केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वायु सेना के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 83 हल्के लड़ाकू विमान (Light Combat Aircraft-LAC) ‘तेजस’ खरीदने की मंजूरी -
Defence Current Affairs
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की 13 जनवरी को नई दिल्ली में बैठक हुई। बैठक में 45,696 करोड़ रुपये की लागत से 73 एलसीए तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान और 10 एलसीए तेजस एमके-1 ट्रेनर विमान की खरीद को मंजूरी दी गई।
इसके साथ डिजाइन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1,202 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।
हल्के लड़ाकू विमान एमके-1ए स्वदेश में डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक आधुनिक 4+ पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं। यह विमान इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए सक्रिय एरे (एईएसए) रडार, बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) स्वीट और एयर टू एयर रिफ्यूलिंग (एएआर) की महत्वपूर्ण परिचालन क्षमताओं से लैस है, जो भारतीय वायु सेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली प्लेटफॉर्म होगा।
यह 50 प्रतिशत की स्वदेशी सामग्री के साथ लड़ाकू विमानों की श्रेणी की पहली "खरीद (भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित)" है, जो कार्यक्रम के अंत तक धीरे-धीरे 60 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
मंत्रिमंडल ने परियोजना के तहत भारतीय वायु सेना द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास को भी मंजूरी दे दी है ताकि वे अपने बेस डिपो में मरम्मत या सर्विसिंग को सक्षम बना सकें ताकि मिशन क्रिटिकल सिस्टम के लिए विमान में माल लादने और उतारने का समय कम हो जाए और परिचालन उपयोग के लिए विमान की उपलब्धता बढ़े। यह भारतीय वायु सेना को संबंधित अड्डों पर मरम्मत के बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के कारण बेड़े को अधिक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से बनाए रखने में सक्षम करेगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, भारत लगातार रक्षा क्षेत्र में उन्नत अत्याधुनिक तकनीकों और प्रणालियों के डिजाइन, विकास और निर्माण स्वदेशी रूप से करने की अपनी शक्ति में वृद्धि कर रहा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा हल्के लड़ाकू विमान के निर्माण से आत्मनिर्भर भारत पहल को और अधिक बढ़ावा मिलेगा तथा देश में रक्षा उत्पादन और रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। इस खरीद में एचएएल के साथ डिजाइन और विनिर्माण क्षेत्रों में एमएसएमई सहित लगभग 500 भारतीय कंपनियां काम करेंगी। यह कार्यक्रम भारतीय एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को एक जीवंत आत्मनिर्भर इकोसिस्टम में बदलने के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 5 साल हुए पूरे-
Agriculture Current Affairs
- इसमें श्री तोमर ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी इस कृषि बीमा योजना में किसानों को क्लेम के 90 हजार करोड़ रूपए मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि एमएसपीबढ़ाने,10 हजार नए एफपीओ बनाने तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान में कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए डेढ़ लाख करोड़ रू.से ज्यादा के पैकेज से किसानों की दशा-दिशा बदलने वाली हैं।
- पीएमएफबीवाई योजना के नाम से इस योजना को 13 जनवरी 2016 को मंजूरी देकर अप्रैल 2016 से लागू कर दिया गया था।
- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को भी पीएमएफबीवाय से अधिकाधिक जोड़ने के लिए वहां की राज्य सरकारों के अंशदान को 90:10 कर दिया गया है, जो पहले 50:50 था।
- खरीफ-2016 में योजना के शुभारंभ से खरीफ-2019 तक किसानों ने प्रीमियम के रूप में 16,000 करोड़ रू. का भुगतान किया और फसलों के नुकसान के दावों के रूप में किसानों को 86,000 करोड़ रू. मिले हैं अर्थात् किसानों को प्रीमियम के मुकाबले 5 गुना से ज्यादा राशि दावों के रूप में मिली है।
- कुल आंकड़ा देंखे तो, योजना की शुरूआत से दिसंबर-2020 तक किसानों ने लगभग 19 हजार करोड़ रू. प्रीमियम भरी, जिसके बदले उन्हें लगभग 90 हजार करोड़ रू. का भुगतान दावों के रूप में किया जा चुका है।
- योजना में पांच साल में 29 करोड़ किसान आवेदक बीमित हुए।
- हर वर्ष औसतन 5.5 करोड़ से अधिक किसान योजना से जुड़ रहे है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और यूएई के नेशनल सेंटर ऑफ मेट्रोलॉजी के बीच विज्ञान एवं तकनीकी सहयोग के लिए समझौता -
Science Current Affairs
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और संयुक्त अरब अमीरात के नेशनल सेंटर ऑफ मेट्रोलॉजी के बीच विज्ञान एवं तकनीकी सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी।
इस समझौता ज्ञापन के तहत जानकारी, आंकड़ों और मौसम विज्ञान, भूकंप विज्ञान और समुद्र विज्ञान से संबंधित उत्पादों जैसे रेडार, उपग्रह और ज्वार मापने वाले उपकरण तथा भूकंप और मौसम विज्ञान केन्द्रों के संबंध में आदान-प्रदान का प्रस्ताव है।
- वैज्ञानिकों अनुसंधानकर्ताओं और विशेषज्ञों आदि की अनुसंधान, प्रशिक्षण, सलाह-मशविरे आदि के लिए दोनों देशों के बीच यात्राएं और अनुभवों का आदान-प्रदान, जलवायु संबंधी जानकारी पर केन्द्रित सेवाओं, उष्णकटिबंधीय तूफान की चेतावनी से संबंधित उपग्रह डाटा का उपयोग करने के संबंध में आदान-प्रदान।
- समान हित की गतिविधियों से संबंधित वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान।
- द्विपक्षीय वैज्ञानिक और तकनीकी संगोष्ठियों/कार्यशालाओं/सम्मेलनों का आयोजन और दोनों देशों के समान हित के विषयों तथा समझौता ज्ञापन में वर्णित सहयोग के क्षेत्रों के संबंध में मौजूद समस्याओं पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाया जाना।
- दोनों पक्षों द्वारा आपसी तौर पर सहमति बनाकर अन्य क्षेत्रों में सहयोग।
- आपसी सहमति से समुद्री जल पर समुद्र विज्ञान पर्यवेक्षण नेटवर्क स्थापित करना।
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात के पूर्वोत्तर क्षेत्र को प्रभावित करने वाली ओमान सागर और अरब सागर में उठने वाली सुनामी के अधिक विश्वसनीय और तीव्र पूर्वानुमान के लिए सुनामी मॉडल के बारे में अनुसंधान की विशिष्ट क्षमता के निर्माण में सहयोग।
- सुनामी पूर्व चेतावनी केन्द्रों में, सुनामी पूर्वानुमान कार्य के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया पूर्वानुमान संबंधी सॉफ्टवेयर स्थापित करने के लिए सहयोग।
