वीर पुरुष एवं योगी संत हरभू जी की गणना राजस्थान के 'पंच पीर' में की जाती है। जोधपुर री ख्यात, नैणसी री ख्यात, मारवाड परगना री विगत आदि पुस्तकों के अनुसार वीर हरभू जी जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के समकालीन थे तथा वे नागौर जिले के भूंडेल के शासक महाराजा सांखला के पुत्र थे। हरभू जी एक वीर योद्धा थे। अपने पिता की मृत्यु के पश्चात वे फलौदी में रहने लगे। यहाँ उन्होंने बाबा रामदेवजी के प्रेरणा से शस्त्र त्याग कर संत योगी बालीनाथ जी से दीक्षा प्राप्त की। कहा जाता है कि हरभू जी ने मेवाड़ के आधिपत्य से मंडोर को मुक्त कराने के लिए राव जोधा को अपने आशीर्वाद के साथ एक कटार भेंट की थी। इस कार्य के पूरा हो जाने पर राव जोधा ने इन्हें फलौदी के पास बेंगटी गाँव अर्पित कर श्रद्धा भक्ति एवं कृतज्ञता प्रकट की। हरभू जी संत योगी और वीर योद्धा दोनों ही थे। वे उपदेश एवं आशीर्वाद देने के साथ साथ योग्य पात्रों व शरणागत व्यक्ति की अपने भाले से रक्षा भी करते थे। हरभू जी शकुन शास्त्र के ज्ञाता एवं वचन सिद्ध महापुरुष थे। उन्हें चमत्कारी संत माना जाता था। उनके आशीर्वाद से लोगों को दुःखों से राहत प्राप्त होती थी। हरभू जी का स्थान फलौदी के पास बेंगटी में है। मनौती पूर्ण होने पर इनके भक्त इनके मंदिर में स्थापित 'हरभूजी की गाड़ी' की पूजा करते हैं। इनके मंदिर के पुजारी सांखला राजपूत होते हैं।
वीर पुरुष एवं योगी संत हरभू जी की गणना राजस्थान के 'पंच पीर' में की जाती है। जोधपुर री ख्यात, नैणसी री ख्यात, मारवाड परगना री विगत आदि पुस्तकों के अनुसार वीर हरभू जी जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के समकालीन थे तथा वे नागौर जिले के भूंडेल के शासक महाराजा सांखला के पुत्र थे। हरभू जी एक वीर योद्धा थे। अपने पिता की मृत्यु के पश्चात वे फलौदी में रहने लगे। यहाँ उन्होंने बाबा रामदेवजी के प्रेरणा से शस्त्र त्याग कर संत योगी बालीनाथ जी से दीक्षा प्राप्त की। कहा जाता है कि हरभू जी ने मेवाड़ के आधिपत्य से मंडोर को मुक्त कराने के लिए राव जोधा को अपने आशीर्वाद के साथ एक कटार भेंट की थी। इस कार्य के पूरा हो जाने पर राव जोधा ने इन्हें फलौदी के पास बेंगटी गाँव अर्पित कर श्रद्धा भक्ति एवं कृतज्ञता प्रकट की। हरभू जी संत योगी और वीर योद्धा दोनों ही थे। वे उपदेश एवं आशीर्वाद देने के साथ साथ योग्य पात्रों व शरणागत व्यक्ति की अपने भाले से रक्षा भी करते थे। हरभू जी शकुन शास्त्र के ज्ञाता एवं वचन सिद्ध महापुरुष थे। उन्हें चमत्कारी संत माना जाता था। उनके आशीर्वाद से लोगों को दुःखों से राहत प्राप्त होती थी। हरभू जी का स्थान फलौदी के पास बेंगटी में है। मनौती पूर्ण होने पर इनके भक्त इनके मंदिर में स्थापित 'हरभूजी की गाड़ी' की पूजा करते हैं। इनके मंदिर के पुजारी सांखला राजपूत होते हैं।
A great collection of Questions ....
ReplyDeletethanks for this....
Thank you Kakoo ji for appreciation. We gr8ful to your support..
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteThanks....
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