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राज्‍य में दत्तक ग्रहण कार्यक्रम-

किशोर न्‍याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2000 (2006 में संशोधित) के अध्‍याय 4 में दत्तक ग्रहण, देखरेख संवर्द्धन, प्रायोजन व देखरेख संगठन के माध्‍यम से बच्‍चों के पुनरूद्धार और सामाजिक पुनःएकीकरण सुनिश्चित किया गया है। इस क्रम में परित्‍यक्त/ अनाथ/ अभ्‍यर्पित शिशुओं/बच्‍चों को योग्‍य परिवार में पुनर्स्‍थापित करने के उद्देश्‍य से अधिनियम में दत्तक ग्रहण के लिए प्रावधान किए गए हैं। अधिनियम की धारा 41 में दत्तक ग्रहण के क्रियान्‍वयन हेतु निम्‍नानुसार दो अभिकरणों को सम्‍बद्ध करते हुए उनका दायित्‍व निर्धारण किया गया है :-

1. बाल कल्‍याण समिति -

अधिनियम में देखभाल व संरक्षण की आवश्‍यकताओं वाले बच्‍चों के प्रकरणों की सुनवाई व निपटान हेतु बाल कल्‍याण समिति का प्रावधान किया गया है, जिसमें एक अध्‍यक्ष व चार सदस्‍यों के पद पर अराजकीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का मनोनयन किया जाता है। बच्‍चों के दत्तक ग्रहण के लिए अधिनियम में बाल कल्‍याण समिति को दायित्‍व सौंपा गया है कि वह दत्तक ग्रहण में जाने योग्‍य बच्‍चों को अधिसूचित मार्गदर्शक सिद्धान्‍तों के अनुसार आवश्‍यक जांच/कार्यवाही पूर्ण कर "दत्तक ग्रहण के लिए विधिक रूप से स्‍वतंत्र " (Legally Free for Adoption) घोषित करें, ताकि दत्तक ग्रहण स्‍थापन एजेंसी सक्षम न्‍यायालय के आदेशों से बच्‍चों को योग्‍य परिवार में दत्तक ग्रहण के माध्‍यम से पुनर्स्‍थापित कर सकें।

2. दत्तक ग्रहण स्‍थापन एजेंसी -

परित्‍यक्त/ अनाथ/ अभ्‍यर्पित बच्‍चों के पालन-पोषण, चिकित्‍सा, देखभाल व दत्तक ग्रहण के माध्‍यम से परिवार में पुनर्स्‍थापना के उद्देश्‍य से अधिनियम की में दत्तक ग्रहण स्‍थापन एजेंसी का प्रावधान किया गया है, जहॉं इन बच्‍चों को रखने, भोजन, वस्‍त्र, चिकित्‍सा एवं मनोरंजन की निःशुल्‍क व्‍यवस्‍था की जाती है। इन संस्‍थाओं में आने वाले बच्‍चों को अधिनियम के अन्‍तर्गत दत्तक ग्रहण हेतु केन्‍द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा), नई दिल्‍ली (महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्‍वायत्त निकाय) द्वारा प्रसारित दिशा-निर्देशों के अनुसार दत्तक ग्रहण के माध्‍यम से योग्‍य परिवार में पुनर्स्‍थापित किया जाता है।

राजकीय शिशु गृह, जयपुर -

अनाथ, परित्‍यक्त, समर्पित बच्‍चों, अविवाहित माताओं के बच्‍चों तथा निराश्रित छोटे बच्‍चों की देखरेख के लिये राज्‍य में वर्तमान में राजकीय शिशुगृह जयपुर में संचालित हैं। इस शिशु गृह में आने वाले शिशुओं को विशेष हिफाजत के साथ सावधानी बरती जाकर उनके पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्‍यवस्‍था की जाती है।

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