- अरब सागर और ओमान सागर में सुनामी की स्थिति उत्पन्न करने में सहायक भूकंप संबंधी गतिविधियों की निगरानी के लिए भारत के दक्षिण पश्चिम और संयुक्त अरब अमीरात के उत्तर में स्थापित भूकंप मापी केन्द्रों से प्राप्त वास्तविक आंकड़ों का आदान-प्रदान।
- भूकंप विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग जिसके तहत अरब सागर और ओमान सागर में सुनामी पैदा करने में सक्षम भूकंप संबंधी गतिविधियों का अध्ययन किया जा सके।
- रेत और धूल भरी आंधी के संबंध में पूर्व चेतावनी प्रणाली के क्षेत्र में जानकारी का आदान-प्रदान।
समझौते की पृष्ठभूमि:-
8 नवम्बर, 2019 को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान भारत में संबंधित संस्थानों और एनसीएम-यूएई द्वारा की जा रही वैज्ञानिक गतिविधियों पर चर्चा की गई और ऐसे कई समान क्षेत्र पाए गए जिनमें अनुसंधान की जरूरत है। दोनों पक्षों ने भारत के तटीय क्षेत्रों और संयुक्त अरब अमीरात के उत्तर पूर्व को प्रभावित करने वाले और ओमान सागर और अरब सागर में उत्पन्न सुनामी के तेज और अधिक विश्वसनीय पूर्वानुमानों के संबंध में वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग में रुचि दिखाई।
14 जनवरी, 2021 को पूर्व सैनिक दिवस (वेटरन्स डे)
Defence Current Affairs
- भारतीय सशस्त्र सेनाएं 14 जनवरी, 2021 को पूर्व सैनिकों के सम्मान में पूर्व सैनिक दिवस (वेटरन्स डे) मनाएंगी।
- भारतीय सशस्त्र सेनाओं के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा, ओबीई के सेना में दिए गए अतुलनीय योगदान की याद में यह दिवस मनाया जाता है।
- फील्ड मार्शल करियप्पा 1953 में इसी दिन सेवानिवृत्त हुए थे।
- इस दिवस पर हमारे बहादुर सेना नायकों और पूर्व सैनिकों की राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा और बलिदान के सम्मान में और उनके परिजनों के प्रति अपनी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए देश के विभिन्न सैनिक अड्डों पर पुष्प चक्र अर्पित करने के कार्यक्रम के साथ-साथ पूर्व सैनिकों के लिए सम्मेलन कार्यक्रम (वेटरन्स मीट्स) आयोजित किए जाते हैं।
- रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ बेंगलुरु स्थित वायु सैनिक अड्डे पर आयोजित ‘वेटरन्स मीट’ में शामिल होंगे।
पद्मश्री डी. प्रकाश राव का निधन-
जीवन काल में चाय बेचकर बस्ती के गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़ाने वाले वरिष्ठ समाजसेवी पद्मश्री डी. प्रकाश राव का बुधवार को निधन हो गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जताया है। कोरोना संक्रमित होने के बाद कटक स्थित श्रीरामचन्द्र भंज मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के कोविड वार्ड में उनका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान 20 दिन बाद हार्ट अटैक के कारण उनकी मौत हो गई। निधन की खबर आते ही पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। समाजसेवा के लिए पूरा जीवन समर्पित कर देने वाले प्रकाश राव चाय की दुकान चलाकर जीवन यापन करते थे। इस पैसे से वह बस्ती के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते थे।
जीवन काल में उन्होंने 218 बार रक्तदान किया था, जो एक रिकार्ड है। वर्ष 2019 में समजासेवा के लिए राष्ट्रपति ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था। उन्होंने 218 बार रक्तदान किया था, जो एक रिकार्ड है। वर्ष 2019 में समाजसेवा के लिए राष्ट्रपति ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था।
सीबीएसई छात्रों के लिए कोलैबकैड सॉफ़्टवेयर होगा लांच-
IT Current Affairs
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत 'राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र' (एनआईसी), केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसईे) और शिक्षा मंत्रालय के साथ संयुक्त रूप से कोलैबकैड सॉफ़्टवेयर को लॉन्च कर रहा है।
- कंप्यूटर-सक्षम सॉफ़्टवेयर प्रणाली- कोलैबकैड एक सहयोगी नेटवर्क है, जो छात्रों और इंजीनियरिंग ग्राफिक्स पाठ्यक्रम के शिक्षकों के लिए 2-डी ड्राफ्टिंग और डिटेलिंग से लेकर 3-डी प्रोडक्ट डिजाइन प्रदान कर रहा है।
-
- राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी), सीबीएसई, और अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम), नीति आयोग भी संयुक्त रूप से कोलैबकैड 3डी मॉडलिंग पर एक विस्तृत ई-पुस्तक जारी करेगा। यह ई-बुक 1.0 कोलैबकैड पोर्टल के माध्यम से सार्वजनिक रूप से जारी होने के लिए तैयार है और यह कोलैबकैड सॉफ़्टवेयर को समझने और उसका उपयोग करने के लिए कैड छात्रों, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स के क्षेत्र में कदम रखने वाले लोगों और पेशेवरों का मार्गदर्शन करेगा।
- एनआईसी, नई दिल्ली के कोलैबकैड ग्रुप द्वारा इसका डिज़ाइन और अविष्कार किया गया है।
- इस पहल का उद्देश्य पूरे देश में छात्रों को रचनात्मकता और कल्पना के मुक्त प्रवाह के साथ 3डी डिजिटल डिजाइन बनाने और उसमें नयापन लाने के लिए एक शानदार मंच प्रदान करना है। यह सॉफ़्टवेयर छात्रों को पूरे नेटवर्क में डिज़ाइनों में सहयोग करने और साथ-साथ संग्रहण और कल्पना के लिए उस डिजाइन के डेटा तक पहुंचने में सक्षम करेगा।
- सीबीएसई के अध्यक्ष, श्री मनोज आहूजा के नेतृत्व में, कक्षा XI और XII के लिए सीनियर स्कूल स्तर पर इंजीनियरिंग ग्राफिक्स के लिए कोलैबकैड सॉफ्टवेयर (विषय कोड 046) की शुरुआत करेगा। कोलैबकैड सॉफ्टवेयर का उपयोग विभिन्न प्रकार के 3डी डिज़ाइन और 2डी ड्राइंग बनाने के लिए विषय पाठ्यक्रम के भाग के रूप में व्यावहारिक कार्य के लिए किया जाएगा।
- देश भर के लगभग 140 से ज्यादा स्कूलों और मध्य पूर्व(सीबीएसई, नई दिल्ली से संबद्ध) के छात्रों को इस सॉफ्टवेयर तक पहुंच प्राप्त होगी, जिसे इंजीनियरिंग ग्राफिक्स की व्यावहारिक परियोजनाओं और अवधारणाओं को समझने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सीबीएसई संबद्ध स्कूलों के छात्रों और इंजीनियरिंग ग्राफिक्स शिक्षकों को कोलैबकैड सॉफ्टवेयर सहायता और प्रशिक्षण के लिए एनआईसी और सीबीएसई इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, श्री अजय साहनी, की उपस्थिति में 10 (दस) वर्ष की अवधि के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य कोलैबकैड सॉफ्टवेयर के आस-पास मानव संसाधन और कौशल विकसित करना और छात्रों व शिक्षकों के बीच कोलैबकैड सॉफ्टवेयर को लोकप्रिय बनाना है।
- इसे देश भर के 5,000 से अधिक स्कूलों के छात्रों के लिए ‘टिंकर फ्रॉम होम’ अभियान की आवश्यकताओं के अनुरूप जारी किया गया था। कोलैबकैड ज्यामितीय मॉड्यूल का उपयोग करके 3डी डिजिटल मॉडल बनाने के लिए छात्रों के लिए जारी करने के दो दिन बाद एआईएम द्वारा कोलैबकैड 3डी डिजाइन चैलेंज की घोषणा की गई। प्रतिक्रिया उत्साहजनक थी, और चुनौती के परिणाम जुलाई में घोषित किए गए थे।
- यह आयोजन 14 जनवरी 2021 को पूर्वाह्न 11:00 बजे एनआईसी वेबकास्ट (https://webcast.gov.in/nic) प्लेटफॉर्म और एनआईसी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर वेबकास्ट होगा।
देश में एवियन इन्फ्लूएंजा की आज की स्थिति
Medical Current Affairs
दस राज्यों में 13 जनवरी, 2021 तक एवियन इन्फ्लूएंजा के मामलों की पुष्टि की गई है। जम्मू और कश्मीर के गंदरबल जिले और झारखंड के 4 जिलों में पक्षियों की अस्वाभाविक मृत्यु के मामले सामने आए हैं।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव की अध्यक्षता में 12 जनवरी, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक हुई जिसमें 17 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में राज्यों को सलाह दी गई कि वे कार्ययोजना 2021 के अनुसार अपने-अपने राज्यों में एवियन इन्फ्लूएंजा फैलने से रोकने का कारगर प्रबंध करें। स्थिति से निपटने के लिए राज्यों से स्वास्थ्य तथा वन विभाग के साथ ताल-मेल करने और उन्हें इस मामले में संवेदी बनाने को कहा गया है। राज्यों से यह भी कहा गया है किवे सुरक्षा उपकरण की पर्याप्त सप्लाई बनाए रखें तथा पोल्ट्री फार्मों में जैव सुरक्षा उपायों को जारी रखें। राज्यों को संक्रमण की पहचान करने और समय से नियंत्रण व्यवस्था करने में तेजी के लिए राज्यस्तरीय बीएसएल-II प्रयोगशालाओं को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है। राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि वे पोल्ट्री में संक्रमण पर नियंत्रण रखें क्योंकि इससे कुक्कुट पालन करने वाले किसानों को अधिक आर्थिक कीमत चुकानी होगी। यह पाया गया कि अनेक राज्य दूसरे राज्यों से पोल्ट्री उत्पादों की सप्लाई पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। पोल्ट्री उद्योग पर इसके नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए राज्यों से ऐसे निर्णय पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया गया है।
केरल व्यावसायिक सुगम्यता सुधारों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाला 8वां राज्य बना-
Trade Current Affairs
केरल वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा निर्धारित व्यावसायिक सुगम्यता सुधारों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाला 8वां राज्य बन गया है। इस तरह खुले बाजार की उधारी के माध्यम से केरल 2,373 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए पात्र राज्य हो गया है। इस संबंध में व्यय विभाग द्वारा 12 जनवरी, 2021 को अनुमति दी गई। केरल सुधार करने वाले अन्य 7 राज्यों - आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, ओड़िशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना में शामिल हो गया है। व्यावसायिक सुगम्यता सुधार लागू करने वाले 8 राज्यों को 23,149 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी की अनुमति दी गई है।
क्या है व्यावसायिक सुगम्यता-
व्यावसायिक सुगम्यता देश में निवेश अनुकूल कारोबारी माहौल का महत्वपूर्ण सूचक है। व्यावसायिक सुगम्यता में सुधार से भविष्य में राज्यों का आर्थिक विकास तेजी से होगा। इसलिए भारत सरकार ने मई 2000 में व्यावसायिक सुगम्यता सुधार करने वाले राज्यों को अतिरिक्त उधारी की अनुमति देने का निर्णय लिया। इस श्रेणी में सुधार निम्नलिखित हैं :
- जिला स्तरीय व्यावसाय सुधार कार्य योजना के पहले मूल्यांकन कीसमाप्ति।
- पंजीकरण प्रमाण पत्रों/ मंजूरियों/ विभिन्न कानूनों के तहत व्यावसायों द्वारा प्राप्त लाइसेंसों के नवीकरण की आवश्यकता की समाप्ति।
- कानूनों के अंतर्गत कम्प्यूटरीकृत रैंडम जांच प्रणाली जिसमें केंद्रीय रूप से निरीक्षकों का आवंटन होता है, बाद के वर्षों में एक ही निरीक्षक को समान इकाई का काम नहीं दिया जाता, व्यवसाय मालिक को निरीक्षण की नोटिस पहले से दी जाती है और निरीक्षण के 48 घंटों के अंदर निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड की जाती है।
कोविड-19 महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिए संसाधन की आवश्यकताओं को देखते हुए भारत सरकार ने 17 मई, 2020 को राज्यों की उधारी सीमा राज्यों की जीएसडीपी का 2 प्रतिशत बढ़ा दिया। इस विशेष व्यवस्था का आधा भाग नागरिक राज्यों द्वारा नागरिक केन्द्रित सुधारों से जोड़ा गया है। चिन्हित 4 नागरिक केन्द्रित सुधार है (ए) एक देश एक राशनकार्ड प्रणाली (बी) व्यावसायिक सुगम्यता (सी) शहरी स्थानीय निकाय/उपयोगिता सुधार तथा (डी) विद्युत क्षेत्र सुधार।
अभी तक 10 राज्यों द्वारा एक देश एक राशनकार्ड प्रणाली लागू की गई है, 8 राज्यों ने व्यावसायिक सुगम्यता सुधार किये हैं और 4 राज्यों द्वारा स्थानीय निकाय सुधार किये गए हैं। सुधार करने वाले राज्यों को अभी तक 56,526 करोड़ रुपये की कुल अतिरिक्त उधारी की अनुमति दी गई है।
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सत्यजीत रे की फिल्मों का उत्सव मनाएगा
Film Current Affairs
51वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सत्यजीत रे को श्रद्धांजलि दी जाएगी। वर्ष 2019 में आईएफएफआई के स्वर्ण जयंती संस्करण के दौरान,सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री अमित खरे ने सत्यजीत रे के शताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में इसकी घोषणा की थी।
आईएफएफआई श्रद्धांजलि के रूप में निम्नलिखित फिल्मों का प्रदर्शन करेगा:
- चारुलता (1964)
- घरे बाइरे (1984)
- पाथेर पांचाली (1955)
- शतरंज के खिलाड़ी (1977)
- सोनार केला (1974)
“स्मार्ट जल आपूर्ति मापन एवं निगरानी प्रणाली” विकसित करने के लिए एक आईसीटी ग्रैंड चैलेंज-
ICT Current Affairs
जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग के राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से 15 सितम्बर, 2020 को “स्मार्ट जल आपूर्ति मापन एवं निगरानी प्रणाली” विकसित करने के लिए एक आईसीटी ग्रैंड चैलेंज की शुरूआत की।
'जल जीवन मिशन' इस ग्रैंड चैलेंज का उपभोक्ता एजेंसी होगा और सी-डैक, बेंगलूर कार्यान्वयन एजेंसी है, जो इस चैलेंज के लिए तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है।
इसमें देशभर से उत्साहजनक भागीदारी देखी गई। एलएलपी कंपनियों, भारतीय टेक स्टार्टअपों, व्यक्त्यिों आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों से कुल 218 आवेदन प्राप्त किए गए थे।
जूरी की सिफारिशों के आधार पर 20 नवंबर, 2020 को आईसीटी ग्रैंड चैलेंज के परिणाम घोषित किए गए। शुरूआती अवधारणा तैयार करने के लिए 10 आवेदकों का चयन किया गया है और इनमें से प्रत्येक को 7.50 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है।
फिलहाल प्रोटोटाइपों को विकसित किया जा रहा है,जिनका मूल्यांकन जूरी द्वारा जनवरी, 2021 के अंतिम सप्ताह में किया जाना है। इन मूल्यांकनों के लिए सी-डैक बेंगलूर स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी कैम्पस में एक जल परीक्षण बैड की स्थापना की गई है। तकनीकी और आर्थिक तौर पर व्यवहार्य चार प्रोटोटाइपों का उत्पाद विकास के लिए चयन किया जाएगा और प्रत्येक टीम को उपभोक्ता एजेंसी की आवश्यकता के अनुसार उनका समाधान तैयार करने के लिए 25 लाख रुपये दिए जाएंगे।
इसके बाद जल जीवन मिशन द्वारा चयनित देश भर में लगभग 25 स्थानों में क्षेत्रीय परीक्षण, परीक्षण तथा तैनाती और प्रदर्शन किया जाएगा। मूल्यांकन के आधार पर, एक विजेता और दो उपविजेताओं का चयन किया जाएगा और उन्हें क्रमश: 50 लाख रुपये (विजेता) और 20 लाख रुपये प्रत्येक (उपविजेता) का भुगतान किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की आर्थिक सहायता से ग्रैंड चैलेंज संचालित किया जा रहा है।
क्या है जल जीवन मिशन-
जल जीवन मिशन केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल द्वारा जल कनेक्शन प्रदान करना है। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2019 को इस मिशन की घोषणा की थी। मिशन ने अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 3.13 करोड़ घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किए हैं।
किसी भी राज्य में बंद नहीं होंगे आकाशवाणी केन्द्र बंद - प्रसार भारती
IB Current Affairs
प्रसार भारती ने देश के विभिन्न मीडिया केन्द्रों की, आकाशवाणी के कई केन्द्र बंद होने के संबंध में जारी भ्रामक खबरों पर गंभीर रुख अख्तियार करते हुए स्पष्ट किया है कि इस तरह की रिपोर्टें बेबुनियाद और तथ्यात्मक दृष्टि से गलत हैं।
प्रसार भारती ने बताया कि किसी भी राज्य अथवा केन्द्र शासित प्रदेश में कहीं भी आकाशवाणी के किसी भी केन्द्र का स्तर न तो कम किया जा रहा है और न ही बदला जा रहा है। साथ ही बताया कि आकाशवाणी के सभी केन्द्र स्थानीय प्रतिभाओं को सामने लाने के आकाशवाणी के अभियान को आगे बढ़ाते हुए भाषाई, सामाजिक-सांस्कृतिक और आबादी की विविधता का ध्यान रखते हुए स्थानीय कार्यक्रमों का निर्माण जारी रखेंगे।
प्रसार भारती ने घोषणा की कि वह आकाशवाणी, ऑल इंडिया रेडियो और एआईआर नेटवर्क को अधिक मजबूत बनाने की अपनी योजना पर काम करते हुए 2021-22 में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को आगे बढ़ाएगी और देश भर में 100 से ज्यादा नए एफएम रेडियो ट्रांसमीटर स्थापित कर अपने नेटवर्क का विस्तार करेगी।
ऑल इंडिया रेडियो नेटवर्क (एआईआर नेटवर्क) विश्व का सबसे बड़ा लोक सेवा प्रसारक नेटवर्क है जिसके देश भर में कई सौ केन्द्र और सैकड़ों रेडियो ट्रांसमीटर्स हैं। यह कई मोड में काम करता है, जैसे-
स्थलीय एनालॉग रेडियो (एफएम, मीडियम वेव, शॉर्ट वेव),
सैटेलाइट डीटीएच रेडियो (डीडी फ्री डिश डीटीएच) और
इंटरनेट रेडियो (आईओएस/एंड्रॉइड पर न्यूज ऑन एयर एप)
डीडी फ्री डिश डीटीएच सेवा में 48 सैटेलाइट रेडियो चैनल उपलब्ध हैं। देश भर से स्थानीय और क्षेत्रीय कलाकार इस देशव्यापी मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं।
न्यूज ऑन एयर एप पर करीब 200 लाइव रेडियो स्ट्रीम्स हैं। प्रसार भारती ने विश्व के विभिन्न देशों के 2.5 मिलियन से ज्यादा श्रोताओं को इन 200+ लाइव रेडियो स्ट्रीम्स तक पहुंच उपलब्ध कराए है। 2020 के दौरान इसे 300 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिले।
डिजिटल टेरेस्ट्रियल रेडियो योजना-
प्रसार भारती देश में डिजिटल टेरेस्ट्रियल रेडियो पेश करने की अपनी योजना पर भी आगे बढ़ रहा है। एआईआर के कुछ चुनिंदा चैनल पहले से ही डिजिटल डीआरएम प्रौद्योगिकी के जरिए कई शहरों/क्षेत्रों में श्रोताओं को प्रयोग के तौर पर उपलब्ध कराए जा चुके हैं। इन शहरों/क्षेत्रों के श्रोता अब डिजिटल मोड पर उपलब्ध एकल रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए कई रेडियो चैनल्स में से अपने पसंद के चैनल सुनकर डिजिटल रेडियो की ताकत का अनुभव कर सकते हैं। डीआरएम ट्रांसमीटर्स पर उपलब्ध आकाशवाणी की विशेष डिजिटल रेडियो सेवाओं में कार्यक्रम सुने जा सकते हैं। जैसे-
- एआईआर न्यूज 24x7- खबरें और सामयिक विषयों से जुड़े कार्यक्रम,
- एआईआर रागम
24x7- शास्त्रीय संगीत तथा स्थानीय/क्षेत्रीय रेडियो सेवाओं के
कार्यक्रम
- लाइव स्पोर्ट्स से जुड़े कार्यक्रम
कोणार्क स्वर्ण विजयथॉन का होगा 15 जनवरी को आयोजन-
Defence Current Affairs
- आर्मी दिवस तथा 1971 के भारत-पाक युद्ध की स्वर्ण जयंती के अवसर पर 15 जनवरी 2021 को भारतीय सेना के लोंगेवाला ब्रीगेड की 24वीं राजपुताना राइफल्स द्वारा ‘‘कोणार्क स्वर्ण विजयथॉन’’ का आयोजन निवारू मिलट्री स्टेशन जयपुर पर किया जाऎगा।
- इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों के लिए 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन प्रातः 6ः45 बजे तथा 7 किलोमीटर की मैराथन महिलाओं एवं बच्चों के लिए प्रातः 7ः15 बजे से आयोजित की जा रही है।
- 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन में 1971 भारत-पाक युद्ध में भाग
लेने वाले भूतपूर्व सैनिक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के धावकों और
सिविल सोसाइटी, पैरा मिलट्री फोर्स और तीनों सेनाओं (जल, थल, वायु सेना)
के धावकों द्वारा भी भाग लिया जाएगा, साथ ही वर्चुअल मैराथन भी अलग-अलग
स्थानों पर आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी नरेगा में 11.27 करोड़ के अतिरिक्त प्रावधान को मंजूरी दी
Rajasthan Current Affairs
डॉ. कविया अस्सी वर्ष के थे तथा कुछ अरसे से बीमार चल रहे थे। जोधपुर के निकट बिराई गांव के मूल निवासी डॉ. कविया जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय राजस्थानी विभाग के 3 बार विभागाध्यक्ष रहे। वैसे तो डॉ. कविया के साहित्य सृजन में विविध विषयों का समावेश रहा, लेकिन विशेष रूप से राजस्थानी डिंगल व पिंगल साहित्य उनके सृजन के आधार रहे।
उनकी प्रमुख पुस्तकें निम्न हैं-
- संस्कृति री सोरम,
- राजस्थानी साहित्य का अनुशीलन,
- डिंगल के ऐतिहासिक प्रबंध काव्य,
- राजस्थानी काव्य में सांस्कृतिक गौरव,
- सपूतां री धरती, दारू-दूषण,
- प्रस्तावना री पीलजोत,
- पद्मश्री डॉ. लक्ष्मी कुमारी चूंडावत धरा सुरंगी धाट,
- धोरां री धरोहर,
- रूंख रसायण,
- संबोध सतसई,
- सोनगिर साकौ व
- गीत गुणमाल इत्यादि ।
Comments
Post a Comment
Your comments are precious. Please give your suggestion for betterment of this blog. Thank you so much for visiting here and express feelings
आपकी टिप्पणियाँ बहुमूल्य हैं, कृपया अपने सुझाव अवश्य दें.. यहां पधारने तथा भाव प्रकट करने का बहुत बहुत आभार