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Current affairs 15 से 21 फ़रवरी 2021

 नेशनल current affairs

डीआरडीओ के एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम्स 'हेलिना' और 'ध्रुवस्त्र' का सफल परीक्षण


हेलिना (आर्मी वर्जन) मिसाइल सिस्टम

  • हेलिना (आर्मी वर्जन) और ध्रुवस्त्र (एयरफोर्स वर्जन) मिसाइल सिस्टम्स के लिए संयुक्त उपयोगकर्ता परीक्षण (Joint User Trials) एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) प्लेटफॉर्म से डेज़र्ट रेंज में किए गए हैं। मिसाइल प्रणालियों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। 

    हेलिना (नाग पर आधारित हेलीकॉप्टर) एक तीसरी पीढ़ी की 'दागो और भूल जाओ' टैंक रोधी मिसाइल (एटीजीएम) प्रणाली है, जिसे आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) पर स्थापित किया गया है। यह प्रणाली, सभी मौसम में दिन और रात के समय सक्षम है तथा पारंपरिक कवच के साथ ही साथ विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच के साथ युद्धक टैंकों को नष्ट कर सकती है। हेलिना मिसाइल सीधे हिट मोड के साथ ही साथ टॉप अटैक मोड दोनों में टार्गेट्स पर निशाना लगा सकती है। हेलिना हथियार प्रणाली को भारतीय सेना (आईए) में शामिल किया जा रहा है। ध्रुवास्त्र नामक हेलिना हथियार प्रणाली के एक संस्करण को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में शामिल किया गया है। 

  • न्यूनतम और अधिकतम रेंज में मिसाइल क्षमताओं के मूल्यांकन के लिए पांच मिशन संचालित किए गए।

  • मिसाइलों को यथार्थवादी, स्थिर और चलते हुए लक्ष्यों के खिलाफ होवर और मैक्स फॉरवर्ड फ्लाइट में फायर किया गया। 

  • कुछ मिशन त्याग किए हुए टैंकों के खिलाफ वॉरहैड्स से किए गए थे। 

  • आगे उड़ने वाले हेलिकॉप्टर से चलायमान लक्ष्य के खिलाफ मिशन चलाया गया।

  • हेलिना और ध्रुवस्ट्रा तीसरी पीढ़ी के, लॉक ऑन बिफोर लॉन्च (LOBL) और फायर एंड फॉरगेट एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल हैं, जो डायरेक्ट हिट मोड के साथ-साथ टॉप अटैक मोड दोनों में लक्ष्य पर निशाना साधने में सक्षम हैं। 

  • इस प्रणाली में सभी मौसम में दिन और रात वाली क्षमता है और पारंपरिक कवच वाले टैंक के साथ साथ विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच वाले युद्धक टैंकों को पराजित करने की क्षमता भी है।

  • यह दुनिया के सबसे उन्नत एंटी टैंक हथियारों में से एक है।

कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय को ड्रोन उपयोग करने की अनुमति


  • नागर विमानन मंत्रालय तथा नागर विमानन महानिदेशालय ने भारत सरकार के कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय को सुदूर से संचालित विमान प्रणाली (आरपीएएस) के उपयोग की सशर्त छूट दी है।

  • इस अनुमति के तहत कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय ड्रोन का उपयोग देश के 100 जिलों के कृषि क्षेत्रों में रिमोट सेंसिंग डाटा एकत्रित करने के लिए करेगा।

  • यह डाटा ग्राम पंचायत स्‍तर पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के अंतर्गत उपज अनुमान के लिए एकत्रित किया जाएगा।

  • यह सशर्त छूट पत्र जारी होने की तिथि से या डिजिटल स्काइप प्लेटफॉर्म के पूर्ण संचालन तक, जो भी पहले हो वैध है, लेकिन यह छूट सभी शर्तों और सीमाओं की कठोरता से पालन करने पर ही वैध होगी। किसी भी शर्त के उल्लंघन की स्थिति में छूट अवैध हो जाएगी और उपरोक्‍त सीएआर के पैरा 18 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

