Skip to main content

Posts

Vedic Period - Early Vedic Society वैदिक काल- प्रारम्भिक वैदिक समाज

प्रारम्भिक वैदिक समाज Vedic Period - Early Vedic Society प्रारम्भिक वैदिक समाज कबीलाई समाज था तथा वह जातीय एवं पारिवारिक संबंधों पर आधारित था। प्रारम्भिक वैदिक समाज जाति के आधार पर विभाजित नहीं था एवं विभिन्न व्यावसायिक समूह अर्थात् मुखिया, पुरोहित, कारीगर आदि एक ही जन समुदाय के हिस्से थे। प्रारम्भिक वैदिक समाज में कबीले के लिए ‘जन’’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता था और ऋग्वेद में विभिन्न जन का उल्लेख है। विभिन्न कबीलों में पारस्परिक संघर्ष सामान्य थे, जैसे ऋग्वेद में ‘‘दशराज युद्ध’’ का वर्णन हुआ है और इसी युद्ध के वर्णन से हमें कुछ कबीलों के नाम प्राप्त होते हैं जैसे भरत, पुरु, यदु, द्रहयु, अनू और तुरवासू। प्रारम्भिक वैदिक समाज में कबीलों के युद्ध जैसे कि पहले भी कहा गया है पशुओं के अपरहय एवं पशुओं की चोरी को लेकर होते रहते थे। ‘‘राजा’’ या ‘‘गोपति’’- कबीले का मुखिया ‘‘राजा’’ या ‘‘गोपति’’ होता था। वह युद्ध में नेता तथा कबीले का रक्षक था। ‘‘राजा’’ या ‘‘गोपति’’ का पद अन्य व्यावसायिक समूहों की भांति ही पैतृक नहीं था बल्कि उसका जन के सदस्यों में से चुनाव होता था। ‘राजन्य’- योद्धा को ‘राजन्य’ क

Why is world Wetland Day celebrated on 2nd February | 2 फरवरी को क्यों मनाया जाता है विश्व आर्द्रभूमि दिवस

Why is world Wetland Day celebrated on 2nd February 2 फरवरी को क्यों मनाया जाता है विश्व आर्द्रभूमि दिवस विश्व आर्द्रभूमि दिवस के बारे में वर्ष 1971 में अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड्स अर्थात आर्द्र  भूमि पर रामसर कन्वेंशन (Ramsar Convention on Wetlands) पर हस्ताक्षर करने के उपलक्ष्य में हर वर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस  (World Wetland Day) जाता है। 1971 में ईरान के रामसर Ramsar में रामसर संधि पत्र (Ramsar Treaty) पर हस्ताक्षर के अनुबंध करने वाले पक्षों में से भारत एक है। भारत ने 1 फरवरी , 1982 को इस पर हस्ताक्षर किए।  1982 से 2013 के दौरान , रामसर स्‍थलों की सूची में कुल 26 स्‍थलों को जोड़ा गया , हालांकि , इस दौरान 2014 से 2022 तक , देश ने रामसर स्थलों की सूची में 49 नई आर्द्रभूमि जोड़ी हैं। रामसर प्रमाण पत्र में अंकित स्‍थल की तिथि के आधार पर इस वर्ष (2022) के लिए 19 स्‍थल और पिछले वर्ष (2021) के लिए 14 स्‍थल हैं। रामसर स्थलों की अधिकतम संख्या तमिलनाडु में है (रामसर स्थलों की संख्या - 14) , इसके पश्‍चात उत्‍तर प्रदेश में रामसर के 10 स्थल हैं। भारत 1982 से इस कन्वेंशन

National Gopal Ratna Awards -2022 - राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2022

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार (National Gopal Ratna Awards) पशुधन और डेयरी क्षेत्र के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है। भारत की स्वदेशी गोजातीय नस्लें काफी पुष्ट हैं और ये देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आनुवंशिक क्षमता रखती हैं।   यह भारत सरकार के मत्स्यपालन , पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा दिया जाता है ।   देश में पहली बार "राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission - RGM)" दिसंबर 2014 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य स्वदेशी गोजातीय नस्लों को वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित तथा विकसित करना था। पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission - RGM) के तहत, दुग्ध उत्पादक किसानों और इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों तथा दुग्ध उत्पादकों को बाजार तक सुलभ पहुंच प्रदान करने वाली डेयरी सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से निम्नलिखित श्रेणियों में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार (National Gopal Ratna Awards) प्र

Ministry of Culture Year End Review 2022 संस्कृति मंत्रालय वर्षांत समीक्षा 2022

आज़ादी का अमृत महोत्सव:   आज़ादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) भारत की आजादी के 75 वर्ष और यहां के लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का जश्‍न मनाने और उसका स्‍मरण करने की भारत सरकार की एक पहल है। आजादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को शुरू हुई, जिसने हमारी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75 सप्ताह की उलटी गिनती शुरू की और यह अगले वर्ष 15 अगस्त 2023 को समाप्त होगी। एकेएएम के पांच स्तंभ हैं-  स्वतंत्रता संग्राम,  75 वर्ष पर कल्‍पनाएं,  75 वर्ष पर उपलब्धियां,  75 वर्ष के कार्य और  75 वर्ष पर संकल्प। एकेएएम के तहत 136000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें हर घर तिरंगा, वंदेभारतम, कलांजलि जैसे कई बड़े कार्यक्रम शामिल हैं। प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल, 2022 को 'प्रधानमंत्री संग्रहालय' का उद्घाटन किया। आज़ादी का अमृत महोत्सव जश्‍न के दौरान संग्रहालय का उद्घाटन किया गया, जो देश के प्रधानमंत्रियों के जीवन और योगदान के माध्यम से स्वतंत्रता के बाद भारत की कहानी बताता है। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की य

Achievements of the Department of Space in last 8 years अंतरिक्ष विभाग की प्रमुख उपलब्धियाँ पिछले 8 वर्षों में :

अंतरिक्ष विभाग की पिछले 8 वर्षों में प्रमुख उपलब्धियाँ: Achievements of the Department of Space in 8 years वर्ष 2014 से –20 दिसंबर 2022 तक अंतरिक्ष विभाग की प्रमुख उपलब्धियाँ: Space achievements of india in last 8 Years Achievements of the Department of Space in 8 years Space achievements of india in last 8 Years Space achievements of india india space achievements upsc पिछले 8 वर्षों में प्रमुख मिशन:  वर्ष 2014 से अब तक कुल मिलाकर 44 अंतरिक्ष यान मिशन, 42 प्रक्षेपण यान मिशन और 5 प्रौद्योगिकी प्रदर्शक सफलतापूर्वक पूरे किये गए हैं।     चंद्रयान-2 मिशन :     22 जुलाई , 2019 को चंद्रमा के लिए भारत का दूसरा मिशन चंद्रयान-2 को जीएसएलवी एमके III- एम 1 के माध्यम से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। यह अनुसंधान समुदाय के लिये महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक डेटा प्रदान कर रहा है।  50 वाँ PSLV प्रक्षेपण:     दिसंबर 2019 में PSLV-C48/RISAT-22BR1 का प्रक्षेपण वर्कहॉर्स लॉन्च वाहन PSLV का 50वाँ प्रक्षेपण था। RISAT-2BR1 सीमा पर चौबीसों घंटे निगरानी कर घुसपैठ पर रोक लगाएगा।   इसरो सिस्टम फॉर सेफ एंड सस्टेनेब