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Pakhavaj Vadan in Nathdwara - नाथद्वारा में पखावज वादन की परम्परा

  नाथद्वारा में पखावज वादन की परम्परा नाथद्वारा के श्रीनाथजी के मंदिर में पखावज वादन की परंपरा का महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ की यह वादन प्रणाली परम्परागत रूप से कई वर्षों से चली आ रही  है, जो अब तक भी मंदिर में विद्यमान है। बताया जाता है कि राजस्थान के केकटखेड़ा ग्राम में कुछ उपद्रव हो जाने से अव्यवस्था उत्पन्न हो गई थी, इस कारण वहाँ के कुछ लोग उस स्थान को छोड़कर जंगलों की ओर चले गए। इनमें नाथद्वारा की पखावज परम्परा से सम्बन्धित तीन आपस में भाई श्री  तुलसीदास  जी,  श्री  नरसिंह  दास  जी  और  श्री  हालू  जी का नाम विशेष रूप से आता है।   ये तीनों भाई जंगलों में भ्रमण करते रहे तथा भक्ति में लीन हो गये। कहा जाता है कि भक्ति मार्ग से इन्हें संगीत की शक्ति प्राप्त हुई। इस तरह उन तीनों भाईयों का झुकाव संगीत की ओर हो गया। इनमें से दो भाईयों श्री तुलसीदास जी व नरसिंह दास जी की कोई संतान नहीं थी तथा तीसरे भाई हालू जी से ही आगे का वंश चला, जो आज भी पखावज परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। वह लौटकर आमेर आये और वहीं उन्होने निवास किया। श्री हालू जी के दो पुत्र हुए श्री स्वामी जी और श्री छबील दास जी। दूसरे

US India Artificial Intelligence (USIAI) Initiative launched | अमेरिकी भारतीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (यूएसआईएआई) पहल लॉन्च

अमेरिकी भारतीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (यूएसआईएआई) पहल लॉन्च विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने भारतीय-अमेरिकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम के अमेरिकी भारतीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (यूएसआईएआई) पहल के लॉन्च के दौरान दोनों देशों की समस्याओं के समाधान और प्रगति में बाधाओं को दूर करने के लिए भारत व अमेरिका के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के संबंधों को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। 17 मार्च 2021 को भारतीय-अमेरिकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम (आईयूएसएसटीएफ) द्वारा आयोजित लॉन्च कार्यक्रम के लोकार्पण में प्रोफेसर शर्मा ने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) भविष्य में प्रमुख भूमिका निभा सकती है। हमने भारत में विकास की बाधाओं को पहचान लिया है जो अमेरिका के लिए भी उपयोगी हो सकती है।” आईयूएसएसटीएफ एक द्विदेशीय संगठन है जिसका वित्त पोषण भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और अमेरिकी राज्य विभाग द्वारा किया जाता है।

Power Minister Shri R K Singh launches GRAM UJALA in Bihar | ग्राम उजाला कार्यक्रम की शुरुआत

विद्युत मंत्री ने की ग्राम उजाला कार्यक्रम की शुरुआत -   कार्यशील पुराने तापदीप्त बल्बों के बदले प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 10 रुपये में मिलेंगे एलईडी बल्ब  केंद्रीय विद्युत मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर के सिंह ने आज 19 मार्च को बिहार के आरा में आयोजित एक वर्चुअल समारोह में ग्राम उजाला कार्यक्रम की शुरुआत की। अभी भी हमारी ग्रामीण आबादी छूट वाली सस्ती एलईडी का खर्च उठाने में असमर्थ है। इसके चलते ही भारत सरकार ने अब ग्राम उजाला- ग्रामीण भारत के लिए अनुकूल कार्यक्रम बनाया है, जो विशिष्ट और अभिनव रूप से कार्बन वित्त पर आधारित है। इस कार्यक्रम में कार्यशील पुराने तापदीप्त बल्बों के बदले प्रत्येक ग्रामीण परिवार के लिए केवल 10 रुपये में एलईडी उपलब्ध होंगे। प्रत्येक परिवार को अधिकतम पांच एलईडी बल्ब मिलेंगें। ग्राम उजाला कार्यक्रम का भारत की जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम की कार्रवाई पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। अगर भारत में सभी 30 करोड़ बल्बों को बदल दिया जाए तो प्रत्येक साल 40,743 मिलियन किलोवाट ऊर्जा की बचत होगी। वहीं 22,743 मेगावाट/वर्ष की चरम मांग से बचा जा सकेगा और प्रति वर्ष 370 लाख टन

INDO-UZBEKISTAN FIELD TRAINING EXERCISE 'DUSTLIK' CULMINATES IN RANIKHET(UTTARAKHAND) | भारत-उज्बेकिस्तान प्रशिक्षण युद्धाभ्यास 'डस्टलिक' का समापन

रानीखेत (उत्तराखंड) में भारत-उज्बेकिस्तान प्रशिक्षण युद्धाभ्यास 'डस्टलिक' का समापन INDO-UZBEKISTAN FIELD TRAINING EXERCISE 'DUSTLIK' CULMINATES IN RANIKHET(UTTARAKHAND) 1. परस्पर 10 दिन चले आपसी अभ्यास के बाद भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त क्षेत्र प्रशिक्षण युद्धाभ्यास डस्टलिक के दूसरे संस्करण का शुक्रवार, 19 मार्च 2021 को समापन हुआ । 2. 10 मार्च, 2021 को शुरू हुए संयुक्त अभ्यास में ज़ोर शहरी परिदृश्य में उग्रवाद/आतंकवाद विरोधी अभियानों पर होने के साथ-साथ हथियारों के कौशल पर विशेषज्ञता साझा करने पर केंद्रित था। इस अभ्यास ने दोनों सेनाओं के सैनिकों को स्थायी पेशेवर और सामाजिक संबंधों को बढ़ावा देने का अवसर भी प्रदान किया । 3. गहन सैन्य प्रशिक्षण के बाद दोनों सेनाओं के संयुक्त अभ्यास का समापन हुआ, दोनों देशों की सेना इस अभ्यास के दौरान आतंकवादी समूहों पर अपनी युद्ध शक्ति और प्रभुत्व क

What is Energy Swaraj Yatra क्या है ऊर्जा स्वराज यात्रा

What is Energy Swaraj Yatra क्या है ऊर्जा स्वराज यात्रा यह यात्रा सौर ऊर्जा अपनाने को जन आंदोलन बनाने के मिशन के लिए प्रतिबद्ध आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर डॉ. चेतन सिंह सोलंकी ने प्रारंभ की है । यह यात्रा एक ऐसी बस में की जा रही है जिसके भीतर सौर ऊर्जा से हर कार्य किया जाता है और इसमें दफ्तर तथा घर की हर सुविधा दी गई है। बस में सोने, काम करने, खाना पकाने, नहाने, बैठक और प्रशिक्षण सहित सभी दैनिक गतिविधियां करने की सुविधा है।  बस में 3.2 किलोवाट का सौर पैनल और 6 किलोवाट की बैटरी स्टोरेज स्थापित किया गया है। ऊर्जा स्वराज यात्रा वर्ष 2020 में 26 नवंबर को शुरू हुई थी और 2030 तक जारी रहेगी अर्थात यह यात्रा लगभग 11 साल चलेगी। इस यात्रा पर सौर गांधी के नाम से मशहूर प्रोफेसर चेतन सोलंकी रवाना हुए थे, जो देशभर में सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। गौरतलब है कि सोलंकी को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सौर ऊर्जा के लिए प्रदेश के सौर ऊर्जा के ब्रांड एम्बेसडर से सम्मानित किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने दिनांक 19 MARCH अपने निवास से अपने कार्यालय तक ऊर्ज

Announcements of Chief Minister Mr. Ashok Gehlot on the discussion on Finance and Appropriation Bill, Budget 2020-21 बजट 2020-21 वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की घोषणाएं

बजट 2020-21 वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की घोषणाएं: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य: 1. मेरे द्वारा दिनांक 24 फरवरी, 2021 को आगामी वर्ष का बजट प्रस्तुत करते समय प्रदेश में Universal Health Scheme लागू करने की घोषणा की गई थी, जिसका प्रदेशभर में स्वागत हो रहा है। इसका नामकरण ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना’ करते हुए मजदूर दिवस 1 मई, 2021 से लागू कर प्रदेश के समस्त परिवारों को 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक केशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवायी जायेगी। इस योजना के अंतर्गत 1 अप्रेल, 2021 से वर्तमान में पात्र (NFSA/SECC) लाभार्थियों के अतिरिक्त शेष परिवारों का रजिस्ट्रेशन प्रारंभ किया जायेगा। 2. प्रदेश के दूरस्थ इलाकों तक चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार हेतु local entrepreneurs को जोड़ते हुए, उप स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर tele-consultation OPD सेवायें प्रदान की जायेंगी। 3. प्रदेश के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, झालावाड़, बारां व भरतपुर के दूरस्थ क्षेत्रों में चयनित खण्डों पर मातृत्व संबंधी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध

Indian Naval Landing Craft Utility L58 Commissioned at Port Blair | भारतीय नौसेना लैंडिंग क्राफ्ट युटिलिटी एल-58 की हुई कमीशनिंग

भारतीय नौसेना लैंडिंग क्राफ्ट युटिलिटी एल-58 की हुई कमीशनिंग  Indian Naval Landing Craft Utility L58 Commissioned at Port Blair लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी (LCU) मार्क चतुर्थ श्रेणी के आठवें और अंतिम जहाज ''इंडियन नेवल लैंडिंग क्राफ्ट युटिलिटी (एलसीयू) एल-58'' को दिनांक 18 मार्च, 2021 को पोर्ट ब्लेयर, अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह में भारतीय नौसेना में कमीशन प्रदान किया गया। इस जहाज में पांच अधिकारियों और 50 नाविकों की एक उत्साहित टीम तैनात है। एलसीयू 58 एक उभयचर जहाज है जो अपने चालक दल के अलावा 160 सैनिकों को ले जा सकता है।  900 टन की भारवहन क्षमता के साथ यह जहाज विभिन्न प्रकार के लड़ाकू वाहनों जैसे मुख्य युद्धक टैंक ( Main Battle Tanks - MBTs ), बीएमएसपी , बख्तरबंद वाहन और ट्रक आदि ले जाने में सक्षम है ।  जहाज की लंबाई 63 मीटर है और इसमें दो MTA 4000 सीरीज इंजन लगे हैं जो जहाज को 15 नॉट (28 किमी प्रति घंटे) तक की गति से पहुंचाने में सक्षम हैं।  इस जहाज में दुश्मन के रडार ट्रांसमिशन को भेदने में सक्षम अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेज़र लगा है   साथ ही