भारतीय नौसेना का जहाज प्रलय एनएवीडीईएक्स 21 और आईडीईएक्स 21 में भाग लेने के लिए आबू धाबी पहुंचा

नौसेना का जहाज प्रलय


  • भारतीय नौसेना का जहाज प्रलय 20 से 25 फरवरी 2021 तक निर्धारित एनएवीडीईएक्स 21 (नौसेना रक्षा प्रदर्शनी) और आईडीईएक्स 21 (अंतर्राष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी) में भाग लेने के लिए दिनांक 19 फरवरी 2021 को संयुक्त अरब अमीरात के आबू धाबी पहुंचा।

  • स्वदेश निर्मित प्रबल क्लास मिसाइल वैसल के दूसरे जहाज आईएनएस प्रलय को दिनांक 18 दिसंबर 2002 को भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था। 

  • यह 56 मीटर लंबा जहाज, लगभग 560 टन वज़न ले जाने में सक्षम 35 नॉट्स से अधिक की गति से चलने में सक्षम है एवं हथियारों और सेंसरों के एक प्रभावशाली ऐरे से लैस है। 

  • इनमें 76.2 एमएम मीडियम रेंज गन, 30 एमएम क्लोज रेंज गन, चैफ लांचर और लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं। 

  • गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में स्वदेश में निर्मित यह जहाज भारतीय जहाज निर्माण उद्योग की क्षमताओं का प्रमाण है और यह एक बहुमुखी मंच है जो विभिन्न प्रकार के युद्ध मिशन को अंजाम देने में सक्षम है।

समग्र इंद्रधनुष अभियान (आईएमआई) 3.0 लांच -

  • सबको टीकाकरण पर जोर देने के उद्देश्य से डॉ हर्षवर्धन ने समग्र इंद्रधनुष अभियान (आईएमआई) 3.0 लांच किया

  • यह अभियान दो चरणों में होगा, पहला चरण 22 फरवरी और दूसरा चरण 22 मार्च को 29 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 250 जिलों से शुरू होगा। 

  • मौजूदा अभियान के तहत देश के सभी जिलों में 90 फीसदी तक टीकाकरण करने (एफआईसी) का लक्ष्य रखा गया है। 

  • इंद्रधनुष अभियान वास्तव में हर बच्चे और गर्भवती महिला तक टीके को पहुंचाने का सफल प्रयास है।

     

    राजस्थान में टीकाकरण के ''मिशन इन्द्रधनुष-3'' अभियान के प्रथम चरण का शुभारंभ 22-


    प्रदेश में टीकाकरण कार्यक्रम के तहत् सघन मिशन इन्द्रधनुष-3 का प्रथम चरण 22 फरवरी से आयोजित किया जायेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा सोमवार को भीलवाड़ा जिले से टीकाकरण के इस विशेष अभियान का शुभारंभ करेंगे। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार दो चरणों में यह अभियान 15-15 दिन संचालित किया जायेगा और नियमित टीकाकरण से छूट रहे एवं वंचित रह रहे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को संबंधित टीके निःशुल्क लगाये जायेंगे।


    सघन मिशन इन्द्रधनुष 3 अभियान के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। प्रथम चरण में प्रदेश के 24 जिलों को शामिल किया गया है एवं इन जिलों में कुल 3 हजार 963 टीकाकरण सत्र आयोजित किये जायेंगे।


    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि जन्म से 2 वर्ष की उम्र के 23 हजार 980 बच्चों और 6 हजार 268 गर्भवती महिलाओं को संबंधित टीके लगाकर प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारणवश विगत महीनों में टीकाकरण कराने से वंचित रहे बच्चे व गर्भवती महिलाओं को भी सघन मिशन इन्द्रधनुष अभियान के इन चरणों में आवश्यक टीके लगाये जायेंगे।


    श्री महाजन ने बताया कि अभियान के प्रथम चरण में 24 जिलों अजमेर, अलवर, बारां, भरतपुर, बाडमेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, कोटा, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, सीकर, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, गंगानगर, हनुमानगढ, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, टोंक एवं उदयपुर के चयतिन ग्राम, ढ़ाणियों एवं शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण सत्र लगाये जायेंगे। राजकीय अवकाश, रविवार एवं नियमित टीकाकरण दिवस के दिन मिशन इन्द्रधनुष अभियान के टीकाकरण सत्र आयोजित नहीं किये जायेंगे।

