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राजस्थान के प्रमुख दर्शनीय स्थल-






1. हवामहल - जयपुर

2. जंतर मंतर - जयपुर

3. गलता जी - जयपुर

4. जसवंत थड़ा - जोधपुर

5. पटवों की हवेली - जैसलमेर

6. सालिम सिंह की हवेली - जैसलमेर

7. रामगढ़ की हवेलियां - जैसलमेर

8. नथमल की हवेली - जैसलमेर

9. चौरासी खंभों की छतरी - बूँदी

10. रानी जी की बावड़ी - बूँदी

12. क्षार बाग की छतरियाँ - बूँदी

13. स्वर्ण या सुनहरी कोठी - टौंक

14. विजय स्तम्भ - चित्तौड़

15. कीर्ति स्तम्भ - चित्तौड़

16. सूर्य मंदिर - झालावाड़

17. ढाई दिन का झोंपड़ा - अजमेर

18. जल महल - जयपुर, डीग व उदयपुर

19. अरथूना के प्राचीन मंदिर - बाँसवाड़ा

20. भांडासर जैन मंदिर - बीकानेर

21. गैप सागर - डूंगरपुर

22. बिड़ला तारामंडल - जयपुर

23. कोलवी की गुफाएँ - झालावाड़

24. उम्मेद भवन - जोधपुर

25. मंडोर - जोधपुर

26. भंड देवरा मंदिर - कोटा

27. सज्जनगढ़ - उदयपुर

28. आहड़ संग्रहालय - उदयपुर

29. हर्ष मंदिर - सीकर

30. द्वारकाधीश मंदिर - कांकरोली राजसमंद

31. आभानेरी मंदिर - दौसा

32. सच्चिया माता मंदिर - ओसियां जोधपुर

33. रानी पद्मनी महल - चित्तौड़गढ़

34. सहेलियों की बाड़ी - उदयपुर

35. कुंभलगढ़ - केलवाड़ा राजसमंद

36. ब्रह्मा मंदिर - पुष्कर

37. देव सोमनाथ मंदिर- डूंगरपुर

38. फखरुद्दीन की दरगाह -  गलियाकोट, डूंगरपुर

39. आमेर किला - आमेर, जयपुर

40. रणकपुर जैन मंदिर - सादड़ी, पाली

41. सांवलिया जी मंदिर - मंडफिया, चित्तौड़गढ़

42. सास-बहू के प्राचीन मंदिर ( प्राचीन नागदा राज्य के मंदिर) -  कैलाशपुरी, उदयपुर

43. जगत के प्राचीन मंदिर - जगत गाँव उदयपुर

44. श्रीनाथजी मंदिर - नाथद्वारा, राजसमंद

45. मीरा बाई का मंदिर - मेड़तासिटी, नागौर

46. बाबा रामदेव मंदिर - पोकरण के पास रामदेवरा, जैसलमेर

47. नाकोड़ा पार्श्वनाथ मंदिर - बालोत्तरा के पास, जिला बाड़मेर

48. दिलवाड़ा जैन मंदिर - माउंट आबू

49. सालासर बालाजी - सालासर, चुरू

50. खाटू श्यामजी - खाटू गाँव सीकर

51. सोनीजी की नसियाँ- अजमेर






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Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋतु के बाद मराठों के विरूद्ध क

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
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