प्रदेश में 18 जनवरी से खुलेंगे स्कूल, कॉलेज एवं कोचिंग सेंटर, कोविड-19 समीक्षा बैठक में कहा मुख्यमंत्री ने
कोविड-19 समीक्षा बैठक
नया स्ट्रेन चिंता का विषय, विशेष सतर्कता बरतें : मुख्यमंत्री
18 जनवरी से खुलेंगे स्कूल, कॉलेज एवं कोचिंग सेंटर
मेडिकल, डेंटल, नसिर्ंग एवं पैरामेडिकल कॉलेज 11 जनवरी से खुलेंगे
जयपुर,
5 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश और प्रदेश में
कोविड-19 के नये स्ट्रेन के मामले सामने आना चिंता का विषय है। इसके प्रति
किसी भी तरह की लापरवाही बड़ा संकट खड़ा कर सकती है। इसे देखते हुए इस वायरस
से अत्यधिक प्रभावित इंग्लैण्ड सहित अन्य देशों से प्रदेश में आए यात्रियों
पर विशेष नजर रखी जाए। इन यात्रियों का कोविड टेस्ट एवं सघन स्क्रीनिंग की
जाए।
श्री गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास
पर वीडियो कॉन्फ्रेंस से कोविड-19 की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि
नये स्ट्रेन के कारण इंग्लैण्ड में जिस तरह की भयावह स्थिति पैदा हो गई है
और वहां फिर लॉकडाउन लगाना पड़ा है। उससे सबक लेते हुए हमें विशेष एहतियात
बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि नये स्ट्रेन को लेकर प्रदेश
की ओर से केन्द्र सरकार को आवश्यक सुझाव जल्द भेजे जाएं।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि बेहतरीन प्रबंधन और प्रदेशवासियों के सहयोग से राजस्थान में
कोरोना की स्थिति काफी नियंत्रण में है। रिकवरी रेट बढ़कर अब तक की सर्वाधिक
96.31 प्रतिशत हो गई है। कुछ जिलों में पॉजिटिव केस शून्य होने के साथ ही
अन्य जिलों में भी स्थिति बेहतर है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने स्कूलाें
में 9 से 12वीं तक की कक्षाएं, विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय की अन्तिम
वर्ष की कक्षाओं, कोचिंग सेन्टर तथा सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों को 18
जनवरी से खोले जाने के निर्देश दिए। साथ ही, वैक्सीनेशन की प्रक्रिया के
कारण मेडिकल कॉलेज, डेन्टल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज एवं पैरामेडिकल कॉलेज 11
जनवरी से खोलने के भी निर्देश दिए।
इन सभी
शिक्षण संस्थानों में प्रत्येक कक्षा में कुल क्षमता का 50 प्रतिशत
उपस्थिति प्रथम दिन तथा शेष 50 प्रतिशत उपस्थिति दूसरे दिन रहेगी। शिक्षकों
को संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जरूरी प्रशिक्षण दिया
जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी संस्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग एवं
मास्क सहित अन्य हैल्थ प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाए तथा इनका संचालन
केन्द्र के दिशा-निर्देशों एवं एसओपी के तहत किया जाना सुनिश्चित करें।
श्री
गहलोत ने कहा कि प्रदेश में वैक्सीनेशन की तैयारियां मिशन मोड में पूरी की
जाएं। वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्यकर्मियों का पूरा डाटाबेस जल्द से जल्द
अपलोड किया जाए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन को लेकर केवल प्रमाणिक एवं पुख्ता
जानकारी ही मीडिया में प्रसारित होनी चाहिए। अप्रमाणित जानकारियों से
लोगों के बीच अनावश्यक भ्रांतियां फैल सकती हैं।
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना के नये स्ट्रेन को
लेकर प्रदेश में विशेष सर्तकता बरती जा रही है। चिकित्सा विभाग यूके से आए
यात्रियों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं स्क्रीनिंग करवाने के साथ ही इनके
सैम्पल टेस्ट के लिए दिल्ली स्थित आईसीएमआर लैब में भेज रहा है।
प्रमुख
शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार ने कहा कि प्रदेश में पॉजिटिव केसों की
संख्या घटकर काफी कम हो गई है। ऎसे में, यूके सहित अन्य देशों से आने वाले
लोगों की सघन मॉनिटरिंग किया जाना संभव है ताकि नये स्ट्रेन के संक्रमण को
रोका जा सके।
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
श्री सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में 29 नवम्बर को एक्टिव केसेज की
संख्या सर्वाधिक 28,758 थी, जो 4 जनवरी को घटकर 8189 रह गई। इसी तरह
प्रतिदिन पॉजिटिव केस की संख्या जो 24 नवम्बर को 3314 तक पहुंच गई थी, 4
जनवरी को घटकर 457 रह गई है। उन्होंने प्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए की जा
रही तैयारियों से भी अवगत कराया।
राजस्थान
स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार ने कहा कि
नये स्ट्रेन को लेकर प्रदेश में सतर्कता बरतना जरूरी है। उन्होंने बताया कि
हमारे देश में संभवतः लोगों का इम्यूनिटी लेवल अच्छा होने के कारण नये
स्ट्रेन का खतरा यहां कम होगा।
एसएमएस मेडिकल
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने कहा कि कोरोना के नये स्ट्रेन को
देखते हुए इससे प्रभावित देशों से आवागमन को कम से कम रखा जाना चाहिए। साथ
ही, ऎसे यात्रियों की एन्ट्री पॉइन्ट पर ही प्रभावी स्क्रीनिंग की जाए।
उन्होंने बताया कि नये स्ट्रेन की जांच की सुविधा फिलहाल देश में 8
संस्थानों में उपलब्ध है। तीन सप्ताह में राजस्थान में भी जांच की सुविधा
उपलब्ध हो सकेगी।
चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. अशोक
पनगड़िया ने कहा कि राज्य सरकार के निरन्तर प्रयासों से प्रदेश में कोरोना
का संक्रमण नियंत्रित हो सका है और यहां मृत्य दर काफी कम रही है। उन्होंने
वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को जरूरी प्रशिक्षण दिए जाने पर भी
जोर दिया। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भी नये
स्ट्रेन, वैक्सीनेशन और हैल्थ प्रोटोकॉल के सम्बन्ध में विचार व्यक्त किए।
Comments
Post a Comment
Your comments are precious. Please give your suggestion for betterment of this blog. Thank you so much for visiting here and express feelings
आपकी टिप्पणियाँ बहुमूल्य हैं, कृपया अपने सुझाव अवश्य दें.. यहां पधारने तथा भाव प्रकट करने का बहुत बहुत आभार