पैलेस ऑन व्हील्स की तर्ज पर तीन वर्षो पूर्व सन् 2008 में सुपर लग्जरी ट्रेन ''रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स" शुरू की गई थी। यह शाही रेलगाड़ी 2 अक्टूबर को सायंकाल नई दिल्ली के सफदरजंग रेल्वे स्टेशन से 50 पर्यटकों के साथ इस पर्यटन सत्र 2011 की अपनी प्रथम व्यावसायिक यात्रा के लिए रवाना हुई। राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आर.टी.डी.सी.) के अनुसार 'रॉयल राजथान ऑन व्हील्स' नामक इस रेलगाड़ी में 13 डिब्बे है जिनके नाम राजस्थान के प्रसिद्ध स्मारकों एवं महलों के नाम पर हवामहल, चन्द्रमहल, सूर्यमहल, मोती महल, सुख महल, जल महल, पद्मिनी महल, किशोरी महल, फूल महल, जोगी महल, कुंभा पेलेस, उम्मेद पेलेस एवं लालगढ़ पेलेस रखे गए हैं जबकि इस शाही ट्रेन में विशिष्ट रूप से निर्मित सुपर डीलक्स कोच को ताजमहल नाम दिया गया है। रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स में एक लग्जरी सूट भी है। इसी प्रकार प्रत्येक सेलून का नाम भी बहुमूल्य रत्नों पर रूबी, सपर एवं पर्ल रखे गए है। इस ट्रेन में दो आलीशान रेस्तरां-लांज भी है जिनके नाम 'शीश महल' एवं 'स्वर्ण महल' है। जिनमें विभिन्न तरह के हिन्दुस्तानी अन्य जायको के साथ साथ विशेष राजस्थानी व्यंजनों के जायकों को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त इसमें विभिन्न प्रकार के विदेशी भोजन परोसने के भी विशेष प्रबंध है। इस रेलगाड़ी में इन्टरनेट, सेटेलाइट फोन, स्पा-जिम, डिश टी.वी. चेनल म्यूजिक, पब्लिक एड्रेस सिस्टम आदि आधुनिकतम सुविधाएं भी विद्यमान है। इस सुपर लग्जरी ट्रेन में यात्रा करने वाले पर्यटकों को राजस्थान के साथ भारत के विभिन्न स्थानों के दर्शन करवाने के उद्देश्य से इसके एक सप्ताह के यात्रा- रूट में मध्यप्रदेश के खजुराहो और उत्तर प्रदेश के आगरा के ताजमहल के साथ ही वाराणसी (बनारस) को भी शामिल किया गया है। यह शाही ट्रेन 3 अक्टूबर को राजस्थान में सूर्यनगरी जोधपुर, 4 अक्टूबर को झीलों की नगरी उदयपुर एवं ऐतिहासिक नगर चित्तौडगढ़, 5 अक्टूबर को विश्वविख्यात टाईगर गेम सेन्चुरी हेतु रणथम्भौर एवं गुलाबी नगर जयपुर, 6 अक्टूबर को खजुराहो, 7 अक्टूबर को वाराणसी तथा 8 अक्टूबर को आगरा में ताजमहल का भ्रमण करवा पुन: नई दिल्ली पहुँचेगी। ''रॉयल राजथान ऑन व्हील्स" अपने प्रारंभिक वर्ष सन् 2008 से अब तक 48 फेरे कर चुकी है जिसमें 1597 सैलानियों ने पर्यटन का आनंद लिया है तथा इससे 20.24 करोड़ रुपए की आय हो चुकी है। इस वर्ष इसके कुल 22 फेरे होगे जिसमें लगभग 1500 पर्यटकों के यात्रा करने की आशा व्यक्त की जा रही है।
Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली'' में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन
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