सीआरपीएफ की ‘राष्ट्र प्रथम - 82 वर्षों की स्‍वर्णिम गाथा’ पुस्तक का विमोचन -


केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने 19 FEB 2021 को नई दिल्‍ली में सीआरपीएफ की ‘राष्ट्र प्रथम - 82 वर्षों की स्‍वर्णिम गाथा’ पुस्तक का विमोचन किया। पिछले 82 वर्षों की सभी गौरवपूर्ण घटनाएं इस पुस्तक में संकलित की गई हैं।

पावरग्रिड की 320 केवी 2000 मेगावाट पुगलुर-त्रिशूर एचवीडीसी परियोजना का उद्घाटन -


  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 19 FEB 2021 को पॉवरग्रिड के 320 केवी 2000 मेगावाट पुगलुर (तमिलनाडु)- त्रिशूर (केरल) एचवीडीसी का उद्घाटन किया। 

  • प्रधानमंत्री ने 50 मेगावाट की कासरगोड सौर ऊर्जा परियोजना को भी राष्ट्र को समर्पित किया। 

  • 2000 मेगावाट वाली अत्याधुनिक पुगलुर-त्रिशूर हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट प्रणाली, राष्ट्रीय ग्रिड के साथ केरल के लिए पहला एचवीडीसी इंटर-कनेक्शन है और यह राज्य में बिजली की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ बड़ी मात्रा में बिजली ट्रांसमिशन की सुविधा भी प्रदान करेगा। 

  • समर्पित की गई ट्रांसमिशन लाइन वोल्ट सोर्स कन्वर्टर पर आधारित एक हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट सिस्टम है, जो दुनिया में अत्याधुनिक है और भारत में अपनी तरह का प्रथम है। 

  • यह नुकसान को कम करते हुए सुरक्षित और त्वरित पारेषण को सक्षम बनाता है और यह केबलों के माध्यम से भी पारेषण को सक्षम बनाता है। 

  • 165 किलोमीटर की ट्रांसमिशन लाइन में से लगभग 27 किलोमीटर केबल भूमि के नीचे है। य

  • ह तकनीक स्मार्ट ग्रिड की सुविधा के साथ-साथ प्रतिक्रियाशील शक्ति प्रबंधन में अधिक लचीलापन प्रदान करते हुए अक्षय ऊर्जा संसाधनों के एकीकरण को भी सक्षम बनाती है। 

  • परियोजना की लागत 5,070 करोड़ रुपए है।


"गो इलेक्ट्रिक" अभियान का शुभारंभ-


  • केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने ई-मोबिलिटी और ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ भारत में इलेक्ट्रिक कुकिंग के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए "गो इलेक्ट्रिक" अभियान का शुभारंभ किया। 

  • पारंपरिक ईंधन की तुलना में इलेक्ट्रिक ईंधन की लागत कम होती है, इसमें उत्सर्जन कम होता है और यह स्वदेशी भी है। 

  • यह अभियान निम्न कार्बन वाली अर्थव्यवस्था के रास्ते पर आगे बढ़ने की दिशा में ऊर्जा संक्रमण के मुख्य उद्देश्य को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा ताकि देश और पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव से बचाया जा सके। 

  • यह देश की ऊर्जा संबंधी जरूरतों के लिए अन्य देशों पर निर्भरता को कम करने में भी मदद करेगा।


असम में महाबाहु-ब्रह्मपुत्र’ कार्यक्रम का शुभारंभ -

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 फरवरी, 2021 को असम में ‘महाबाहु-ब्रह्मपुत्र’ पहल का शुभारंभ किया। इसमें धुबरी फूलबाड़ी पुल की आधारशिला रखी गई तथा असम में माजुली पुल के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया।


क्या है महाबाहु-ब्रह्मपुत्र?


  • महाबाहु-ब्रह्मपुत्र पहल की शुरूआत नेमाटी-मजुली द्वीप, उत्तरी गुवाहाटी-दक्षिण गुवाहाटी और धुबरी-हाटसिंगिमारी के बीच रो-पैक्स जहाज सेवा का उद्घाटन से की गई। 

  • मजुली और नेमाटी के बीच रो-पैक्स सेवा एक ऐसा मार्ग है जो लगभग 425 किमी की दूरी को घटाकर मात्र 12 किमी कर देगा। इस रास्ते पर दो जहाज चलते हैं जो एक बार में लगभग 1600 यात्रियों और दर्जनों वाहनों को लाते-ले जाते हैं।

  • जोगीघोपा में इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट (आईडब्‍ल्‍यूटी) टर्मिनल और ब्रह्मपुत्र नदी पर विभिन्न पर्यटक जेटियों की नींव रखी और ईज ऑफ डूइंग-बिजनेस के लिए डिजिटल समाधान की शुरुआत की। 

  • इस पहल में जोगीगोपा में अंतर्देशीय जल परिवहन टर्मिनल का उद्घाटन भी किया गया।

  • इस दौरान राज्य भर में नदी पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए चार स्थानों पर विभिन्न पर्यटन घाटों का उद्घाटन भी किया गया।

  • यह पहल भारत के पूर्वी हिस्सों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है।

  • इसमें बराक और ब्रह्मपुत्र नदियों के पार रहने वाले लोगों के लिए विभिन्न विकास गतिविधियाँ शामिल हैं।

धुबरी फूलबाड़ी पुल-

  • पीएम ने चार लेन के धुबरी फूलबाड़ी पुल का शिलान्यास भी किया। 

  • इस पुल का निर्माण NH-127B पर किया जाएगा। 

  • यह पुल एनएच-27 पर श्रीरामपुर से शुरू होगा। यह मेघालय राज्य में NH-106 पर नोंगस्टोइन पर समाप्त होगा। 

  • इसका निर्माण असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर किया जायेगा, यह असम के धुबरी को  और मेघालय के फूलबाड़ी, तुरा, रोंग्राम और रोंगजेंग से जोड़ेगा। 

  • इस परियोजना की कुल लागत 4997 करोड़ है। 

  • मेघालय के धुबरी से फूलबाड़ी तक 19 किलोमीटर लंबे पुल से बराक घाटी में कनेक्टिविटी में सुधार होगा और इससे मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और असम के बीच की दूरी कम हो जाएगी।


ऑटिज़्म से पीड़ित रही मिस जिया राय ने बांद्रा-वर्ली सी लिंक से गेटवे ऑफ इंडिया 36 किलोमीटर तैराकी की-


  • नौसेना के नाविक मदन राय की 12 वर्षीय बेटी मिस जिया राय ने दिनांक 17 फरवरी 2021 को बांद्रा-वर्ली सी लिंक से गेटवे ऑफ इंडिया तक 8 घंटे और 40 मिनट में 36 किलोमीटर की तैराकी करके इतिहास रचा। 

  • वह ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार (एएसडी) से पीड़ित रही है और जिया ने अपनी उपलब्धि को इसके बारे में जागरूकता का प्रसार करने के लिए समर्पित किया। 

  • जिया ने दिनांक 17 फरवरी 21 की सुबह के समय बांद्रा-वर्ली सी लिंक से सुबह 3:50 बजे अपनी रिकॉर्ड पारी की शुरुआत की और 12:30 बजे गेटवे ऑफ इंडिया तक इस दूरी को पूरा किया। 

  • यह तैराकी प्रतियोगिता भारतीय तैराकी महासंघ की मान्यता प्राप्त संस्था महाराष्ट्र तैराकी संघ की निगरानी में आयोजित की गई थी।

  • दिनांक 17 फरवरी 21 को  गेटवे ऑफ इंडिया में आयोजित पुरस्कार समारोह में मिस जिया राय को ग्रेटर मुंबई एमेच्योर एक्वाटिक एसोसिएशन (जीएमएएए) की अध्यक्ष सुश्री ज़रीन एन बालीवाला ने ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।

