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विज्ञान क्लब योजना का नामकरण होगा राजीव गांधी विज्ञान क्लब योजना
परीक्षपयोगी राजस्थान महत्वपूर्ण समसामयिक घटनाचक्र

निर्मल ग्राम पुरस्कार योजना में 82 ग्राम पंचायतें पुरस्कृत होंगी-


मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने निर्मल ग्राम पुरस्कार योजना के लिए 102 लाख रुपयों के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंजूरी दी है।
निर्मल ग्राम पुरस्कार योजना के तहत सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के तहत श्रेष्ठ कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को एक-एक लाख रुपयों का पुरस्कार दिया जाता है। भारत सरकार से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 में राज्य की 82 ग्राम पंचायतों को यह पुरस्कार दिया जाना है।
इसके अलावा गंगानगर जिले की अनूपगढ़ एवं पदमपुर पंचायत समितियों में क्रमशः 11 एवं 13 ग्राम पंचायतों (पंचायत समिति में 10 से अधिक ग्राम पंचायत पुरस्कृत होने पर) के चयन होने पर प्रत्येक पंचायत समिति को 5 - 5 लाख रुपयों का पुरस्कार दिया जायेगा। इसी प्रकार 30 ग्राम पंचायतों से अधिक चयन होने पर गंगानगर जिला परिषद को 10 लाख रुपए पुरस्कार दिए जाएँगे।

विज्ञान क्लब योजना का नामकरण होगा राजीव गांधी विज्ञान क्लब योजना


मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़ी गतिविधियों को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने के उद्देश्य से राज्य के विद्यालयों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित विज्ञान क्लबों से संबंधित परियोजना का नामकरण "राजीव गांधी विज्ञान क्लब योजना" किए जाने की स्वीकृति दी है।
श्री गहलोत ने बजट घोषणा वर्ष 2011-12 में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में संचालित विज्ञान क्लबों की संख्या 2 हजार 222 से बढ़ा कर 5 हजार करने तथा इन क्लबों को दी जा रही वित्तीय सहायता 5 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने की घोषणा की थी। राज्य में विज्ञान क्लबों की स्थापना के लिए वित्त विभाग द्वारा 4.92 करोड़ रुपए के अतिरिक्त आवंटन की सहमति भी प्रदान कर दी है।

उद्योग एवं संवर्द्धन नीति के तहत 13 जिले अधिसूचित क्षेत्र में


राज्य सरकार ने राजस्थान उद्योग एवं संवर्धन नीति- 2010 के प्रावधान 2 टी के तहत 13 जिलों को अधिसूचित क्षेत्र घोषित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने उद्योग विभाग द्वारा प्रेषित इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
इसके अंतर्गत बांसवाड़ा , धौलपुर, चूरू, झालावाड़, जालौर, बाड़मेर, करौली, बारां, डूंगरपुर, दौसा, झुंझुंनू, सवाई माधोपुर एवं प्रतापगढ़ जिलों को अधिसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, 2010 के अन्तर्गत उद्यमों को 7 वर्ष के लिए अनुदान तथा कर छूट का लाभ दिया जाता है लेकिन अधिसूचित क्षेत्र में स्थापित सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यमों को अनुदान तथा कर छूट 10 वर्ष तक दिए जाने का प्रावधान है। इन 13 जिलों को उद्योग विभाग द्वारा अधिसूचित किए जाने की सहमति प्रदान कर दी गई है। इस पर वित्त विभाग द्वारा प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।

विजयन्त टैंक लगेगा जयपुर के क्वींस रोड़ तिराहे पर और चौक का नामकरण होगा जनरल जोरावर सिंह के नाम पर


दक्षिण-पश्चिम कमान के 61 सब एरिया की ओर से जयपुर के अजमेर रोड स्थित क्वींस रोड तिराहे पर विजयंत टैंक लगाया जाएगा। तिराहे का नाम जनरल जोरावर सिंह चौक रखा जाएगा। जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की ओर से अनुमति दिए जाने के बाद यहां टैंक स्थापित करने का काम प्रारंभ हो गया है। सेना के रक्षा प्रवक्ता के अनुसार टैंक का उद्घाटन की संभावित तिथि 15 अगस्त है। यह भारत का मुख्य लड़ाकू युद्धक टैंक है, जो पाक के साथ 1965 और 1971 के युद्ध में काम आया था। इसे सेना मुख्यालय दिल्ली ने दिया है।

दुनिया सबसे बड़ी ऐश ट्रे बनाई राजस्थान के अक्षत ने


राजस्थान के जयपुर के 18 वर्षीय अक्षत पाबूवाल ने दुनिया की सबसे बड़ी 'ऐश - ट्रे' का निर्माण कर अपना नाम गिनीज और लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया है। उन्होंने एंटी स्मोकिंग का संदेश देती इस ऐश - ट्रे को विश्व स्वास्थ्य संगठन के लोगो की प्रतिकृति के रूप में बनाया है, जिसका दिनांक 18 जुलाई को नई दिल्ली में इंडिया हेबिटेट सेंटर में प्रदर्शन किया गया।
यह ऐश ट्रे सफेद धातु और सोने की प्लेट से बनी है जिस पर सुंदर राजस्थानी मीनाकारी की गई है। 48 X 48 इंच लंबी और चौड़ी यह ट्रे 12 इंच ऊंची है।

बांसवाड़ा होगा राजस्थान का दूसरा परमाणु विद्युत केन्द्र


बाँसवाड़ा में माही नदी के निकट परमाणु बिजलीघर स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार के केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और राज्य सरकार से स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिससे यहाँ 1400 से 2000 मेगावाट क्षमता के परमाणु शक्ति गृह का निर्माण होगा। इस पर लगभग 16 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इन रिएक्टरों से प्रतिदिन लगभग 3.36 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।
बाँसवाड़ा के नापला क्षेत्र में बिजलीघर के लिए भूमि आरक्षित की गई है तथा माही डेम में 5 टीएमसी पानी भी आरक्षित किया हुआ है।
यहाँ सुपर क्रिटिकल थर्मल तकनीक आधारित 1320-1320 मेगावाट के तीन बड़े पॉवर प्लांट स्थापित करने का कार्य तीव्र गति से चल रहा है और इस ताजा स्वीकृति के मिलने के बाद बिजली उत्पादन की दिशा में बांसवाड़ा राज्य व केंद्र सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया है।
जिले में परमाणु विद्युत गृह का निर्माण न्यूक्लियर पावर कॉपरेरेशन लिमिटेड द्वारा होगा।
इस परमाणु बिजलीघर के संचालन के लिए बाँसवाड़ा जिले में मिले यूरेनियम के भंडार बहुत मददगार सिद्ध होने की भी उम्मीद है।

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