Skip to main content

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज -
5 मार्च 2011

1. रैदास की छतरियां कहाँ स्थित है?

उत्तर - चित्तौड़गढ़ में

2. पीतल का बना हुआ वह कौनसा सुषिर वाद्य है जो सरगड़ों का खानदानी वाद्य भी है?

उत्तर - बाँकली

3. मीरा बाई के पति का नाम क्या था?

उत्तर - भोज राज

4. किस हिन्दू राजा को अभिनव भरताचार्य, हिन्दू सुरताण आदि उपाधियों से जाना जाता है?

उत्तर - राणा कुम्भा को

5. राजस्थान के किस राजा ने संगीतराज, संगीत मीमांसा ग्रन्थ और गीत गोविंद पर रसिक प्रिया नामक टीका लिखी थी।

उत्तर - राणा कुम्भा ने

6. राजस्थान के किस क्षेत्र का प्राचीननाम शिवि, प्राग्वाट, मेदपाट आदि भी था?

उत्तर - मेवाड़ का

7. झुंझुनुँ जिले में कृष्ण जन्माष्टमी पर लगने वाले मेले का नाम क्या है?

उत्तर - नरहड़ का मेला या शक्कर बाबा की दरगाह का मेला

8. पृथ्वीराज राठौड़ द्वारा लिखित किस पुस्तक को पांचवाँ वेद कहा जाता है?

वेलिक्रसन रूक्मणी री

9. वीर भाण द्वारा रचित किस ग्रंथ में मुगल सेना के विरुद्ध राठौड़ों द्वारा लड़े गए युद्ध का वर्णन है?
उत्तर - राजरूपक में
10. ’मारवाड रा परगना री विगत‘ पुस्तक के लेखक कौन थे?
उत्तर - मुहणोत नैणसी

11. किन क्षेत्रों के 1 नवम्बर, 1956 को राजस्थान में विलय के बाद राजस्थान का एकीकरण सम्पन्न हुआ।

उत्तर - आबू दिलवाड़ा, सुनेल टप्पा व अजमेर मेरवाड़ा क्षेत्र के

12. स्वाधीनता आंदोलन के समय लिखे गए पंछीड़ा गीत के रचनाकार कौन थे?

उत्तर - माणिक्य लाल वर्मा

13. हटूंडी अजमेर में गाँधी आश्रम की स्थापना किसने की थी?

उत्तर - हरिभाऊ उपाध्याय ने

14. भीलों व गरासियों के एकी आंदोलन के प्रणेता एवं स्वाधीनता सेनानी मोतीलाल तेजावत को आदिवासी लोग किस नाम से पुकारते थे?

उत्तर - बावजी से

15. राजस्थान के किस स्वाधीनता सेनानी ने 1912 में दिल्ली के चाँदनी चौक में लार्ड हॉर्डिंग्ज पर बम फेंका था ?

उत्तर - जोरावर सिंह बारहठ ने

16. सन् 1926 में चलाए गए बूंदी किसान आंदोलन का नेतृत्व किसके द्वारा किया गया जिसमें नानकजी भील की डाबी नामक स्थान पर पुलिस की गोली लगने से मृत्यु हो गई थी?

उत्तर - नयनूराम शर्मा

17. विजय सिंह पथिक ने बिजोलिया किसान आंदोलन के दौरान 1917 में किस संगठन की स्थापना की थी?

उत्तर - उपरमाल पंच बोर्ड की स्थापना

18. साधु सीताराम दास ने किस आंदोलन को संगठित रूप प्रदान किया था?

उत्तर - बिजोलिया किसान आंदोलन को

19. राजस्थान का नरायणा गाँव किस पंथ का प्रमुख केन्द्र है?

उत्तर - दादू पंथ का

20. सती प्रथा पर रोक लगाने वाली राजस्थान की पहली रियासत कौनसी थी?

उत्तर - बूँदी

Comments

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋतु के बाद मराठों के विरूद्ध क

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली