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राजस्थान का नामकरण-

राजस्थान का नामकरण- वर्तमान राजस्थान के लिए पहले किसी एक नाम का प्रयोग नहीं मिलता है। इसके भिन्न-भिन्न क्षेत्र अलग-अलग नामों से जाने जाते थे।  वर्तमान बीकानेर और जोधपुर का क्षेत्र महाभारत काल मे ‘जांगल देश’ कहलाता था। इसी कारण बीकानेर के राजा स्वयं को ‘जंगलधर बादशाह’कहते थे।  जांगल देश का निकटवर्ती भाग सपादलक्ष (वर्तमान अजमेर और नागौर का मध्य भाग) कहलाता था, जिस पर चौहानों का अधिकार था।  अलवर राज्य का उत्तरी भाग कुरु देश , दक्षिणी और पश्चिमी मत्स्य देश और पूर्वी भाग शूरसेन देश के अन्तर्गत था।  भरतपुर और धौलपुर राज्य तथा करौली राज्य का अधिकांश भाग शूरसेन देश के अन्तर्गत थे। शूरसेन राज्य की राजधानी मथुरा, मत्स्य राज्य की विराटनगर और कुरु राज्य की इन्द्रप्रस्थ थी।  उदयपुर राज्य का प्राचीन नाम ‘ शिवि ’ था, जिसकी राजधानी ‘ मध्यमिका ’ थी। आजकल ‘ मध्यमिका ’ ( मज्झमिका ) को “ नगरी ” कहते हैं। यहाँ पर मेव जाति का अधिकार रहा, जिस कारण इसे मेदपाट अथवा प्राग्वाट भी कहा जाने लगा।  डूँगरपुर, बाँसवाड़ा के प्रदेश को वागड़ कहते थे।  जोधपुर के राज्य को मरु अथवा मारवाड़ कहा जाता था। जोधपुर

***राजस्थान साहित्य अकादमी के वर्ष 2012-13 के पुरस्कार***

राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर द्वारा शनिवार 24 मार्च 2013 को वर्ष 2012-13 के विभिन्न पुरस्कारों की घोषणा की गई। ये इस प्रकार हैं- 1. सर्वोच्च मीरा पुरस्कार- भवानी सिंह(जयपुर) को उनकी कथाकृति "मांणस तथा अन्य कहानियों" पर। पुरस्कार स्वरूप 75 हजार रूपए व प्रशस्ति-पत्र। 2. "देवराज उपाध्याय" पुरस्कार- डॉ. रेणु शाह (जोधपुर) को उनकी कृति "साहित्यालोचन : विविध रंग" पर। 3. कन्हैयालाल सहल पुरस्कार-  कोटा के डॉ. अतुल चतुर्वेदी को व्यंग्य कृति "घोषणाओं का वसंत" पर। 4. मरूधर मृदुल युवा लेखन पुरस्कार- अंजीव अंजुम (दौसा) को लघुकथा कृति "समझौता" पर। 5. विजयसिंह पथिक साहित्यिक पत्रकारिता एवं रचनात्मक पुरस्कार- ईशमधु तलवार (जयपुर) को। 6. कविता विधा का 'सुधीन्द्र' पुरस्कार- हरीश करमचन्दानी (जयपुर) को काव्यकृति "समय कैसा भी हो" पर । 7. 'रांगेय राघव' पुरस्कार- सावित्री रांका (जयपुर) को कथाकृति "पन्ने जिन्दगी के" पर। 8. 'डॉ. आलम शाह खान अनुवाद पुरस्कार'-  इंदु शर्मा (जयपुर) को उनकी अनुदित

राजस्थान सामान्य ज्ञान-
***राजस्थान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें***

* पाली नगर बांडी नदी के किनारे स्थित है।  * माही नदी को " वागड़ की गंगा" कहते हैं। यह डूंगरपुर तथा बाँसवाड़ा के मध्य सीमा बनाती है। * सोम नदी उदयपुर तथा डूंगरपुर के बीच सीमा बनाती है।  * चर्मण्वती और कामधेनू चंबल नदी को कहते हैं।  * रूपारेल नदी को वराह नदी भी कहा जाता है।  * बनास नदी को वन की आशा भी कहते हैं।  * हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी के पाट को नाली कहते हैं।  * घग्घर नदी को मृत नदी के नाम से भी जाना जाता है। * चंबल नदी द्वारा निर्मित 100 किमी लंबा गार्ज (महाखड्ड) भैंसरोडगढ़ (चित्तौड़गढ़) से कोटा तक है।  * डूंगरपुर जिले में बेणेश्वर त्रिवेणी संगम स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ माही, सोम तथा जाखम नदियों का संगम होता है। * चंबल नदी द्वारा बनाया गया चूलिया जल प्रपात भैंसरोड़गढ़ (चित्तौड़गढ़) के निकट है। * चंबल नदी अपेक्षाकृत कम वर्षा वाले भागों से अधिक वर्षा वाले भागों की ओर प्रवाहित होती है इसलिए इसमें वर्ष भर जल विद्यमान रहता है। * चंबल नदी की अपवाह प्रणाली वृक्षाकार या पादपाकार है।  * राज्य में सबसे अधिक सतही जल चंबल नदी में उपलब्ध है। इस मामले म

उदयपुर के मेनार में होता तलवारों से गैर नृत्य

आज आपको राजस्थान के एक अनोखे रंग से परिचय करवाते हैं और वो है तलवार से गैर नृत्य। यूँ तो गैर नृत्य मारवाड के बाड़मेर तथा मेवाड़ के उदयपुर व राजसमंद के गाँवों में आयोजित किया जाता है किंतु उदयपुर जिले में जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 76 पर स्थित मेनार गाँव में तलवारों से गैर नृत्य किया जाता है। मेनार मूलतः मेनारिया ब्राह्मणों का गाँव है। कहा जाता है कि एक बार इस गाँव के लोगों ने मुगल सेना को हराया था। तलवारों का यह गैर नृत्य मुगल आक्रमणकारियों पर स्थानीय वीरों की विजय की खुशी में जमरा बीज (चैत्र कृष्ण द्वितीया) पर्व पर किया जाता है। मेवाड़ में होली के उपरांत आने वाली चैत्र कृष्ण द्वितीया को जमरा बीज कहा जाता है तथा इसे उत्साह से मनाया जाता है। प्रतिवर्ष पारम्परिक रीति रिवाज के अनुसार मेनार गाँव के सभी लोग जमरा बीज पर्व पर तलवार से गैर नृत्य करते हैं। ये लोग रण वाद्य कहे जाने वाले बांकिये और ढोल की लय पर एक हाथ में तलवार और दूसरे में लाठी लेकर पारम्परिक पोशाक धोती, कुर्ता व पगड़ी में गैर खेलते हैं तो हजारों की संख्या में मौजूद दर्शकों में भी अजीब सा

**राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज- 27/3/2013**

प्रश्न 1- लोक संबंध के लिए 1973 में राजस्थान के किस शख्सियत को पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया ? अ. लक्ष्मी कुमारी चूँडावत ब. कुंवर नटवर सिंह स. बलराम जाखड़ द. डॉ नागेंद्र सिंह उत्तर- द प्रश्न 2- मल्लीनाथ जी का पशु मेला कहाँ लगता है ? अ. दिलवाड़ा ब. भीलवाड़ा स. तिलवाड़ा द. झीलवाड़ा   उत्तर- स प्रश्न 3- उदयपुर नगर क्षेत्र का प्राचीन नाम क्या था ? अ. जांगलप्रदेश ब. गिरवा स. मेदपाट द. मालव उत्तर- ब प्रश्न 4- राजस्थान मेँ कितने आखेट निषिद्ध क्षेत्र है ? अ. 7 ब. 25 स. 28 द. 33 उत्तर- द प्रश्न 5- दक्षिण राजस्थान की स्वर्ण रेखा किस नदी को कहा जाता है ? अ. सोम ब. माही स. जाखम द. बनास उत्तर- ब प्रश्न 6- वास्तु मंजरी के लेखक है ? अ. पद्मनाभ ब. सोमनाथ स. मंडन द. नाथा उत्तर- द प्रश्न 7- सिसोदिया राजवंश की कुल देवी थी ? अ. करणीमाता ब. शिलादेवी स. बाणमाता द. ज्वालामाता उत्तर- स प्रश्न 8- राजस्थान मेँ जन्मेँ प्रसिद्ध संस्कृत कवि थे ? अ. हर्ष वर्द्धन ब. कालिदास स. माघ द. बाणभट्ट उत्तर- स प्रश्न 9-

***जस्टिस सज्जन सिंह कोठारी राजस्थान के नए लोकायुक्त***

 राजस्थान उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री सज्जन सिंह कोठारी राज्य के नए लोकायुक्त होंगे। वे सोमवार दिनांक 25 मार्च 2013 को सुबह 9 बजे इस पद की शपथ लेंगे। इनका चयन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अमिताव राय की सहमति से हुआ है। यह पद मई 2012 में जस्टिस जी एल गुप्ता के सेवानिवृत्त होने के बाद से खाली चल रहा था।

***राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर के वार्षिक पुरस्कार***

राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर का वार्षिक समारोह आगामी 10 मार्च 2013 को बीकानेर में आयोजित किया गया। इस समारोह में विभिन्न साहित्यकारों को प्रदान किए गए पुरस्कार इस प्रकार हैं- 1. सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार- आईदान सिंह भाटी, जैसलमेर (71000 रु,) 2. गणेशीलाल व्यास उस्ताद पुरस्कार- डॉ. विनोद सोमानी ’हंस‘ अजमेर  3. शिवचन्द भरतिया गद्य पुरस्कार- डॉ. गोविन्द शंकर शर्मा, जयपुर  4. मुरलीधर व्यास कथा पुरस्कार- प्रमोद शर्मा, बीकानेर (क्रम संख्या 2 से 4 तक प्रत्येक को 51000-51000 रु)  5. सांवर दईया पैली पोथी पुरस्कार- किरण राजपुरोहित ’नितिला‘ जोधपुर 6. जवाहरलाल नेहरू राजस्थानी बाल साहित्य पुरस्कार- डॉ. विमला भण्डारी, सलूम्बर  7. राजस्थानी साहित्यिक पत्रकारिता पुरस्कार- डॉ. किरण नाहटा बीकानेर  8. राजस्थानी महिला लेखन पुरस्कार-डॉ. जेबा रशीद जोधपुर, प्रेमजी प्रेम  9. राजस्थानी युवा लेखन पुरस्कार-डॉ. मदन गोपाल लढा महाजन को (क्रम संख्या 5 से 9 तक में प्रत्येक को 31000-31000 रु)  10. भत्तमाल जोशी महाविद्यालय पुरस्कार-   प्रथम:- विकास कंवर बीकानेर (