gov.in/2011-prov-results/data_files/rajasthan/table-1.xls

      Delete
    2. https://censusindia.gov.in/2011-prov-results/data_files/rajasthan/table-1.xls

      Delete

Post a Comment

Your comments are precious. Please give your suggestion for betterment of this blog. Thank you so much for visiting here and express feelings
आपकी टिप्पणियाँ बहुमूल्य हैं, कृपया अपने सुझाव अवश्य दें.. यहां पधारने तथा भाव प्रकट करने का बहुत बहुत आभार

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋतु के बाद मराठों के विरूद्ध क

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली