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समसामयिक घटनाचक्र- 31 जुलाई को होगी राजस्थान की टेट (TET) परीक्षा

राजस्थान अध्यापक प्रवेश परीक्षा टेट आगामी 31 जुलाई को दो पारियों में आयोजित की जाएगी।
टेट परीक्षा की नोडल एजेंसी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सुभाष गर्ग के अनुसार राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ के आदेशों के पश्चात राज्य सरकार की सहमति से अध्यापक पात्रता परीक्षा की तिथि 31 जुलाई घोषित की गई है। इच्छुक अभ्यर्थी 22 जून से 30 जून तक आवेदन पत्र का ऑन लाइन पंजीयन करवा कर बैंक चालान जमा करा सकते हैं।
आवेदन पत्र एवं संबंधित दस्तावेज एक जुलाई तक संग्रहण केन्द्र पर जमा होंगे एवं वेब साइट से प्रवेश पत्र डाउन लोड कार्य 15 जुलाई से होगा। दो पारियों में आयोजित इस परीक्षा के लिए न्यायालय आदेशों के अनुरूप वाणिज्य संकाय के छात्र भी आवेदन कर सकेगे। ऎसे अभ्यर्थियों के लिए स्नातक स्तर पर न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक होने आवश्यक है। इस परीक्षा में जम्मू कश्मीर के अभ्यार्थियों पर भी न्यूनतम 45 प्रतिशत प्राप्तांक का बंधन अनिवार्य होगा एवं आरक्षित वर्ग के परीक्षार्थी न्यूनतम 40 प्रतिशत प्राप्तांक पर ही परीक्षा दे सकेंगे।

जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति माथुर का निधन-

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपति नवीन माथुर का दिनांक 21 जून को ह्दयाघात से निधन हो गया। माथुर को 20 जून की रात तकलीफ होने पर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन 21 जून सुबह उनका निधन हो गया। वह 67 वर्ष के थे। उन्होंने करीब डेढ वर्ष पूर्व ही इस विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार ग्रहण किया था।

अजमेर जेल में बंद पाक वैज्ञानिक चिश्ती की रिहाई का मामला टला

हत्या के आरोप में अजमेर जेल में बंद पाकिस्तान के माइक्रोबायोलॉजिस्ट मोहम्मद खलील चिश्ती की सजा माफ करने की दया याचिका का मामला राज्यपाल शिवराज पाटिल के पास भेजा गया था जिस पर फैसला फिलहाल टल गया है। उन्होंने इस मामले पर चर्चा के लिए राज्य के गृह विभाग के प्रमुख अफसरों को इस मामले पर चर्चा के लिए 21 जून को बुलवाया तथा गृह विभाग से इस मामले पर कुछ और बिंदुओं पर स्पष्टीकरण माँगा। इस याचिका पर निर्णय अब गृह विभाग की रिपोर्ट आने पर होगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 जून को ही चिश्ती की मानवीय आधार पर सजा माफ करने के लिए राज्यपाल को सिफारिश की थी। 80 वर्षीय चिश्ती को 19 साल पूर्व अजमेर अपने भाई से मिलने आए थे और इस दौरान उनके भाई का उसके पड़ोसी से झगड़ा हो गया जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। चिश्ती का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था। 19 वर्ष पुराने हत्या के इस मामले में पिछले वर्ष उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अभी वे अजमेर जेल में बंद हैं।

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Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...

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हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

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