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New technology for High Electron Mobility Transistor will make India self-reliant in power transistor technology | IISc Develops India’s first e-mode Gallium-Nitride Power Transistor

उच्‍च इलेक्ट्रॉन मोबिलिटी ट्रांजिस्टर के लिए नई प्रौद्योगिकी भारत को पावर ट्रांजिस्टर प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनाएगी


बैंगलोर के वैज्ञानिकों ने एक अत्‍यधिक विश्वसनीय, उच्च इलेक्ट्रॉन गतिशीलता ट्रांजिस्टर (High Electron Mobility Transistor - HEMTs) विकसित किया है, जो सामान्य रूप से बंद उपकरण है और यह 4 एम्‍पियर तक विद्युत-धारा को भेज सकता है और 600 वोल्‍ट पर संचालित हो सकता है। गैलियम नाइट्राइड (GaN) से बना यह पहला स्वदेशी HEMT उपकरण इलेक्ट्रिक कारों, लोकोमोटिव, पावर ट्रांसमिशन और हाई वोल्टेज तथा हाई-फ़्रीक्वेंसी स्विचिंग की आवश्यकता वाले अन्य क्षेत्रों में उपयोगी है, जो पावर इलेक्ट्रॉनिक्स में आवश्यक स्थिर और सक्षम ट्रांजिस्टर आयात करने की लागत में कमी लाएगा।

प्रभावी स्विचिंग निष्‍पादन (efficient switching performance) के लिए पावर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम ऑफ-स्टेट में उच्च अवरोधक वोल्टेज और ON-स्टेट में उच्च विद्युत-धारा की मांग करती हैं। एल्यूमीनियम गैलियम नाइट्राइड/गैलियम नाइट्राइड (AlGaN/GaN) से बने HEMT नामक विशिष्ट ट्रांजिस्टर सिलिकॉन-आधारित ट्रांजिस्टर पर एक बढ़त प्रदान करते हैं, क्योंकि वे सिस्टम को बहुत अधिक वोल्टेज पर संचालित करने की अनुमति देते हैं, तेजी से चालू और बंद करते हैं, और कम स्थान लेते हैं। व्यावसायिक रूप से उपलब्ध AlGaN/GaN HEMTs सामान्य रूप से ट्रांजिस्टर को ऑफ-स्टेट में रखने के लिए तकनीकों का उपयोग करते हैं, जो डिवाइस की स्थिरता, प्रदर्शन और विश्वसनीयता को प्रभावित करता है।

इसलिए, इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम इंजीनियरिंग विभाग (Dept. of Electronic Systems Engineering) के प्रो. मयंक श्रीवास्तव, विद्युत अभियंत्रण विभाग (Department of Electrical Engineering) एवं नैनोसाइंस एवं अभियंत्रण केंद्र (Centre for Nanoscience & Engineering), सभी  भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर (Indian Institute of Science Bangalore -I.I.Sc.) के उनके सह-अन्वेषक प्रो. जी. नारायणन,  प्रो. दिग्‍विजय नाथ, प्रो. श्री निवासनराघवन और प्रो. नवकांत भट्ट एवं उनके छात्रों ने नये प्रकार का HEMT विकसित किया है, जो डिफ़ॉल्ट रूप से ऑफ स्टेट में है तथा किसी भी अन्य सामान्य तौर पर उपयोग किए जाने वाले पावर ट्रांजिस्टर की तरह काम करता है। ऐसे ट्रांजिस्टरों को ई-मोड या एन्हांसमेंट मोड ट्रांजिस्टर कहा जाता है।

उन्होंनेमेक इन इंडियापहल के तहत, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा समर्थित, एक एल्यूमीनियम टाइटेनियम ऑक्साइड गेट का उपयोग करके नई तकनीक और उपकरण संरचना का विकास किया।

यह विकसित प्रौद्योगिकी अपनी तरह की पहली प्रौद्योगिकी है, जो टेरनेरी ऑक्साइड नामक (दो अलग-अलग धातु आयनों से मिलकर बना ऑक्साइड मैट्रिक्स या Al, Ti  व O) एक प्रकार के रसायन का उपयोग करती है, जो उच्चतर धनात्मक आवेश वाले पदार्थ (p-प्रकार सेमी कंडक्टर) की तरह व्यवहार करता है। यह ई-मोड एचईएमटी (e-mode HEMTs) के लिए आंतरिक औद्योगिक तकनीकों की आंतरिक विश्वसनीयता और निष्पादन के मुद्दों का समाधान करता है, जिससे कुशल बिजली स्विचिंग सिस्टम का विकास होता है।

यह उपकरण अब प्रोटोटाइप विकास और क्षेत्र-परीक्षण स्तर (TRL 5) के लिए इस्‍तेमाल में लाया जाएगा। वैज्ञानिकों ने गेट ऑक्साइड के रूप में एल्यूमीनियम टाइटेनियम ऑक्साइड का उपयोग किया, जहां फेब्रिकेशन प्रक्रिया के दौरान एल्यूमीनियम का प्रतिशत नियंत्रित किया जा सकता था। चूंकि एल्यूमीनियम टाइटेनियम ऑक्साइड स्थिर Stable है, इसके परिणामस्वरूप ट्रांजिस्टर की उच्च विश्वसनीयता high reliability स्थापित होती है।

'अनुमानित समग्र बिजली उपकरण बाजार' 18 बिलियन डॉलर के मार्क को पार कर रहा है, जिसमें से एचईएमटी का कारोबार 5 बिलियन अमरीकी डॉलर के बाजार को पार करने का अनुमान है। इसलिएGaN HEMTs बिजली उपकरण बाजार का एक बड़ा हिस्सा हासिल करेगा। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते बाजार के साथ, ऐसा स्वदेशी विकास भारत को ट्रांजिस्टर तकनीक के लिए आत्मनिर्भर बना सकता है।

[1] सयाक दत्ता गुप्ता, अंकित सोनी, रुद्ररूप सेनगुप्ता, हीना खांड, भवानी शंकर, नागबोपति मोहन, श्रीनिवासन राघवन, नवकांता भट और मयंक श्रीवास्तव, " गेट स्टैक इंजीनियरिंग आधारित एएलएक्‍सटीआईएल-एक्‍सओ द्वारा एएलजीएएन/जीएएल एचईएमटी एवं ई-मोड ऑपरेशन में सकारात्मक थ्रेसहोल्ड वोल्‍टेज बदलाव”, इलेक्ट्रॉन उपकरणों पर आईईईई ट्रांजेक्शन, वॉल्यूम: 66, अंक: 6, जून 2019, पृष्ठ: 2544-2550 डीओआई: 10.1109/टीईडी.2019.2908960

[अधिक जानकारी के लिए प्रो. मयंक श्रीवास्तव, आईआईएससी बैंगलोर (mayank@iisc.ac.in, +919591140309) से संपर्क किया जा सकता है।]

चित्र 1. प्रस्तावित नए एल्यूमीनियम टाइटेनियम ऑक्साइड का चित्रण करने वाली उपकरण संरचना, जो जीएएन एचईएमटी में सामान्य रूप से ऑफ संचालन तक पहुंचने के लिए पी-टाइप गेट ऑक्साइड के रूप में कार्य करता है और प्रस्तावित अवधारणा [1] को दर्शाते ऊर्जा बैंड का चित्रण करता है।

चित्र 1. प्रस्तावित नए एल्यूमीनियम टाइटेनियम ऑक्साइड का चित्रण करने वाली उपकरण संरचना, जो जीएएन एचईएमटी में सामान्य रूप से ऑफ संचालन तक पहुंचने के लिए पी-टाइप गेट ऑक्साइड के रूप में कार्य करता है और प्रस्तावित अवधारणा [1] को दर्शाते ऊर्जा बैंड का चित्रण करता है।



चित्र 2. फैब्रिकेटेड ई-मोड एचईएमटी की ऑप्टिकल छवि के साथ मींडरिंग गेट संरचना


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