  • मिस जिया राय ने इससे पहले 15 फरवरी 2020 को एलीफेंटा आइलैंड से गेटवे ऑफ इंडिया तक 3 घंटे 27 मिनट और तीस सेकंड तैरकर 14 किमी की दूरी तय की थी और एएसडी से पीड़ित रह कर ओपन वाटर्स में तैरकर सबसे कम उम्र की लड़की के तौर पर 14 किमी तैरने का विश्व रिकॉर्ड कायम किया था।

नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज’ कोहॉर्ट-

  • स्मार्ट सिटी मिशन, आवास तथा शहरी कार्य मंत्रालय, ने ‘नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज’ कोहॉर्ट के लिए 25 शहरों के चयन की घोषणा की है। ‘नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज’ कोहॉर्ट बर्नाड वैन लीयर फाउंडेशन (बीबीएलएफ) तथा डब्ल्यूआरआई इंडिया के तकनीकी साझीदारी से प्रारंभ किया गया है। 

  • यह चैलेंज तीन वर्ष का कार्यक्रम है और सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत बचपन अनुकूल पड़ोस को समर्थन देना है।
    नर्चरिंग नेबरहुड चैलेंज के लिए चुने गए शहर हैं- अगरतला, बैंगलुरु, कोयम्बटुर, धर्मशाला, इरोड, हुबली-धारवाड़, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, काकीनाडा, कोच्चि, कोहिमा, कोटा, नागपुर, राजकोट, रांची, रोहतक, राउरकेला, सलेम, सूरत, तिरुवंतपुरम, तिरूप्पुर, उज्जैन, बडोदरा तथा वारांगल। 

  • कोहॉर्ट को प्रारंभिक विजय दिखाने, लोगों की भागीदारी के लिए काम करने और प्रस्तावों के लिए सहमति बनाने के उद्देश्य से अगले छह महीनों तक परीक्षण और पायलट कार्य के लिए तकनीकी सहायता, क्षमता सृजन अवसर मिलेगा। 

  • विभिन्न शहरों ने अनेक पायलट परियोजनाओं का प्रस्ताव किया है।

  • इनमें आवासीय पड़ोस में नन्हें बच्चों के चलने के लिए कॉरिडोर, कमजोर बच्चों तथा शहरी स्लम से देखरेख करने के लिए आने वाले लोगों के लिए आने-जाने का सुरक्षित रास्ता, नेचर प्ले तथा संवेदी प्रोत्साहन के लिए अवसर बढ़ाने और सरकारी स्कूल ग्राउंड में कक्षा खत्म होने के बाद उपयोग में नहीं लाए गए खुले स्थानों को अपनाना शामिल है। 

  • रास्तों तथा खुले स्थानों के अतिरिक्त पायलट प्रस्ताव का उद्देश्य सरकारी कार्यालय परिसरों में छोटे बच्चों की सुविधाओं की जरूरत को पूरा करना, बस शेल्टर तथा ट्रांजिट हब बनाना, आंगनवाड़ी विकसित करना और उम्र के मुताबिक खेलने की सुविधा विकसित करना तथा छज्जा, बैठने की व्यस्था तथा माताओं को स्तनपान कराने के लिए जगह की व्यवस्था करना है।


राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव कूच बिहार में सम्पन्न -


  • पश्चिम बंगाल में कूच बिहार के राजबाड़ी में 11 वें राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव का 16 FEB 2021 को समाप्त हुआ। 

  • इस महोत्सव में दोहर, एक लोकप्रिय बंगाली बैंड, अन्य प्रसिद्ध कलाकार और स्थानीय कलाकार शामिल हुए। 

  • संस्कृति मंत्रालय के इस प्रमुख सांस्कृतिक उत्सव, राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन 2015 से किया जा रहा है।

  • इस महोत्सव में सात क्षेत्रीय संस्कृति केंद्रों की सक्रिय भागीदारी के साथ ऑडिटोरियम और कला दीर्घाओं तक सीमित रहने के बजाय भारत की जीवंत संस्कृति को जन-जन तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है।

  • नवंबर, 2015 से अब तक राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के दस संस्करण विभिन्न राज्यों और शहरों जैसे दिल्ली, वाराणसी, बेंगलुरु, तवांग, गुजरात, कर्नाटक, टिहरी और मध्य प्रदेश में आयोजित किए जा चुके हैं।

नीली अर्थव्यवस्था नीति के प्रारूप पर सुझाव आमंत्रित-


पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने सार्वजनिक रूप से ''नीली अर्थव्यवस्था नीति Blue Economy policy'' के प्रारूप को जारी करते हुए उद्योग, स्वयंसेवी संगठनों, शिक्षा जगत तथा नागरिकों सहित विभिन्न हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किया है। 

इस नीति दस्तावेज का उद्देश्य भारत के जीडीपी में नीली अर्थव्यवस्था के योगदान को बढ़ाना, तटीय समुदाय के लोगों की जिंदगी में सुधार लाना, समुद्री जैव विविधता को संरक्षित रखना तथा समुद्री क्षेत्रों, संसाधनों की राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखना है।


क्या है नीली अर्थव्यवस्था Blue Economy-

  • भारत की नीली अर्थव्यवस्था Blue Economy उस राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का एक उपवर्ग है जिसमें संपूर्ण समुद्री संसाधन प्रणाली तथा मैरीटाइम आर्थिक संरचना और देश के विधिक क्षेत्राधिकार के अंतर्गत तटीय समुद्रीय जोन शामिल हैं। इसमें वस्तुओं और सेवाओं की आर्थिक वृद्धि, पर्यावरण स्थिरता तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ स्पष्ट संपर्क है।

  • नीली अर्थव्यवस्था Blue Economy में भारत जैसे तटीय देशों को सामाजिक लाभ जिम्मेदारी के लिए समुद्री संसाधनों के विशाल सामाजिक आर्थिक अवसर है। 

  • लगभग 7.5 हजार किलोमीटर की तटीय सीमा के साथ भारत की मैरीटाइम स्थिति विशिष्ट है।

  • भारत की 29 में से 9 राज्य तटीय हैं और देश के भूगोल में 1,382 द्वीप समूह शामिल हैं।

  • लगभग 199 बंदरगाह हैं जिनमें प्रत्येक वर्ष लगभग 1,400 मिलियन टन कार्गो, कार्य करने वाले 12 प्रमुख बंदरगाह हैं।

  • 2 मिलियन वर्ग किलोमीटर के विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ)0 कच्चे तेल तथा प्राकृतिक गैस जैसे निकाले जाने वाले जीवित और गैर-जीवित संसाधनों की प्रचुरता है।

  • तटीय अर्थव्यस्था में 4 मिलियन से अधिक मछुआरे और तटीय समुदाय के लोग हैं।

  • इस विशाल मैरीटाइम हितों के साथ नीली अर्थव्यवस्था भारत के आर्थिक विकास में क्षमतापूर्ण स्थान रखती है।

  • स्थिरता तथा सामाजिक आर्थिक कल्याण को केंद्र में रखने से नीली अर्थव्यवस्था जीडीपी में अगली छलांग लगाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारत की नीली अर्थव्यवस्था नीति Blue Economy policy का प्रारूप आर्थिक विकास और कल्याण के लिए देश की क्षमता को विस्तारित करने के लिए एक महत्वपूर्ण रूपरेखा हैं।

  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने 2030 तक न्यू इंडिया विजन के भारत सरकार के विजन के अनुरूप नीली अर्थव्यवस्था नीति तैयार की है।

  •  न्यू इंडिया विजन में नीली अर्थव्यवस्था Blue Economy को राष्ट्रीय विकास के लिए 10 प्रमुख आयामों में माना गया है।

  • प्रारूप नीति में भारत की अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिए अनेक विभिन्न क्षेत्रों की नीतियों पर बल दिया गया है।

प्रारूप दस्तावेज में सात निम्नलिखित विषय है-


  1.     नीली अर्थव्यवस्था Blue Economy तथा समुद्री शासन संचालन के लिए राष्ट्रीय लेखा ढांचा

  2.     तटीय समुद्री आकाशीय नियोजन तथा पर्यटन

  3.     मरीन मछली पालन तथा मछली प्रसंस्करण

  4.     मेन्यूफैक्चरिंग, उभरते उद्योग, व्यापार, टेक्नोलॉजी, सर्विसेज तथा कौशल विकास।

  5.     पार-लदान सहित अवसंरचना तथा शिपिंग

  6.     तटीय तथा गहरे समुद्री खनन तथा अपतटीय ऊर्जा

  7.     सुरक्षा, रणनीतिक आयाम तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग


जीव-जंतु कल्याण एवं संरक्षण 2020-21 के लिए पुरस्कार-

देश में जीव-जंतु कल्याण एवं संरक्षण के लिए काम करने वाली शीर्ष संस्था भारतीय जंतु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) ने जीव जन्तु कल्याण के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों, संगठनों और कॉरपोरेट्स को वर्ष 2021 के लिए 14 प्राणी मित्र और जीवदया पुरस्कार प्रदान किए।


पुरस्कार जिन व्यक्तियों और संगठनों को दिए गए उनकी सूची इस प्रकार है-


  • प्राणी मित्र पुरस्कारः 
श्री योगेंद्र कुमार, नई दिल्ली, श्री मनीष सक्सेना, जयपुर, राजस्थान और श्री श्यामलाल चौबीसा, उदयपुर, राजस्थान।
  • प्राणी मित्र पुरस्कार शौर्यः 
श्री अनिल गणदास, गुरुग्राम, हरियाणा, स्वर्गीय श्रीमती कल्पना वासुदेवन, कोयम्बटूर, तमिलनाडु।
  • प्राणी मित्र पुरस्कारः ताउम्र पशु सेवा- 
मेजर जनरल(सेवानिवृत्त) डॉ. आर. एम. खरब, एवीएसएम, गुरुग्राम, हरियाणा, डॉ. एस. चिन्नी कृष्णा, चेन्नई, तमिलनाडु और डॉ. एस.आर. सुंदरम्, चेन्नई, तमिलनाडु।
  • प्राणी मित्र पुरस्कारः जीव-जंतु कल्याण संगठन -
वर्ल्ड संकीर्तन टूर ट्रस्ट, होडल, हरियाणा, श्री करुणा फाउंडेशन ट्रस्ट, राजकोट, गुजरात और पीपल फॉर एनीमल्स अहमदाबाद, गुजरात।
  • प्राणी मित्र पुरस्कारः कॉरपोरेट- 
टाटा ट्रस्ट फाउडेशन, मुंबई, महाराष्ट्र।
  • जीव दया पुरस्कारः जीव-जंतु कल्याण संगठन- 
ध्यान फाउंडेशन, नई दिल्ली और एनीमल एड चेरीटेबल ट्रस्ट, उदयपुर, राजस्थान।

पीएम ने बहराइच जिले में महाराजा सुहेलदेव स्मारक और चित्तौरा झील के विकास कार्यों की आधारशिला रखी-


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16 FEB 2021 को उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से महाराजा सुहेलदेव स्मारक और चित्तौरा झील के विकास कार्यों की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने महाराजा सुहेलदेव के नाम पर एक मेडिकल कॉलेज भवन का भी उद्घाटन किया।


बांग्लादेश नौसेना के जहाज (बीएनएस) प्रतय ने किया मुंबई का दौरा-


बांग्लादेश नौसेना के जहाज (बीएनएस) प्रतय दिनांक 14 से 15 फरवरी 2021 तक मुंबई की दो दिवसीय यात्रा की। 137 कर्मियों के दल के साथ कैप्टन अहमद अमीन अब्दुल्ला की कमान वाला जहाज मुंबई पोर्ट ट्रस्ट में डॉक किया गया।

राजस्थान स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण, Skoch Silver अवार्ड से सम्मानित

स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण, राजस्थान को प्रदेश में उल्लेखनीय कार्य करने के फलस्वरूप Skoch Silver अवार्ड से 20 फरवरी को  सम्मानित किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के मिशन डायरेक्टर श्री विश्व मोहन शर्मा को शनिवार को skoch group द्वारा एक ऑनलाइन समारोह में प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

 

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Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋतु के बाद मराठों के विरूद्ध क

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली