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समसामयिक घटनाचक्र

कोटा में खुलेगा ट्रिपल आई टी-

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी ( आईआईआईटी अथवा ट्रिपल आईटी ) की स्थापना एजुकेशन सिटी कोटा में प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप- पीपीपी के अंतर्गत की जाएगी। राष्ट्रीय स्तर के इस संस्थान को कोटा में खोले जाने की घोषणा पिछले दिनों राज्य सरकार द्वारा की गई।
यह राज्य की पहली ट्रिपल आईटी पीपीपी होगी तथा इसे न लाभ-न-हानि आधार पर संचालित किया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार से 50 प्रतिशत, राज्य सरकार से 35 प्रतिशत और किसी प्राइवेट उद्योग समूह से 15 प्रतिशत निवेश होगा। राज्य सरकार की ओर से निशुल्क जमीन के अलावा भवन, लैब व उपकरणों के लिए 85 प्रतिशत मदद मिलेगी। बाद में स्टाफ नियुक्त करने और संचालित करने की जिम्मेदारी उद्योग समूह की होगी।

वैधानिक प्रक्रिया पूरी न हो पाने से नहीं खुली शेखावाटी यूनिवर्सिटी-

शेखावाटी विश्वविद्यालय खोलने के मामले में सरकार ने हाल ही में विधानसभा में कहा है कि वैधानिक प्रक्रिया पूरी होने पर ही यह यूनिवर्सिटी खोली जाएगी। गौरतलब है कि इस यूनिवर्सिटी को खोलने की घोषणा पिछली भाजपा सरकार ने अपने बजट भाषण में 17 मार्च 2008 को की थी। उस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा था कि शेखावाटी यूनिवर्सिटी अगले वित्तीय वर्ष अर्थात वर्ष 2009 में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त संस्थाओं के साथ संयुक्त रूप से स्थापित की जाएगी। लेकिन तीन साल गुजरने के बावजूद भी यह यूनिवर्सिटी शुरू नहीं हो पाई है। इस यूनिवर्सिटी के लिए ओएसडी की नियुक्ति सहित भूमि चिह्न्ति करने की कार्रवाई शुरू हो गई है।

विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में भी विशेष पिछड़ा वर्ग को एक प्रतिशत आरक्षण

राजस्थान में विशेष पिछड़ा वर्ग को अब सरकारी नौकरियों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में भी व्याख्याताओं, अधिकारियों और अन्य पदों की भर्ती में भी एक प्रतिशत आरक्षण दे दिया है। राज्य विधानसभा ने अध्यादेश के स्थान पर इस संबंध में लाया गया संशोधन विधेयक 22 मार्च को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
गौर तलब है कि गुर्जर आंदोलन के पश्चात हुए समझौते के तहत राज्य सरकार ने पिछले दिनों गुर्जर, रैबारी, बंजारा और गाड़िया लुहार जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग घोषित कर सरकारी नौकरियों में 1 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी।

अब प्राइवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों को प्रवेश अनिवार्य हुआ

राज्य की निजी क्षेत्र की स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर गरीबों के बच्चों को प्रवेश एवं शिक्षा देना अनिवार्य हो गया है। यह प्रावधान राजस्थान निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 के प्रारूप में शामिल किया गया है। राज्य मंत्रिमंडल के कैबिनेट की 22 मार्च को हुई बैठक में नियम के प्रारूप को मंजूरी दे दी गई है। ये नियम केंद्र सरकार के लागू किए गए निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 को राज्य में क्रियान्वित करने के लिए बनाए गए हैं। इन नियमों के अधीन राज्य सरकार बालकों के अधिकारों के संरक्षण के लिए एक राज्य सलाहकार परिषद का गठन करेगी। जिसके अध्यक्ष शिक्षामंत्री होंगे।

नियम की अन्य प्रमुख बातें-

> छ: से चौदह आयु वर्ग के सभी बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा। किसी प्रकार की फीस का प्रावधान नहीं।

> सरकार को एक किमी के अंदर प्राथमिक विद्यालय और दो किमी के अंदर उच्च प्राथमिक विद्यालय खोलना होगा।

> कभी स्कूल से नहीं जुड़े या बीच में स्कूल छोड़ चुके बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार कक्षा के अन्य बालकों के साथ में प्रवेश। इस विद्यार्थी को अन्य बालकों के समान शैक्षिक स्तर पर लाने का दायित्व विद्यालय का होगा।

>अन्य स्कूल में प्रवेश लेने हेतु टीसी तुरंत जारी करना आवश्यक।

> आठवीं तक किसी भी बालक को किसी भी प्रकार से फैल नहीं किया जाएगा एवं न ही स्कूल से निकाला जा सकेगा। किसी भी प्रकार की प्रताड़ना निषेध।

> पाठ्यक्रम पूरा कराना एवं बालकों के शैक्षिक स्तर का उन्नयन शिक्षकों का दायित्व।

> प्रवेश के लिए जन्म या जन्मतिथि प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त।

> सभी बच्चों को अनिवार्य एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व।

इसके साथ ही कैबिनेट द्वारा ऊर्जा संरक्षण भवन दिशा निर्देशों से संबंधित अधिसूचना को भी अनुमोदित किया गया और वाद करण नीति को भी मंजूरी दी गई।

क्या है वाद करण नीति:

राजस्थान राज्य के वाद करण के संपादन, निर्देशन और निस्तारण के लिए वाद करण नीति को 22 मार्च को भी केबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई है। इस नीति के अनुमोदन से राज्य में वाद करण के प्रभावी संपादन, गुणात्मक सुधार के साथ साथ त्वरित एवं सहज न्याय के उद्देश्यों की प्राप्ति होगी। साथ ही अनावश्यक वाद करण का भार कम होगा, आवश्यक प्रकरणों में प्रभावी पैरवी, काम में पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ने के साथ साथ राज्य के वाद करण का व्यवस्थित स्वरूप सामने आएगा तथा इससे बजट घोषणाओं का क्रियान्वयन हो सकेगा।

जयपुर में भूकंप के झटके-

दिल्ली एनसीआर, जयपुर सहित उत्तर भारत में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.7 थी। इसमें किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है। भूकंप का केंद्र हिन्दकुश क्षेत्र में 36.5 डिग्री के उत्तरी अक्षांश और 17.9 डिग्री के पूर्वी देशांतर पर था। इसका असर मध्यम था। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार जम्मू व श्रीनगर और उसके आसपास के इलाकों में शाम 3.19 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके अलावा भूकंप के झटके शिमला, कांगडा, चंबा जिलों में भी आए।

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